एकदिवसीय और टी-20 मैचों की तुलना में टेस्ट मैच को काफी कठिन माना जाता है. क्रिकेट का यह प्रारूप पूरी तरह से एकदिवसीय और टी-20 से अलग है. खिलाड़ियों की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट में ही होती है. अगर किसी बल्लेबाज के पास अच्छी तकनीक नहीं है तो वो कभी भी टेस्ट क्रिकेट में सफल नहीं हो सकता.
इस खेल में अच्छी तकनीक के अलावा खिलाड़ियों के पास धैर्य और एकाग्रता जैसे गुणों का होना भी अति आवश्यक है. हर खिलाड़ी का ये सपना होता है की वो अपने देश के लिए टेस्ट तथा विश्व कप खेले. हालांकि टेस्ट खेलने का ज्यादातर खिलाड़ियों का सपना पूरा हो जाता है लेकिन विश्व कप बहुत कम क्रिकेटर ही खेल पाते हैं. क्योंकि यह इवेंट 4 साल में एक बार आता है. जिसले लिए केवल टीम के सर्वश्रेष्ठ 15 खिलाड़ी ही चुने जाते हैं.
आपको जानकार हैरानी होगी कि कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं जो विश्व कप जैसे प्रतिष्ठित मौकों के लिए चुने जाते हैं, लेकिन देश के लिए एक भी टेस्ट मैच नहीं खेल पाते हैं. आज हम आपको भारतीय टीम के कुछ ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने देश के लिए विश्व कप खेला लेकिन कभी टेस्ट मैच नहीं खेल सके.
5. केदार जाधव
दायें हाथ के बल्लेबाज केदार जाधव एक ऐसे ही बल्लेबाज हैं, जिन्हें विश्वकप में खेलने का तो मौका मिला लेकिन टेस्ट क्रिकेट की टीम में उन्हें कभी भी चुना नहीं गया. आपको बता दें कि केदार जाधव को भारतीय चयनकर्ताओं ने विश्वकप 2019 के लिए 15 सदस्सीय टीम में रखा था.
इसके पहले एकदिवसीय मैचों में जाधव ने कई बार भारतीय टीम को गेंद तथा बल्ले से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. जिसके चलते ही उन्हें विश्व कप की टीम में चुना गया था. जाधव ने भारतीय टीम के लिए 73 एकदिवसीय मैचों में 42.10 की औसत और 101.6 के स्ट्राइक रेट से 1389 रन बनाए हैं.
इस दौरान उन्होंने दो शतक और 6 अर्धशतक भी लगाए हैं. इसके अलावा जाधव टीम के उपयोगी गेंदबाज भी हैं. उन्होंने अब तक 27 विकेट लिए हैं. जब-जब भारतीय टीम को विकेट की तलाश होती है तब जाधव ने टीम को सफलता दिलाई है. जाधव हमारी इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर हैं.
4. दिनेश मोंगिया
भारतीय पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने लगभग 13 साल पहले अपना आखिरी वनडे मैच खेला था. दिनेश मोंगिया ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच से की थी. बाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज रहे दिनेश मोंगिया ने उस समय सभी को हैरान किया था, जब 2003 के आईसीसी विश्वकप के लिए चुनी गई भारतीय टीम में उन्हें वीवीएस लक्ष्मण की जगह चुना गया था.
उस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था. हालांकि भारतीय टीम फाइनल मुकाबला नहीं जीत सकी थी. उन्होंने अपने करियर में कुल 57 वनडे मैच खेले हैं और उसमें 27.9 की औसत और 71.5 की स्ट्राइक रेट के साथ कुल 1230 रन बनाए हैं. उन्होंने पिछले साल ही 42 साल की उम्र में क्रिकेट के हर प्रारूप से संन्यास लेने का ऐलान किया था.
दिनेश मोंगिया ने भारत की ओर से अपना अंतिम वनडे मैच 2007 में ढाका में खेला था. दिनेश मोंगिया भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय टीम के लिए विश्व कप में खेला लेकिन एक भी टेस्ट मैच खेलने में कामयाब नहीं हुए.
3. युसूफ पठान
पूर्व भारतीय बल्लेबाज युसूफ पठान की गिनती तेज-तर्रार और तूफानी पारी खेलने वाले क्रिकेटरों में होती है. पठान ने अपने करियर की शुरुआत 2007 में वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में की थी. इस क्रिकेटर का करियर काफी छोटा रहा, लेकिन अपनी तूफानी स्ट्राइक रेट और लंबे छक्के मारने की काबिलियत की वजह से इन्होंने खूब नाम कमाया.
युसूफ पठान टीम इंडिया के लिए 2007 का टी20 विश्व कप तथा 2011 का वनडे वर्ल्ड कप खेल चुके हैं. 2011 के विश्व कप में युसूफ ने 6 मैचों में मात्र 74 रन बनाए थे. अब तक खेले 57 वनडे मैच में उनका स्ट्राइक रेट 113.6 का है. 22 टी-20 मैच उन्होंने खेले हैं, जिनमें उनका स्ट्राइक रेट और प्रभावी 146.58 का है.
पठान भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय टीम के लिए विश्वकप में खेला लेकिन एक भी टेस्ट मैच खेलने में कामयाब नहीं हुए.
2. रॉबिन उथप्पा
इस लिस्ट में दूसरे पायदान पर दिग्गज बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा हैं. उथप्पा ने 15 अप्रैल 2006 को इंदौर में इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था और उस मुकाबले में उन्होंने 86 रनों की पारी खेली थी जोकि उनके करियर का सर्वाधिक वनडे स्कोर भी है. उनकी इस बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ने वो मुकाबला 7 विकेटों से जीता था.
रॉबिन उथप्पा को साल 2007 में टीम इंडिया के लिए टी20 तथा एकदिवसीय विश्व कप खेलते देखा गया था. यह वहीं वर्ल्ड कप था जिसमें टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था और टीम को ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा था. भारतीय टीम इस विश्व कप को कभी भी याद नहीं करना चाहेगी.
उथप्पा ने अभी तक कुल 46 वनडे मुकाबले खेले हैं. उन्होंने वनडे में 1031 रन बनाए हैं. उथप्पा 2015 से ही टीम से बाहर चल रहे हैं. रॉबिन उथप्पा भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय टीम के लिए विश्व कप में खेला लेकिन एक भी टेस्ट मैच खेलने में कामयाब नहीं हुए.
1. युजवेंद्र चहल
खेल के मैदान में या फिर बहार अपने साथी खिलाड़ियों के साथ हंसी-मजाक करते रहने वाले भारतीय टीम के लेग स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल टीम इंडिया का बड़ा चेहरा बन चुके हैं. युजवेंद्र चहल ने जब से भारतीय टीम में कदम रखा है, तब से लेकर अब तक उन्होंने कई रिकार्ड्स अपने नाम किये है.
2019 के एकदिवसीय विश्व कप में 29 वर्षीय युजवेंद्र चहल 8 मैच खेले थे और 12 विकेट लेने में सफल रहे थे. अभी तक चहल भारत के लिए 52 वनडे में 91 और 42 टी20 मैचों में 55 विकेट हासिल किए हैं. युजवेंद्र चहल ने टी-20 आई क्रिकेट बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है. साथ ही युजवेंद्र चहल टी-20 क्रिकेट में सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज है.
युजवेंद्र चहल ने टी-20 क्रिकेट में मात्र 34 मैचों में 50 विकेट लिए थे. युजवेंद्र चहल भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय टीम के लिए विश्व कप में खेला लेकिन एक भी टेस्ट मैच खेलने में कामयाब नहीं हुए.