5 दिग्गज खिलाड़ी जिनका करियर कप्तान से मतभेद के चलते समय से पहले हुआ खत्म

Published - 18 May 2022, 07:43 AM

Virendra Sehwag-Dhoni Support test career

किसी भी खेल में कप्तान और खिलाड़ियों के बीच सामंजस्य का होना बहुत जरूरी है. क्योंकि कप्तान टीम का प्रतिनिधित्व करता है और टीम के अच्छे या बुरे प्रदर्शन में उसकी पूरी जवाबदेही होती है. इसलिए कप्तान अपनी मर्जी की टीम खिलाने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होता है. कई बार आपने ऐसा देखा होगा कि कप्तान तथा खिलाड़ियों के बीच आपसी खटास रहती है. जिससे कारण कई बार इसका खामियाजा खिलाड़ी को भुगतना पड़ता है.

इसी वजह से खिलाड़ियों को हमेशा कप्तान का प्रिय बनकर रहना पड़ता है. यदि कप्तान और क्रिकेट बोर्ड से किसी भी खिलाड़ी का रिश्ता अच्छा न हो तो उस खिलाड़ी के करियर पर भी बात आ सकती है. इसी कारण आज हम अपने इस विशेष लेख में कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारें में बात करेंगे.

जिनका रिश्ता कप्तान तथा क्रिकेट बोर्ड से अच्छा नहीं होने के कारण उस खिलाड़ी का करियर चौपट हो गया. जिसके कारण उस खिलाड़ी को संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा. इस लिस्ट में पांच खिलाड़ी शामिल है जो अपने दौर में बहुत अधिक प्रतिभाशाली रहे हैं. लेकिन कप्तान तथा क्रिकेट बोर्ड से खटास के कारण उन्होंने समय से पहले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया.

5. केविन पीटरसन

इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाज केविन पीटरसन का नाम आता है. केविन पीटरसन का करियर भी कप्तान तथा क्रिकेट बोर्ड के साथ लड़ाई के कारण ही खत्म हुआ था. करियर के अंत में उनके बोर्ड के साथ विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गये थे. जिसका नतीजा पीटरसन के करियर के अंत के साथ हुआ.

दरअसल, बोर्ड के साथ पीटरसन का विवाद एशेज सीरीज के दौरान हुआ था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड की टीम को एशेज सीरीज में बहुत ही बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद बोर्ड ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया था. उस समय उसकी वजह बताई गई थी की टीम अब युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका देना चाहती है.

जिसके कारण अब अनुभवी खिलाड़ियों को बाहर कर रही है. लेकिन मीडिया ख़बरों के अनुसार बाद में पता चला की पीटरसन का कप्तान एंड्रयू स्ट्रास और कोच एंडी फ्लावर के साथ झगड़े हो रहे थे. जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर करने का फैसला लिया गया था.

4. अंबाटी रायडू

अंबाटी रायडू

इस लिस्ट चौथा नाम भारतीय टीम के खिलाड़ी अंबाती रायडू का है. उनका करियर भी कप्तान विराट कोहली तथा बोर्ड के साथ खटास के कारण ही खत्म हुआ माना जाता है. रायडू ने कई बार बोर्ड से पंगा लिया है. वो कभी भी टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाये. हालांकि विश्व कप से पहले कई महीनों तक वो भारतीय टीम का लगातार हिस्सा रहे थे.

इसी कारण विश्व कप 2019 के दौड़ में वो नंबर 4 पर बल्लेबाजी के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उनका चयन अंत समय तक नहीं हुआ. हालाँकि कई दिग्गजों के अनुसार वे चयन के हक़दार थे. रायडू को वर्ल्ड कप के लिए स्टैंडबाय खिलाड़ियों में रखा गया थे. उनके स्थान पर विजय शकंर को टीम में जगह मिली थी.

इस चयन से नाखुश होकर रायडू ने टीम मैनेजमेंट पर खिलाड़ी के प्रदर्शन को 3 डी चश्में से देखने का आरोप लगाया था. जिसके कारण कप्तान तथा बोर्ड उनसे नाराज हो गये थे. इसका अंदाजा तब लगा जब विजय शंकर के चोटिल होने के बाद भी बोर्ड ने रायडू को नजरंदाज़ करके ऋषभ पंत को चुना. इसके बाद रायडू ने क्रिकेट से संन्यास की भी घोषणा किया था.

