धोनी के सबसे करीबी दोस्त और रणजी के कप्तान ने बताया वो रहस्य कहा से धोनी को मिलती है लम्बे-लम्बे छक्के लगाने की ताकत

Published - 05 Dec 2017, 11:11 AM

खिलाड़ी

भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हमेशा से ही अपनी पॉवरहिटिंग के लिए जाने जाते है. हाल में ही धोनी के करीबी दोस्त और रणजी में उनके कप्तान मनीषवर्धन सिंह ने स्पोर्ट्सवाला को इंटरव्यू दिया था, जहाँ पर उन्होंने बताया किस वजह से धोनी को मैदान पर बड़े-बड़े शॉट लगाने में दिक्कत नही होती थी.

मनीष वर्धन और धोनी ने बचाया था मैच

2004 के रणजी मैच में झारखंड का सामना केरल से हो रहा था. इस मुकाबले में झारखण्ड को आखिरी दिन 17 ओवर में 177 चाहिए थे. इस दौरान श्रीसंत और टीनू योहानन ने झारखंड के बल्लेबाज़ को एक-एक करके चलता करना शुरू कर दिया. जिसके बाद मनीष खेलने आए. धोनी उनको लेने के लिए पवेलियन तक आए और उन्होंने कहा कि जीतने की उम्मीद तो छोड़ दो, अभी सिर्फ मैच बचाओ। वरना दो तीन ओवर में ही ऑलआउट हो जाएंगे हमलोग। जिसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने झारखंड के लिए मैच बचा लिया. इस दौरान मनीष वर्धन ने 94 तो माही ने 96 रनों की पारी खेली थी.

उन्हें पसंद था हॉर्लिक्स

केरल के खिलाफ हुए मैच को लेकर बात करते है कि इस मैच से पहले सारे खिलाड़ी के होटल में रुके हुए थे. इस दौरान हम अपने पास चव्यनप्राश और हॉर्लिक्स जरुर रखते थे. धोनी की आदत थी कि वो सबके रूम में जाकर देखता था कि कौन खाने में क्या लाया है. इसदौरान उसे हमारे बैग में चव्यनप्राश और हॉर्लिक्स मिला. जिसके बाद हमने दूध मंगाया और साथ में दूध पिया.

नही भरा था गिलास

उन्होंने आगे बताया कि जब हमे दूध बांटा तो हमारा गिलास नही भरा था, जिस वजह से हमे आधे गिलास से ही संतोष करना पड़ा था. अगले दिन जब हम शतक बनाने से चुक गए तो मैच खत्म होने के बाद धोनी ने हमसे कहा कि," अरे मनीष जानते हो हम दोनों काहे नाही शतक बना पाए? कल रात में जो थोड़ा दूध फुल होने से बच गया न, यही वजह से हम दोनों शतक नहीं बना पाए। पूरा गिलास भर जाता तो पक्का शतक मार देते।"

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bcci India M.S.Dhoni