8 क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी जिनके संन्यास के बाद टीम को नहीं मिला उनका विकल्प

Published - 24 May 2022, 07:02 AM

8 क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी जिनके संन्यास के बाद टीम को नहीं मिला उनका विकल्प

हर खेल की तरह क्रिकेट में भी हर खिलाड़ी को अपनी राष्ट्रीय टीम से संन्यास लेना ही पड़ता है. किसी भी खिलाड़ी के सन्यास लेने से टीम की परेशानी में इजाफा तब ज्यादा होता है जब उस खिलाड़ी का विकल्प आपके पास ना हो. और यदि संन्यास एक दिग्गज खिलाड़ी ले रहा है. तो विकल्प मिलना इतना आसन नहीं होता है.

हर टीम को भारत की तरह सचिन जैसे महान बल्लेबाज के बाद विराट कोहली जैसा रन मशीन नहीं मिलता. कई कई टीम को तो दशकों तक अपने खिलाड़ी का विकल्प नहीं मिलता है. इसी कारण आज हम आपको अपने इस विशेष लेख के माध्यम से बताएँगे की वो कौन से 8 दिग्गज खिलाड़ी हैं. जिनकी भरपाई टीम में अभी तक नही हो पायी है.

1. एबी डिविलियर्स

Ab de villiers captaincy
Ab de villiers captaincy

दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स का विकल्प तलाशना ही बेमानी होगी, क्योंकि ऐसे बल्लेबाज कई सदियों में एक बार पैदा होते हैं. कहा जाता है की जिस खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम में जगह मिल जाये वो बहुत ही भाग्यशाली होता है. लेकिन कई कई बार पासा उल्टा ही पड़ जाता है. क्योंकि मेरी समझ में दक्षिण अफ्रीका की टीम भाग्यशाली थी कि उन्हें डीविलियर्स जैसा विश्वस्तरीय खिलाड़ी मिला.

वे ऐसे खिलाड़ी थे कि किसी भी गेंदबाज को निडर होकर खेलते हुए मुश्किल शॉट को भी आसान बना देते थे. वो मैदान के चारों और गेंद को मारने में माहिर थे. इसी कारण उन्हें मिस्टर 360 भी कहा जाता है. 2004 में उन्होंने अपने करियर का आगाज किया. गेंद पर उनका बल्ला हथौड़े की तरह आता था और दर्शकों यह अंदाज काफी पसंद आता था.

डिविलियर्स दक्षिण अफ़्रीकी टीम के कप्तान भी रहे. एबी डिविलियर्स ने पिछले साल ही क्रिकेट के तीनों प्ररोपों से सन्यास की घोषणा की थी. डिविलियर्स के संन्यास के बाद दक्षिण अफ्रीका का स्तर लगातार गिरता गया. दक्षिण अफ्रीका को अभी तक डिविलियर्स के आधे टैलेंट का भी खिलाड़ी नहीं मिला है. इसी कारण यह खिलाड़ी हमारी सूची में विशेष स्थान रखता है.

महेंद्र सिंह धोनी

Dhoni captaincy
Dhoni captaincy

भारत के छोटे से राज्य झारखण्ड से आने वाले महेंद्र सिंह धोनी टीम के लिए एक डायमंड की तरह थे. वे टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे सफल कप्तान रहे. 2005 में उन्होंने अपने टेस्ट करियर का आगाज किया. भारत के लिए इस प्रारूप में कप्तानी करने के अलावा उन्होंने 90 मुकाबलों में 4876 रन भी बनाए.

2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सभी को चौंका दिया. बॉक्सिंग डे टेस्ट के अंतिम दिन मैच ड्रॉ रहा और पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के बाद बीसीसीआई की प्रेस रिलीज से उनके संन्यास की घोषणा हुई. इसके बाद सीरीज के अगले मैच के लिए विराट कोहली को कप्तान बनाया गया था.

भारतीय टीम की करीब 2 दशक तक सेवा करने के बाद भी महेंद्र सिंह धोनी की फिटनेस वैसी की वैसी ही है. विकेट कीपर, फिनिशर और कप्तान के तौर पर धोनी का कोई सानी नहीं है. धोनी के जाने के बाद भारतीय टीम को धोनी जैसा कोई भी विकेटकीपर अभी तक नहीं मिल सका है.

शेन वार्न

shane warne captaincy
shane warne captaincy

जब जब क्रिकेट में स्पिनर्स की बात होगी तो एक खिलाड़ी का नाम टॉप में जरूर आएगा. इस खिलाड़ी का नाम है शेन वॉर्न. हालांकि टेस्ट क्रिकेट में इनके विकेट की गिनती मुथैया मुरलीधरन से कम है लेकिन आज तक किसी भी लेग स्पिनर ने वॉर्न जितने विकेट कभी नहीं लिए. ऑस्ट्रेलिया के इस महान गेंदबाज ने साल 1992 में सिडनी में भारत के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था.

