खिलाड़ियों की चोट और खराब फील्डिंग नहीं होती तो भारत ऑस्ट्रेलिया में दिखाता अपना दबदबा

Published - 15 Jan 2021, 04:51 PM

खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। जहां, सीमित ओवर सीरीज के बाद दोनों टीमों के बीच एडिलेट टेस्ट के साथ टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई। इसमें टीम इंडिया के एक नहीं बल्कि कई खिलाड़ी चोटिल हुए हैं और साथ ही भारत की फील्डिंग भी टेस्ट सीरीज में निराशाजनक रही है। यही कारण है जिसके चलते कहीं ना कहीं भारतीय टीम अपना दबदबा नहीं बना पा रही है।

एक के बाद एक खिलाड़ी हो रहे चोटिल

टीम इंडिया

भारत और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली जा रही टेस्ट सीरीज में एक के बाद एक भारतीय खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं। जब भारत के टेस्ट स्क्वाड का ऐलान हुआ था, तब भुवनेश्वर कुमार व इशांत शर्मा के चोटिल होने के कारण उन्हें टीम में नहीं चुना गया।

मगर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले मैच में मोहम्मद शमी, दूसरे मैच में उमेश यादव इंजर्ड हो गए। इसके अलावा केएल राहुल और इन फॉर्म खिलाड़ी रविंद्र जडेजा भी रूल्ड आउट हुए। इतना ही नहीं सिडनी टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, हनुमा विहारी भी चोटिल हुए, जिसके चलते वह गाबा टेस्ट का हिस्सा नहीं बन सके।

एक के बाद एक खिलाड़ियों का चोटिल होना भारतीय टीम मैनेजमेंट के लिए चिंता का विषय बन चुका है, ये कहना गलत नहीं होगा कि इस वक्त भारत के इतने खिलाड़ी चोटिल हो चुके हैं कि टीम मैनेजमेंट को आखिरी टेस्ट मैच के लिए प्लेइंग इलेवन चुनने में भी समस्या हुई और युवा खिलाड़ियों से बनी टीम फाइनल टेस्ट मैच खेल रही है।

भारत की फील्डिंग खराब

भारतीय क्रिकेट टीम, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अब तक टेस्ट सीरीज में खराब फील्डिंग की है। खासकर विकेटकीपिंग की बात करें, तो ऋषभ पंत द्वारा कई कैच छोड़े गए। सिडनी टेस्ट की पहली पारी में तो पंत ने 3 कैच छोड़े थे, जिसके लिए उन्हें सोशल मीडिया पर काफी अधिक ट्रोल किया गया था।

इसके बाद मैदान पर भी फील्डर्स से कई कैच छूटे, जिसके कारण कहीं ना कहीं ऑस्ट्रेलिया टीम ने भारत पर दबाव बनाया। हालांकि अब तक खेले गए 3 टेस्ट मैच के बाद दोनों ही टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। मगर ये कहना गलत नहीं होगा कि यदि फील्डिंग अच्छी की जाती तो भारत, ऑस्ट्रेलिया में अपना दबदबा दिखाती।

फाइनल टेस्ट मैच की शुरुआत अच्छी

टीम इंडिया

भारत के दृष्टिकोण से देखें, तो गाबा टेस्ट मैच की शुरुआत अच्छी हुई है। भले ही मार्नस लाबुशेन ने शतक बनाया है, लेकिन भारत की युवा गेंदबाजी इकाई बेहद अच्छा प्रदर्शन कर रही है और नियमित अंतराल पर भारत के लिए विकेट चटकाकर टीम को मैच में बनाकर रख रही है। मगर, यदि भारत के अनुभवी खिलाड़ी आखिरी मैच में प्लेइंग इलेवन में होते तो यकीनन वह विपक्षी टीम पर दबाव बनाकर रखते।

हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा की इस टेस्ट मैच में भारत के युवा खिलाड़ी टीम को जीत दिला पाते हैं या नहीं। बताते चलें, गाबा टेस्ट मैच में वॉशिंगटन सुंदर व टी नटराजन को डेब्यू का मौका मिला है और मयंक अग्रवाल व शार्दुल ठाकुर की टीम में वापसी हुई है।

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