अपना देश छोड़ दूसरे देश से खेले होते तो आज दिग्गजों की लिस्ट में होते ये 5 खिलाड़ी
Published - 22 Aug 2020, 12:44 PM

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खेल की दुनिया में फुटबॉल या हॉकी की तरह ही क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें किसी भी टीम के लिए मैदान में 11 खिलाड़ी अपनी टीम को कामयाबी दिलाने की पूरी कोशिश करते हैं। क्रिकेट का खेल एक टीम वर्क माना जाता है जिसमें किसी एक खिलाड़ी पर टीम की कामयाबी निर्भर नहीं करती बल्कि पूरी टीम का योगदान अहम माना जाता है।
वो 5 खिलाड़ी जो हैं अच्छी टीम में खेलने के हकदार
क्रिकेट के खेल में कई टीमें हैं जिनके पास एक से एक कमाल के खिलाड़ी हैं। वैसे टीम वर्क से ही टीम लगातार जीत हासिल कर सकती है। और जब किसी टीम का पूरी कार्यभार एक खिलाड़ी पर निर्भर हो तो टीम लगातार जीत हासिल नहीं कर सकती है।
क्रिकेट जगत में कुछ टीमें ऐसी हैं जिनकी पूरी जिम्मेदारी किसी एक खिलाड़ी पर कुछ ज्यादा निर्भर हैं। अगर वो खिलाड़ी किसी और टीम का हिस्सा हो तो वो ज्यादा बड़ा नाम कर सकता है। तो आपको बताते हैं वो 5 खिलाड़ी जिनका स्थान बड़ी टीम के लिए है हकदार
क्रिस वोक्स (इंग्लैंड)
इंग्लैंड क्रिकेट टीम विश्व क्रिकेट की एक बेहतरीन टीम में से एक है। इंग्लैंड की टीम में पिछले कुछ सालों में खिलाड़ियों के बीच काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है। इसी प्रतिस्पर्धा के बीच इंग्लैंड की टीम के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी क्रिस वोक्स को काफी निराश होना पड़ा है। क्रिस वोक्स ने वैसे तो इंग्लैंड के लिए साल 2011 में ही अपने करियर का आगाज कर लिया लेकिन उन्हें अभी तक इतने ज्यादा मौके नहीं मिल सके हैं।
एक ऑलराउंडर के रूप में क्रिस वोक्स ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे उन्हें किसी भी टीम में प्रमुख स्थान मिल सकता है। लेकिन वोक्स को इंग्लैंड की टीम में खासकर टेस्ट में अब तक केवल 37 मैच और 101 वनडे ही खेल सके हैं। वोक्स अगर कोई और टीम में होते तो परमानेंट खिलाड़ी रहते।
रेयान टेन डोशेट( नीदरलैंड)
विश्व क्रिकेट में नीदरलैंड की टीम का नाम इतना ज्यादा बड़ा भी नहीं है और ना ही इस टीम को इतने ज्यादा मैच खेलने का मौका मिल पाता है। नीदरलैंड की टीम विश्व क्रिकेट की सबसे कमजोर टीमों में से एक मानी जाती है लेकिन इस टीम में एक बल्लेबाज रेयान टेन डोशेट खेलते हैं। रेयान टेन डोशेट भले ही नीदरलैंड से खेलते हैं लेकिन इनका क्रिकेट जगत में कई लोग पहचानते हैं।
डोशेट एक बहुत ही शानदार बल्लेबाज हैं। उन्होंने वनडे और टी20 क्रिकेट में नीदरलैंड को कई बार अकेले दम पर जीत दिलायी है। इनमें उन्होंने अपने वनडे करियर में 33 मैच खेले हैं जिसमें 67 की औसत से रन बनाने में सफल रहे। ऐसा रिकॉर्ड रखने के कारण वो दूसरी बड़ी टीम में खेलने के हकदार जरूर कहे जा सकते हैं।
जेसन होल्डर (वेस्टइंडीज)
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का एक ऐसा दौर था जब इसका जलवा पूरे क्रिकेट जगत में था। लेकिन पिछले दो दशक से वेस्टइंडीज की क्रिकेट में काफी ज्यादा गिरावट हुई है। आज के दौर में वेस्टइंडीज का नाम क्रिकेट जगत की मजबूत टीमों में नहीं लिया जाता है। लेकिन इस टीम के पास एक बहुत ही मजबूत खिलाड़ी हैं।
विंडीज की टीम में ऑलराउंडर और टेस्ट कप्तान जेसन होल्डर खेलते हैं। होल्डर एक बहुत ही जबरदस्त खिलाड़ी हैं। होल्डर अपनी टीम को कभी तो गेंदबाजी और कभी बल्लेबाजी से जीत दिलाते हैं। ऐसे में इतना तो सोचा या कहा जा सकता है कि जेसन होल्डर अपनी काबिलियत से बड़ी टीम में खेलने का पूरा श्रेय रखते हैं।
अंबाती रायडू (भारत)
भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने वाले खिलाड़ियों में अंबाती रायडू एक बहुत ही प्रतिभाशाली बल्लेबाज रहे हैं। अंबाती रायडू ने अपने क्रिकेट कौशल से काफी प्रभावित किया है। घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन के बाद आईपीएल में 2010 के बाद से उन्हें खास पहचान मिली। रायडू ने भारतीय टीम में साल 2013 में डेब्यू करने का मौका तो हासिल किया लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार टीम में स्थान नहीं मिला।
वो साल 2019 से पहले भी टीम के साथ लगातार खेल रहे थे लेकिन 2019 के विश्व कप में शामिल नहीं किया। इसके बाद रायडू ने संन्यास ले लिया और कुछ ही दिन के बाद संन्यास को फिर से बदला। लेकिन रायडू एक बहुत ही शानदार बल्लेबाज होने के बाद भी भारत के लिए केवल 55 वनडे ही खेल सके। वो दूसरी टीम में होते तो एक प्रमुख बल्लेबाज के रूप में खेलते।
कुशल मेंडिस (श्रीलंका)
श्रीलंका की टीम वैसे तो मौजूदा समय में लगातार नीचे गिरती जा रही है लेकिन इस टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो बहुत ही दमखम रखते हैं। श्रीलंका की टीम में कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने और तिलकरत्ने दिलशान के जाने के बाद प्रतिभाशाली बल्लेबाज कुशल मेंडिस का स्थान बना।
शुरुआत में तो कुशल मेंडिस ने अपनी बल्लेबाजी से काफी ज्यादा प्रभाव छोड़ा लेकिन इसके बाद वो अपने प्रदर्शन में स्थिरता नहीं रख सके तो उनका स्थान भी टीम से अस्थिर हो गया। कुशल मेंडिस को लगातार मौका तो मिलना बनता है। क्योंकि उनमें बल्लेबाजी का काबिलियत बहुत ही जबरदस्त है जिससे वो श्रीलंका की टीम में ना होते तो किसी और टीम में बहुत अहम खिलाड़ी हो सकते हैं।