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Sachin Tendulkar: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर आज यानी 24 अप्रैल को अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं. भारतीय खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जो कारनामे किये उनसे शायद ही कोई अनजान होगा. विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतकों से लेकर सबसे ज्यादा रनों तक सचिन के करीब कोई नहीं है. उन्होंने अपने 24 साल के करियर में शतकों का सैकड़ा लगाया है.

उनके नाम 51 वनडे और 49 टेस्ट मैचों में शतक हैं. अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में उन्होंने 34,000 से अधिक रन बनाए हैं. यही कारण है कि सचिन क्रिकेट के भगवान कहे जाते हैं. लेकिन, उन्हें ये नाम दिलाने में किसने मदद की? आइए उनके जन्मदिन पर आपको इस महान खिलाड़ी के पीछे असल मेहनत करने वाले से रूबरू कराते हैं.

Sachin Tendulkar को एक महान क्रिकेटर बनाने के लिए उनके भाई ने दिया बलिदान

  • सचिन रमेश तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को महान खिलाड़ी बनाने में किसी और का नहीं बल्कि उनके भाई अजीत तेंदुलकर का बड़ा योगदान है.
  • बहुत कम लोग जानते होंगे कि सचिन को क्रिकेट का भगवान बनाने में उनके भाई ने मदद की थी.
  • अगर उनके भाई ने अपने करियर की बलि नहीं दी होती तो शायद दुनिया को इतना महान खिलाड़ी नहीं मिल पाता. इस बात को खुद महान दिग्गज सचिन भी मान चुके हैं.
  • उन्होंने खुद खुलासा किया कि अजीत ने ही उनमें प्रतिभा देखी थी. इसके लिए उन्होंने अपना क्रिकेट करियर दांव पर लगा दिया.

अजीत ने सचिन के क्रिकेट गुणों को निखारा

  • जानकारी के मुताबिक, जब सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) 11 साल के थे तो अजीत उन्हें कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गए.
  • लेकिन शुरूआती समय में वो कुछ कमाल नहीं दिखा सके. पहले प्रयास में भले ही वो खुद को साबित करने में चूक गए लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने वो कर दिखाया जो, हुनर कोच ढूंढ रहे थे. यहीं से उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया.
  • मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन की जीवनी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘सचिन ए बिलियन ड्रीम्स’ में दिखाया गया है कि कैसे अजीत ने सचिन के क्रिकेट गुणों को निखारा और उनके लिए एक महान क्रिकेटर बनने की नींव रखी.

सचिन ने अपना सुनहरा करियर अपने भाई को समर्पित किया

  • आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और अजीत तेंदुलकर दोनों भाइयों का सपना था कि वे भारत के लिए एक साथ खेलें.
  • लेकिन भाई ने सचिन के करियर के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया. एक बार दोनों भाई मैदान पर एक साथ खेले भी थे.
  • लेकिन, उस दौरान दोनों एक-दूसरे के खिलाफ उतरे थे. इस बारे में खुद पूर्व भारतीय दिग्गज ने खुलासा करते हुए बताया कि वो इस मुकाबले में अपने भाई को हराना नहीं चाहते थे.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि अपने भाई की वजह से ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर कर दिया था. यही कारण है कि क्रिकेटर ने अपना सुनहरा क्रिकेट सफर अपने भाई को समर्पित किया.

महज 16 साल की उम्र में किया था इंटरनेशनल डेब्यू

  • गौरतलब हो कि यह अजीत तेंदुलकर की कड़ी मेहनत ही थी कि सचिन तेंदुलकर ने (Sachin Tendulkar) महज 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था.
  • आपको बता दें कि सचिन ने 15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यू किया था.
  • उसके करवा आगे बढ़ता गया और सचिन क्रिकेट के भगवान बन गए.
  • मास्टर ब्लैस्ट के नाम से मशहूर खिलाड़ी ने फिर 16 नवंबर 2013 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था,
  • लेकिन उनके बनाए रिकॉर्ड इस बात की गवाही देते हैं कि मास्टर ब्लास्टर को पीछे छोड़ना आज भी दुनिया के किसी भी बल्लेबाज के लिए मुश्किल काम है.

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