इन 2 भारतीय खिलाड़ियों पर बचा था टेस्ट क्रिकेट, लेकिन घमंड के चलते भरी जवानी में छोड़ दिया
Published - 27 Dec 2024, 07:52 AM

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Team India: टेस्ट क्रिकेट की महानता को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता, लेकिन इसमें कुछ ही खिलाड़ी सफल हो पाते हैं। फटाफट क्रिकेट के दौर में टेस्ट में रन बनाना किसी के लिए भी आसान नहीं है। लेकिन दो भारतीय खिलाड़ियों ने रेड बॉल क्रिकेट में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। इनका प्रदर्शन इतना बेहतरीन था कि हर कोई इनका दीवाना हो गया। लेकिन बेहतरीन होने के बावजूद इन खिलाड़ियों ने रेड बॉल क्रिकेट छोड़ दिया। अब आइए जानें कौन हैं ये दो बल्लेबाज
Team India के ये दो खिलाड़ी अपनी जवानी में ही टेस्ट क्रिकेट छोड़ चुके
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दरअसल टीम इंडिया (Team India) को हमेशा से एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जरूरत रही है। ऐसा नहीं है कि भारत को इस रोल का कोई नहीं मिला है। भारत को इस रोल के खिलाड़ी मिले हैं। लेकिन उनका प्रदर्शन बिट्स-एंड-पीस में देखने को मिलता है। यानी उन्हें एक चीज में अच्छा खेल दिखाना।
उदाहरण के लिए शार्दुल ठाकुर या नीतीश कुमार रेड्डी का नाम ले सकते हैं, जिन्होंने मैच में ऑलराउंडर प्रदर्शन नहीं दिखाया। कभी गेंद से तो कभी बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन बतौर ऑलराउंडर उनका पूरा प्रदर्शन देखने को नहीं मिला। ऐस में टीम को एक अच्छे तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जरूरत है। हार्दिक पांड्या इस रोल को बखूबी निभा सकते हैं।
हार्दिक पांड्या का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन अच्छा रहा
हार्दिक पांड्या टीम इंडिया (Team India) के सबसे शानदार ऑलराउंडर हैं। उनकी बेहतरीनी का अंदाजा व्हाइट बॉल क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखकर लगाया जा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि हार्दिक टेस्ट क्रिकेट में भी शानदार खिलाड़ी हैं। उन्होंने 11 मैचों में 500 से ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने गेंद से भी 17 विकेट लिए हैं। आंकड़े बताते हैं कि वे बेहतरीन हैं। लेकिन हार्दिक ने अनौपचारिक रूप से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने आखिरी बार 6 साल पहले इस फॉर्मेट में खेला था। टेस्ट क्रिकेट से दूर रहने की वजह फिटनेस है।
टेस्ट में एमएस धोनी का जलवा
हार्दिक पांड्या ही नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया (Team India) के सबसे महान कप्तानों में से एक एमएस धोनी ने भी टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लेकिन उन्होंने भी इस फॉर्मेट को अचानक छोड़ दिया। उन्होंने 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने 33 साल की उम्र में टेस्ट को अलविदा कह दिया।
उनके संन्यास के बाद भारत को लंबे समय तक टेस्ट विकेटकीपर की कमी खल रही थी, इस भूमिका को भरने के लिए रिद्धिमान साहा लंबे समय तक भारत की टीम में रहे। लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालांकि, अब पंत ने टेस्ट क्रिकेट में धोनी की जगह भर दी है। टेस्ट क्रिकेट में धोनी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो उन्होंने 90 मैचों में 38 की औसत और स्ट्राइक रेट से कुल 4876 रन बनाए। उन्होंने 6 शतक लगाए।
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