3 भारतीय खिलाड़ी जो अपनी प्रतिभा के साथ नहीं कर पायें न्याय, दिग्गजों से होती थी इनकी तुलना

Published - 12 Jul 2020, 10:38 AM

खिलाड़ी

क्रिकेट के दुनिया में ऐसे कई सितारे हैं. जिन्होंने जब अपनी क्रिकेट शुरू की तो उन्हें देखकर भविष्य का सुपरस्टार बता दिया गया था. लेकिन जैसे-जैसे उनका करियर आगे बढ़ा तो उन्हें सिर्फ असफलता ही मिली. जिससे वो अपनी प्रतिभा के साथ बिलकुल भी न्याय नहीं कर पायें.

कुछ खिलाड़ियों ने जब अंडर-19 स्तर पर या भारतीय टीम के लिए खेला तो ऐसा नजर आया है की इस खिलाड़ी में सभी रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता नजर आती है. लेकिन उनका करियर उतना प्रभावशाली नहीं रहा. जिसके कारण वो कुछ समय के बाद टीम में नजर भी नहीं आ पायें.

आज हम आपको ऐसे ही 3 भारतीय खिलाड़ी के बारें में बताएँगे. जिनका करियर एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी के तौर पर शुरू हुआ. लेकिन अंत एक निराशाजनक ही रहा. ये खिलाड़ी अब सोशल मीडिया पर और कमेंट्री पर ज्यादा समय बिताते हुए नजर आते हैं. इन खिलाड़ियों की तुलना दिग्गजों से होती थी.

1. इरफ़ान पठान

तेज गेंदबाजी आलराउंडर इरफ़ान पठान ने जब अपना करियर शुरू किया तो स्विंग के कला से सभी को बहुत ज्यादा प्रभावित कर दिया. बाद में गेंद के साथ वो बल्ले से भी अहम योगदान देते हुए नजर आने लगे. जिसके कारण उनकी तुलना कपिल देव की होने लगी थी.

इरफ़ान पठान ने भारतीय टीम के लिए 29 टेस्ट मैच खेले. जिसमें 1105 रन बनाये और 100 विकेट भी हासिल किये. 120 एकदिवसीय मैच में उन्होंने 1544 रन बनाये थे. जबकि गेंद के साथ उन्होंने 173 विकेट अपने नाम किये हैं. इरफ़ान ने 24 टी20 मैच भी भारत के लिए खेले हैं.

पठान ने इस फ़ॉर्मेट में गेंद से 28 विकेट हासिल किये और बल्ले से 172 रन बनाये हैं. लेकिन 2012 में जब वो मात्र 28 वर्ष के ही थे. उस समय टीम से बाहर हो गये और फिर वापसी नहीं कर पायें. उनके प्रतिभा को देखकर ये आकड़े बहुत कम नजर आते हैं. जिसके कारण ये कहना गलत नहीं होगा की वो प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पायें.

2. रोबिन उथप्पा

विकेटकीपर बल्लेबाज रोबिन उथप्पा जब भारतीय क्रिकेट टीम में पर्दापण कर रहे थे. उस समय उनके खेल की तारीफ कर जगह होती हुई नजर आती थी. रोबिन उथप्पा को भी दायें हाथ का युवराज सिंह कहा जाने लगा था. लेकिन बाद में वो उस मुकाम तक नहीं पहुँच सके.

रोबिन उथप्पा ने भारतीय टीम के लिए 46 एकदिवसीय मैच में 25.94 के औसत से 934 रन बनाये. जिसमें 6 अर्धशतक भी शामिल रहे. जबकि इसके साथ ही उन्होंने 13 टी20 मैच खेला. जहाँ पर 24.9 के औसत से 249 रन भी बनाये. जिसमें एक अर्द्धशतक भी शामिल रहा था.

उथप्पा के छक्के लगाने की कला आईपीएल के दौरान जरुर नजर आई लेकिन भारतीय टीम के लिए वो कमाल का प्रदर्शन नहीं नजर आया. जिसके कारण ये कहा जा सकता है की वो अपनी प्रतिभा का पूरी तरह से दोहन नहीं कर पायें. जिसके कारण उन्हें असफलता मिली.

3. उन्मुक्त चंद

अंडर-19 भारतीय टीम ने उन्मुक्त चंद की कप्तानी में 2012 में जाकर खिताब अपने नाम कर लिया. जिसके बाद सभी उन्हें भारतीय टीम का भविष्य बताने लगे थे. कुछ दिग्गजों ने कहा की अंडर-19 टीम से एक और विराट कोहली जैसा खिलाड़ी आ रहा है. लेकिन हुआ उसका ठीक उल्टा.

उन्मुक्त चंद ने भारत के लिए कभी नहीं खेला. लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 67 मैच खेले. जिसमें 31.57 के औसत से 3379 रन बनाये. जबकि 120 लिस्ट ए मैच में उन्होंने 41.33 के औसत से 4505 रन बनाये. चंद ने 77 टी20 मैच में 22.35 के औसत से 1565 रन बनाये. जिसमें 3 शतक भी शामिल रहा.

चंद ने जिस तरह आईपीएल में खेला. वो उनके करियर पर बहुत ज्यादा भारी पड़ गया. जिसके बाद उन्हें टीम में जगह मिलना मुश्किल हो गया. हालाँकि अब वो दिल्ली की रणजी टीम का भी हिस्सा नहीं रहे. फ़िलहाल वो उत्तराखंड के लिए खेलते हुए नजर आ रहे हैं.

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