रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल मैच में भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती (Varun Chakravarthy) का प्रदर्शन शानदार रहा। अपनी घातक गेंदबाजी से उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड टीम के 300 से अधिक रन बनाने का सपना तोड़ दिया। वह फाइनल में टीम इंडिया की जीत के हीरो में से एक थे। मैच खत्म हो जाने के बाद वरुण चक्रवर्ती (Varun Chakravarthy) ने अपनी गेंदबाजी को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
वरुण चक्रवर्ती ने अपनी मिस्ट्री स्पिनर का खोला बड़ा राज
/cricket-addictor-hindi/media/media_files/2025/03/10/eTs7pncInzsqmUkioHzo.jpg)
भारत के चैंपियंस ट्रॉफी 2025 फाइनल जीत जाने के बाद धाकड़ स्पिनर वरुण चक्रवर्ती (Varun Chakravarthy) ने टीम अपनी गेंदबाजी को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पहली पारी के दौरान स्पिन काफी कम थी। इसलिए उन्हें स्टम्प टू स्टम्प गेंदबाजी करनी पड़ी। उन्होंने बताया,
“मुझे अचानक से टीम में मौक़ा मिला था। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं ऐसा प्रदर्शन करूंगा। पहली पारी में गेंद उतनी स्पिन नहीं कर रही थी लेकिन दूसरी पारी में गेंद में स्पिन देखने को मिला। हमें बहुत अनुशासित होना पड़ा और स्टंप पर टिके रहना पड़ा।”
विकेट को लेकर कही बात
वरुण चक्रवर्ती ने विकेट को लेकर कहा कि पिछले दो मैचों की तुलना में यह अच्छी विकेट थी। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें डेथ और पावरपले में गेंदबाजी करना काफी पसंद है। भारतीय मिस्ट्री स्पिनर ने खुलासा किया,
“पिछले दो मैचों की तुलना में यह अच्छी विकेट थी. और यहां गेंद ज्यादा टर्न नहीं हो रही थी. यह समझने के बाद मैंने स्टंप के दायरे की लाइन में गेंदबाजी करने का फैसला किया. और बल्लेबाज के गलती करने का इंतजार किया। मुझे डेथ ओवरों में और पावर-प्ले में बॉलिंग करना बहुत ही पसंद है. यह मुझे विकेट चटकाने का अवसर प्रदान करता है. 'मैं कुलदीप, जड्डू भाई और अक्षर से बातें करना पसंद करता हूं. मैं इस व्यवस्था में नया हूं और अच्छे रिश्ते बनाने की ओर निहार रहा हूं।”
अचानक हुई थी टीम में एंट्री
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए जब पहले टीम इंडिया का ऐलान हुआ था तो उसमें वरुण चक्रवर्ती को मौका नहीं मिला था। हालांकि, उन्हें पिछले महीने इंग्लैंड के साथ खेली गई वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया था। इसमें अपनी गेंदबाजी का जलवा बिखेरते हुए उन्होंने भारतीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा और फिर उनका टूर्नामेंट के लिए टीम में चयन हुआ। चैंपियंस ट्रॉफी के तीन मैच खेलते हुए उन्होंने 15.11 की औसत से 9 विकेट झटकी।
यह भी पढ़ें: रोहित शर्मा ने जिसका करियर खत्म करने में नहीं छोड़ी कोई कसर, वही बना सबसे बड़ा मैच विनर, अपने दम पर जिताएगा चैंपियंस ट्रॉफी
यह भी पढ़ें: फाइनल से पहले टीम इंडिया के लिए खतरे की घंटी, विराट कोहली का जिगरी यार तोड़ सकता है रोहित शर्मा का सपना