आपको बता दें कि वार्न ने मौजूदा भारतीय कोच रवि शास्त्री को अपना पहले शिकार बनाया था. हालांकि जब शास्त्री आउट हुए तो वह 206 रन बनाकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा चुके थे. वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में 145 मैचों में 708 विकेट लिए हैं. लेकिन एक विकेट ना तो वह कभी भूल सकते हैं और ना ही फैंस उनको भूलने देंगे.

वह गेंद थी 1993 के एशेज के दौरान ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस गेंद पर बोल्ड किया था. उस गेंद को सेंचुरी की सर्वश्रेष्ठ गेंद भी कहा जाता है. वॉर्न की यह गेंद लगभग 90 डिग्री तक घूमी. इस फिरकी के जादूगर के संन्यास लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया कोई कई भी ऐसा स्पिनर नहीं मिल सका जो वार्न की थोड़ी सी भी छवि हो.

ब्रायन लारा

brian lara captaincy
brian lara captaincy

वेस्ट इंडीज के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ब्रायन लारा अपने दौर में ऐसे सितारे थे. जिसकी चमक अभी भी बरक़रार है. लारा अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए दुनिया भर में मशहूर थे. इस कैरिबियाई खिलाड़ी के नाम टेस्ट क्रिकेट में 11,953 और वनडे में 10,405 रन दर्ज हैं. लारा ने क्रिकेट की दुनिया में ऐसे रिकॉर्ड दर्ज किए हैं. जिन्हें आज तक कोई बल्लेबाज तोड़ नहीं पाया है.

लारा के नाम टेस्ट और फर्स्ट क्लास मैचों की सबसे बड़ी पारी खेलने का अनूठा रिकॉर्ड दर्ज है. लारा दुनिया के इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं. जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 400 और प्रथम श्रेणी मैच में 500 रन का बेजोड़ आंकड़ा छुआ था. सचिन की तरह ब्रायन लारा को भी ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड से बड़ा लगाव था.

साल 1993 में लारा ने सिडनी में 277 रनों की शानदार पारी खेली. इस पारी के साथ लारा ने इशारों इशारों में ये ऐलान कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक सितारे का जन्म हो चुका है. लारा ने 21 अप्रैल 2007 को अपना आखिरी वनडे मैच खेला था. वो भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. लेकिन वो सदियों तक युवा क्रिकेटर्स के लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे. लारा जैसा बल्लेबाज अभी तक वेस्ट इंडीज को नहीं मिल सका है.

ब्रैंडन मैकुलम

Brendon McCullum captaincy
Brendon McCullum captaincy

27 सितंबर 1981 को डुनेडिन में जन्में ब्रेंडन मैक्कुलम न्यूजीलैंड क्रिकेट के बेहतर बल्लेबाज और सबसे सफल कप्तान माने जाते हैं. मैक्कुलम ने अपने देश के लिए कई यादगार पारियां खेलीं हैं. लोअर ऑर्डर बैट्समैन के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले मैक्कुलम ने जब बतौर ओपनर पिच पर कदम रखा तो उनका खेलने का तरीका बदल गया. उन्होंने एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाई.

दाएं हाथ के इस बल्लेबाज बल्लेबाज ने साल 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था. यह वनडे मैच सिडनी में खेला गया था. डेब्यू मैच में मैक्कुलम कुछ खास नहीं कर पाए और 5 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए थे. क्रिकइन्फो को दिए एक इंटरव्यू में मैक्कुलम ने कहा था कि उन्हें सबसे ज्यादा खराब तब लगता है जब वह रन आउट होते हैं. साल 2004 में मैक्कुलम ने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था और करीब 12 साल टेस्ट क्रिकेट खेले.

टी-20 क्रिकेट ही नहीं टेस्ट में भी मैक्कुलम के नाम कई रिकाॅर्ड हैं. मैक्कुलम ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाया है. इस कीवी बल्लेबाज ने यह कारनामा साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था. तब मैक्कुलम ने 54 गेंदों में ही सेंचुरी ठोंक दी थी. इस रिकाॅर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है. न्यूजीलैंड को इस विस्फोटक बल्लेबाज का विकल्प अभी तक नहीं मिल सका है.

मुथैया मुरलीधरन

Muttiah Muralitharan captaincy
Muttiah Muralitharan captaincy

जिस तरह बल्लेबाजी के लिए सचिन तेंदुलकर का नाम सबसे ऊपर आता है. उसी तरह गेंदबाज के रूप में श्रीलंकाई टीम के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का नाम सबसे ऊपर आता है. एक तरह से मुथैया मुरलीधरन को गेंदबाजी का सचिन तेंदुलकर कहा जाए तो इसमें किसी भी तरह का संदेह नहीं होगा. क्योंकि उन्होंने अपनी गेंदबाजी में तमाम रिकॉर्ड बनाए हैं.

