भारतीय मूल के 5 खिलाड़ी, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे देशों की कप्तानी की
Published - 04 May 2021, 03:50 AM

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भारत में एक से बढ़कर एक क्रिकेटर भरे पड़े है, कई क्रिकेटर तो ऐसे है की वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के काबिल है लेकिन, टीम में उन्हे जगह ही नहीं मिल पाती है। आज के दौर में तो ऐसा हो गया है की टीम इंडिया के चयनकर्ताओ के लिए खिलाड़ियों को चुनना मुश्किल हो जाता है।
सिर्फ भारत में ही नहीं भारत ने विश्व क्रिकेट को बहुत से महान खिलाड़ी दिए। आज के दौर में क्रिकेट खेलने वाली कई टीम के पास भारतीय मूल के खिलाड़ी मौजूद हैं। इन खिलाड़ियों में कुछ अभी बड़े क्रिकेटर बनने की राह पर हैं।
जबकि कुछ क्रिकेटर अपने शानदार प्रदर्शन के बदौलत खुद को महान खिलाड़ियों की लिस्ट में पहले शामिल कर चुके है। तो इसी क्रम में आज हम बात करेंगे 5 ऐसे भारतीय मूल के खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने विदेशी टीमों की कप्तानी की।
हाशिम अमला (साउथ अफ्रीका)
साउथ अफ्रीका के महान खिलाड़ियों में शुमार हाशिम अमला भारतीय मूल के खिलाड़ी है, हालांकि उनकी पैदाईस और परवरिश साउथ अफ्रीका में हुई और उन्होंने साउथ अफ्रीका के लिए ही क्रिकेट खेला।
हाशिम अमला भारतीय मूल के हैं। हाशिम अमला के दादा गुजरात के सूरत में रहते थे। लेकिन बाद में उनका परिवार साउथ अफ्रीका चला गया। अमला ने साउथ अफ्रीका की ओर से क्रिकेट खेलते हुए कई बड़ी उपलब्धि हासिल की।
लंबे समय तक क्रिकेट खेलने के बाद हाशिम अमला को साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट की कमान संभालने का मौका मिला। साउथ अफ्रीका के स्टार क्रिकेटर ग्रीम स्मिथ के संन्यास के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान बने।
रोहन कन्हाई (वेस्टइंडीज )
वेस्टइंडीज के लिए खेलने वाले महान खिलाड़ीयों में से एक रोहन कन्हाई भी भारतीय मूल के थे। रोहन ने कुल 79 टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज के लिए खेला। जिसमें उन्होंने 47.53 की बल्लेबाजी औसत से 6227 रन बनाए।
रोहन ने वेस्टइंडीज के लिए 7 टेस्ट मैच भी खेले, इस दौरान उन्होंने 54.66 की औसत से 164 रण बनाए। उन्होंने साल 1972 से 1974 तक 13 मैच में वेस्टइंडीज टीम की कमान संभाली जिसमें टीम को 3 मैच में जीत मिली, तीन मैच में हार मिली जबकि 7 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे थे।
रोहन कन्हाई के प्रदर्शन से कई पूर्व क्रिकेटर उस समय काफी प्रभावित थे, उन्ही में भारतीय पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी थे। सुनील गावस्कर, रोहन कन्हाई की बैटिंग से इतने प्रभावित थे कि उन्होने अपने बेटे का नाम भी रोहन रखा था।
नासिर हुसैन (इंग्लैंड)
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ियों में शुमार नासिर हुसैन ने इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलते हुए कई बड़ी उपलब्धि हासिल की। नासिर हुसैन के बारे में सबसे खास बात यह है की वह भारतीय मूल के हैं।
नासिर हुसैन का जन्म 20 मार्च 1968 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। उनके पिता कुछ समय बाद इंग्लैंड में जाकर बस गए और पिता की इच्छा के मुताबिक नासिर हुसैन ने इंग्लैंड में ही क्रिकेट सीखा।
नासिर हुसैन ने 30 अक्टूबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। फिर साल 1999 में वो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान बनाए गए थे। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 96 टेस्ट और 88 वनडे मैच खेले।
उन्होंने इंग्लैंड के लिए 96 टेस्ट मैचों ई 171 पारियों में 14 शतक और 33 अर्धशतक के बदौलत 5764 रन बनाए। वहीं वनडे क्रिकेट में भी वह 2332 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में उनके नाम 16 अर्धशतक और एक शतक दर्ज है।
आसिफ करीम (केन्या क्रिकेट टीम)
वनडे क्रिकेट में केन्या क्रिकेट टीम के लंबे समय तक कप्तान रहे आसिफ करीम भारतीय मूल के क्रिकेटर हैं। करीम केन्या टीम में एक निचले क्रम के बल्लेबाज के तौर पर खेलते थे। साथ ही वह बेहतरीन गेंदबाजी भी करते थे।
करीम ने साल 1996 के वर्ल्ड कप के दौरान भारत के खिलाफ वनडे टीम में डेब्यू किए थे। पहले वनडे में उन्होंने अजय जडेजा को आउट किया था। उन्होंने केन्या के लिए कुल 34 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 228 रन बनाए और 27 विकेट झटके।
केन्या के लिए आसिफ करीम को इक्कीस वनडे मैचों में कप्तानी करने का मौका मिला। जिसमें टीम ने 6 मैच जीते और 15 हारे। उन्होंने साल 2003 के विश्व कप में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। वर्ल्ड कप 2003 के दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ अपना आखिरी वनडे मैच खेला।
आशीष बगाई (कनाडा क्रिकेट)
कनाडा क्रिकेट टीम के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेलने वाले स्टार क्रिकेटर आशीष बगाई भी भारतीय मूल के खिलाड़ी है। आशीष का जन्म 26 जनवरी 1982 को दिल्ली में हुआ था। हलनी बाद में वह कनाडा चले गए।
आशीष ने कनाडा के लिए 62 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 2 शतक के बदौलत 1964 रन बनाए। उन्होंने कनाडा के लिए 9 टी-20 मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 264 रन बनाए। वह कनाडा के लिए कप्तानी भी कर चुके है।
आशीष बगाई ने कनाडा की टीम ने 27 वनडे और 4 टी-20 मुकाबले खेले, जिसमें से कनाडा ने 8 वनडे और 1 टी-20 मुकाबला जीता। आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग 2012-13 के दौरान नीदरलैंड के खिलाफ उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला था।