3. शोएब अख्तर

शोएब अख्तर

इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का नाम है. अख्तर की जब भी बात होती है तो उसमें उनकी गेंद्बाजी की अधिक गति और कप्तान तथा बोर्ड के बीच विवाद दोनों का नाम जरुर आता है. कहा जाता है कि अपने गति से जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजो को परेशान किया था.

उसी तरह खुद वो क्रिकेट बोर्ड से विवाद के कारण परेशान नजर आते थे. जिसका खामियाजा उन्हें खुद भुगतना पड़ा और इसी कारण उन्हें वक्त से पहले क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा. दरअसल, शोएब अख्तर अपने पूरे करियर में पीसीबी से लड़ते हुए ही नजर आए. इसी वजह से वो अपनी काबिलियत के हिसाब से जितने मैच खेलने के हकदार थे, उतने मैच अपने करियर में नहीं खेल पाए.

बोर्ड से विवाद के कारण ही उन्हें करियर के अंत में प्लेइंग इलेवन से लगातार बाहर रखा जाता रहा था. जिसमें से 2011 विश्व कप का सेमीफ़ाइनल मैच भी शामिल है. इतना ही नहीं अख्तर को पूरे करियर में कई कारणों से बार-बार बैन का सामना भी करना पड़ा था. जिसके कारण अंततः उन्होंने इन सबसे परेशान होकर वक्त से पहले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया.

2. वीरेंद्र सहवाग

वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग

भारत के सभी क्रिकेट प्रेमी पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की आदत तो जानते ही हैं. जब मुंह खोलते हैं, तो फिर वैसे ही बेखौफ बल्लेबाजी करते हैं जैसे मैदान पर गेंदबाजों की धुनाई करते थे. सहवाग कभी भी अपनी बात कहने से पीछे नहीं हटे. उन्होंने मीडिया के सामने कई बार धोनी पर उनके करियर को छोटा करने का आरोप लगाया है .

वीरेन्द्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी के बीच ख़राब रिश्तों की चर्चा तो अब आम हो गई है. दरअसल 2012 के अंत में जब माही तथा वीरू के रिश्ते में दरार आई तो उसका खामियाजा वीरू को ही चुकाना पड़ा. इसी विवाद के कारण सहवाग टीम से भी बाहर हो गये थे. सहवाग तथा माही का यह विवाद काफी दिनों तक मीडिया में चर्चा का केंद्र बना रहा.

आज भी कई बार मीडिया से उस पुराने विवाद की चर्चा कर सहवाग पुराने जख्मों को हरा कर देते हैं. इसी कारण सहवाग तथा धोनी का विवाद हमारी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.

1.गौतम गंभीर

गौतम गंभीर

इस लिस्ट में पहला नाम टीम इंडिया के शानदार सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का आता है. उनका करियर भी कुछ इसी अंदाज में खत्म हुआ था. दरअसल प्रेस कांफ्रेस और इंटरव्यू में गौतम गंभीर ने कप्तान धोनी तथा बोर्ड को लेकर कई बयान दिए थे. उसके बाद से ही धोनी और गंभीर के बीच विवाद बढ़ते ही नजर आ रहे थे. जिसका अंत गंभीर के संन्यास के साथ ही हुआ.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2012 में कप्तान धोनी और गौतम गंभीर के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से गंभीर ने कई बार प्रेस कांफ्रेस में कुछ ऐसे बयान दिए, जिसके बाद बोर्ड धोनी के साथ खड़ा हो गया और गौतम गंभीर को टीम से बाहर कर दिया गया. विवाद के बाद उनकी टीम में वापसी एक बार हुई.

लेकिन कुछ समय के बाद उन्हें दोबारा टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. जिसके कारण मैदान के बाहर से ही गौतम गंभीर को अपने करियर का अंत करना पड़ा. आज भी कभी-कभी गंभीर धोनी को लेकर अपनी बातों से चर्चा में रहते है. इस समय क्रिकेट से इतर गंभीर फिलहाल भाजपा से सांसद है.

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