सचिन तेंदुलकर के नाम बतौर बल्लेबाज सबसे ज्यादा शतक लगाने और सबसे ज्यादा रन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बनाने का विश्व रिकॉर्ड है. उसी तरह मुथैया मुरलीधरन के नाम गेंदबाजी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड है. मुथैया मुरलीधरन ने टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.

मुथैया मुरलीधरन ने 350 वनडे मैच अपने देश के लिए खेले हैं, जिसमें से 341 मैचों में उन्होंने गेंदबाजी की और 534 विकेट चटकाए हैं. वनडे क्रिकेट में भी सबसे ज्यादा विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड मुथैया मुरलीधरन के ही नाम है. हालांकि, वनडे क्रिकेट में फाइव विकेट हॉल लेने का मामले में वे दूसरे नंबर पर हैं, जिन्होंने 10 बार एक पारी में 5 विकेट चटकाए हैं.

इस मामले में वकार युनुस एक नंबर पर हैं. जिन्होंने 13 बार ये कमाल किया था. लेकिन ऐसा करने वाले वह एकलौते स्पिनर हैं. मुथैया ने जबसे अपनी राष्ट्रीय टीम से सन्यास लिया है श्रीलंका को उन जैसा कोई भी स्पिनर अभी तक नहीं मिल सका है.

इमरान खान

Imran Khan captaincy
Imran Khan captaincy

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान आज 67 साल के हो गए हैं. पाकिस्तान को इकलौता विश्व कप जीताने वाले इमरान खान का जन्म 5 अक्टूबर 1952 को लाहौर में हुआ था. साल 1971 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले इमरान खान ने 21 साल बाद 1992 में अपनी टीम पाकिस्तान को विश्व कप जीताया था. विश्व कप 1992 के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराकर विश्व कप का खिताब जीता था.

अपने समय के अव्वल दर्जे के ऑलराउंडरों में शुमार इमरान ने पाकिस्तान के लिए 88 टेस्ट मैचों की 126 पारियों में 37.69 की औसत से 3807 रन बनाए थे. जिनमें 6 शतक और 18 अर्धशतक शामिल थे. इसके अलावा उन्होंने 175 वनडे की 151 पारियों में 72.65 की औसत से 3709 रन बनाए थे.

इमरान ने अपने वनडे करियर में सिर्फ 1 शतक और 19 अर्धशतक जड़े थे. बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में भी इमरान के आंकड़े शानदार हैं. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने 88 मैचों की 142 पारियों में 362 विकेट झटके, 8/58 उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर था. जबकि 175 वनडे की 153 पारियों में इमरान ने 182 विकेट लिए थे. यहां उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 6/14 था. क्रिकेट से संन्यास के बाद इमरान खान को उनके जैसा शानदार ऑलराउंडर खिलाड़ी अभी तक नहीं मिला है.

युवराज सिंह के संन्यास के बाद नहीं मिला विकल्प

yuvraj singh captaincy
yuvraj singh captaincy

10 जून 2019 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके युवराज सिंह हमारी इस सूची में नंबर एक स्थान के साथ शीर्ष पर हैं. युवराज सिंह का अंतरराष्ट्रीय करियर उतार-चढ़ाव वाला रहा. लेकिन 19 साल के अपने क्रिकेट करियर में एक दशक से भी ज्यादा समय तक वह टीम इंडिया के संकटमोचक रहे.

युवराज सिंह ने अपने करियर के दौरान न सिर्फ बल्ले से, बल्कि अपनी गेंदबाजी से भी टीम इंडिया को जीत दिलाई. वह देश के चुनिंदा क्रिकेटरों में शामिल रहे. जिन्हें तीनों अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों (टेस्ट, वनडे और टी-20) में खेलने का मौका मिला. उन्होंने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से करोड़ों प्रशंसकों को दीवाना बनाया.

19 सितंबर 2007 को युवराज सिंह ने इतिहास रचा था. दक्षिण अफ्रीका में खेले गए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में युवराज ने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर की सभी 6 गेंदों पर 6 छक्के मारे थे. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अफ्रीकी धुरंधर हर्शल गिब्स के बाद एक ओवर में छह छक्के मारने वाले वह दूसरे बल्लेबाज बने थे. युवराज ने 2007 तथा 2011 का विश्वकप अपने दमपर भारतीय टीम को जिताया था. युवराज जैसा प्रतिभाशाली ऑल राउंडर खिलाड़ी का विकल्प अभी तक भारतीय टीम में उपस्थित नहीं हैं.

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