पूर्व भारतीय दिग्गज कप्तान जो कैप्टन कूल के नाम से मशहूर से भी महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक ही टेस्ट मैच से संन्यास लिया था और अचानक ही टी20 और वनडे की कप्तानी छोड़ दी इससे सब हैरत में आ गए थे. पूर्व कप्तान की सफलता को आंकने में कई लोग लगे हुए है. लेकिन इन सब बातो के बीच एक बात ये भी छिपी है कि धोनी ने भारतीय टीम को एक नई ऊचाई दी है.
ट्रॉफी जीतने के बाद धोनी हमेशा परदे के पीछे रहे है. धोनी कोई दांव खेलते थे तो वो ठीक बैठता था. जिससे आखिरी परिणाम टीम के हित में ही आता था. आज हम आपको बता रहे है महेंद्र सिंह धोनी के वे पांच बड़े दांव जो आज भारतीय क्रिकेट टीम के नाम को चमका रहे हैं.
वो पांच खिलाड़ी जिनको महेंद्र सिंह धोनी ने बार बार आलोचना सहते हुए बार बार मौका दिया था और आज वो भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज और स्टार गेंदबाज हैं. चलिए बताते है उन सब खिलाड़ियों के बारे में.
5, रोहित शर्मा
इसके बावजूद लगातार ख़राब फॉर्म में चलते हुए भी धोनी ने रोहित शर्मा को लगातार मौका दिया. इससे उनका पूरा करियर बदल गया. रोहित को सलामी बल्लेबाज बनाने में धोनी का सबसे बड़ा योगदान रहा है, वर्ष 2013 में जबसे धोनी ने उन्हें सलामी बल्लेबाजी करने का मौका दिया तबसे हम सभी को रोहित शर्मा का अलग रूप देखने को मिला.
जिन्हें अब सभी हिटमैन के नाम से जानते हैं. रोहित ने पिछले वर्ष विश्वकप में 5 शतक सहित सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज के रूप में गौरव हासिल किया था. रोहित को रोहित हिटमैन शर्मा बनाने में माही का बहुत बड़ा हाथ है.
4, सुरेश रैना
The T20 International is the second of two fixtures India play against Ireland on India's summer tour of Ireland and England. / AFP PHOTO / Paul FAITH
हमारी इस लिस्ट में अगले खिलाड़ी हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास की घोषणा करने वाले सुरेश रैना हैं. रैना का शुरू से ही धोनी के साथ बेहतरीन तालमेल रहा है. ऐसा आपने कई बार सुना होगा की महेंद्र सिंह धोनी और रैना की दोस्ती ख़ास है. वहीँ अगर किसी कारण वश धोनी किसी सीरीज में नहीं खेले तो रैना को कप्तानी की जिम्मेदारी भी मिली है.
धोनी ने कई बार रैना को तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करने का मौका भी दिया है. लेकिन रैना तीसरे नंबर पर जगह पक्की नहीं कर पाए. धोनी ने रैना के बारे में कहा था की वो एक बेहतरीन खिलाड़ी है, ऐसे में हमें उसका सपोर्ट करना चाहिए अगर हम उसे सपोर्ट नहीं करेंगे तो वह पाना नेचुरल गेम नहीं खेलेगा और सस्ते में आउट हो आएगा.
धोनी ने रैना को आत्मविस्वास और खेलने का मौका दिया जिससे आज रैना टी20 के खतरनाक बल्लेबाजो में गिने जाते है. इसी कारण रैना को बनाने में धोनी का बड़ा हाथ माना जाता है.
3, रविचंद्रन अश्विन
इस लिस्ट में तीसरा नाम भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का आता है अश्विन आज दुनिया के शानदार गेंदबाजों में शुमार है. सीमित ओवरों में भारतीय टीम से बाहर होने के चलते घरेलु क्रिकेट में अश्विन लगातार बेहतरीन खेल दिखा रहे हैं. अश्विन को पहली बार आईपीएल 2010 में उन्हें खेलने का मौका मिला था.
अश्विन का आईपीएल में शानदार प्रदर्शन रहा था. आर अश्विन आईपीएल में सीएसके के तरफ से धोनी के साथ खेलते थे. धोनी ने उनकी प्रतिभा को देखा और फिर भारतीय टीम में शामिल किया. जिसके चलते अश्विन को भारतीय टीम में जगह मिल गयी थी . उसके अगले साल ही अश्विन को टेस्ट में खेलने का मौका मिला था अश्विन ने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया है .
ये धोनी के बिना संभव नहीं था क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी ने ही उन्हें लगातार मौके दिए. अश्विन 2010 में टीम में आये और एक साल बाद वर्ष 2011 के विश्वकप में भी उन्हें चुना गया. जो कि धोनी की मर्जी के बिना नामुमकिन था.
रविन्द्र जडेजा
रवींद्र जडेजा भारतीय टीम के मुख्य खिलाड़ी हैं और वो संपूर्ण ऑलराउंडर हैं. वो गेंदबाजी, बल्लेबाज व फील्डिंग तीनों मामलों में जबरदस्त हैं. टीम इंडिया का ये अहम सदस्य आइपीएल में माही की टीम चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं और धोनी उन्हें बेहद पसंद करते हैं. जडेजा को लाने में भी धोनी का ही हाथ है.
रविन्द जडेजा धोनी की कप्तानी में सीएसके के तरफ से खेलते थे और धोनी के पसंदीदा होने के कारण ही धोनी ने उन्हें भी टीम में मौका दिया लेकिन रविन्द्र जडेजा अपने बल्ले से कुछ कमाल नहीं कर सके. इसके बावजूद भी धोनी ने उनको टीम से नहीं निकला और बार बार मौका देते रहे. इसी कारण इस शानदार ऑलराउंडर के करियर को बनाने में भी महेंद्र सिंह धोनी का अहम योगदान माना जाता है.
विराट कोहली
अब नाम आता है उस खिलाड़ी का जो भारत ही नहीं पूरी दुनिया के क्रिकेट की तकदीर बदल रहा है. हम बात कर रहे हैं मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली की. विराट कोहली को तीसरे क्रम में लाने का चांस धोनी ने ही दिया था. जहां उनके अछे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें टेस्ट में भी मौका दिया गया.
31 मार्च साल 2011-12 में विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई दौरे में सफल नहीं हो पायें लेकिन धोनी ने उन्हें मौका दिया जिसमें उन्होंने अर्धशतक लगाया, इसके बाद एडिलेट में शतक लगाकर आलोचकों को करारा जवाब दिया. 2012 में पर्थ में सलेक्टर कोहली की जगह रोहित को मौका देना चाहते थे लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी अंतिम 11 में विराट कोहली को शामिल किया.
ये बात पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खुद बोली थी कि मैं उस समय उपकप्तान था और हमने धोनी के कहने पर रोहित की जगह कोहली को सेलेक्ट किया था. धोनी ने इन खिलाड़ियों के ख़राब समय पर इनका साथ देकर इनको आगे बढ़ाया है ऐसे में इन सभी खिलाड़ियों का फर्ज बनता है उनके जीवन में महेंद्र सिंह धोनी के इस खास योगदान को वो कभी न भूलें.