क्रिकेट जगत में कुछ दिग्गज ऐसे रहे हैं. जिन्होंने बहुत क्रिकेट खेला लेकिन करियर के अंत में आलोचना का शिकार होना पड़ा. पूर्व भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के विषय में भी लंबे समय से ये बातें चल रही है. हालाँकि अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है.
महेंद्र सिंह धोनी ऐसे पहले खिलाड़ी नहीं है. उनसे पहले भी फैन्स और मीडिया के दवाब में आकर भारतीय दिग्गजों ने संन्यास लेने का फैसला किया हुआ है. उन खिलाड़ियों पर मीडिया का सबसे ज्यादा दबाव नजर आ रहा था. जिसके कारण उन्होंने संन्यास जैसा एक बड़ा फैसला ले लिया.
आज हम आपको उन 4 भारतीय दिग्गज के बारें में बताएँगे. जिन्होंने मीडिया के दवाब में आकर ये बड़ा फैसला किया. इस लिस्ट में शामिल सभी खिलाड़ी को महान कहा जाता है. जिसमें से आज भी उन्हें सम्मान दिया जाता है. ये दिग्गज अक्सर आज भी ख़बरों में बने रहते हैं.
4. वीवीएस लक्ष्मण
टेस्ट फ़ॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक रहे वीवीएस लक्ष्मण का नाम भारत के फैब फोर में रहा करता था. अपनी एलिगेंस के लिए मशहूर लक्ष्मण ने कई मौकों पर नीचे के बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी कर टीम को हार से बचाया है और जीत भी दिलाई है.
2011 के इंग्लैंड दौरे में वीवीएस लक्ष्मण का बल्ला पूरी तरह खामोश रहा. जहाँ पर 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में उनके बल्ले से मात्र 182 रन निकले. इसके बाद 2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण के बल्ले से 4 टेस्ट में सिर्फ 156 रन निकले.
वीवीएस लक्ष्मण के इन दोनों सीरीज के बाद फैन्स और मीडिया के द्वारा जमकर आलोचना हुई. जिसके बाद 2012 न्यूजीलैंड सीरीज में चुने जाने के बाद भी उन्होंने संन्यास लेने का फैसला कर लिया था. बाद में साफ नजर आया की फैन्स के दवाब में ये फैसला हुआ था.
3. अनिल कुंबले
भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज की बात होती है तो सबसे ऊपर नाम अनिल कुंबले का ही नजर आता है. अन्य सभी उनके पीछे ही नजर आते हैं. अनिल कुंबले भी लेकिन करियर के अंतिम दौर में विकेट के लिए जूझते हुए नजर आ रहे थे.
अनिल कुंबले अपने करियर के अंतिम 5 पारियों में से 4 पारियों में एक भी विकेट नहीं हासिल कर पायें थे. जिसके बाद मीडिया और प्रशंसकों में उनके संन्यास को लेकर चर्चा होने लगी थी. जिसके बाद 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बीच में ही उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी.
कुंबले जैसे दिग्गज का करियर इस अंदाज में ख़त्म हुआ ये बहुत ज्यादा चौकाने वाला भी रहा था. अनिल कुंबले हालाँकि बाद में भारतीय टीम के कोच बने लेकिन वहां पर भी वो ज्यादा दिनों तक नहीं रहे. कप्तान विराट कोहली के साथ उनका विवाद चर्चा में जरुर रहा था.
2. सौरव गांगुली
महान कप्तानों की लिस्ट में शामिल होने वाले और मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का नाम इस लिस्ट में नजर आ रहा है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई सीरीज के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.
दादा पहले ही एकदिवसीय टीम से बाहर थे और 2008 में श्रीलंका में हुई टेस्ट सीरीज में उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा था. इसके बाद खेल प्रेमियों के बीच उनके संन्यास की बातें तेज हो गई थी. दादा ने उसके बाद घोषणा कर दी कि वह ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद संन्यास ले लेंगे.
मीडिया का भी उस समय दवाब था. हालांकि, कंगारुओं के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में उन्होंने मैच बचाऊ पारी खेली वहीं दूसरे मैच में शतक भी बनाया. उसके बाद सभी को लगा कि वह संन्यास वापस ले लेंगे लेकिन दादा ने ऐसा नहीं किया. सौरव गांगुली अपने बयान पर कायम ही रहे थे.
1. सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भी फैन्स और मीडिया के दवाब में आकर संन्यास जैसा बड़ा फैसला लेना पड़ा था. हालाँकि उन्होंने भारतीय टीम के लिए 24 सालों तक खेला था. 2011 तक सब सही रहा था. उनके खेलने से फैन्स खुश थे.
सचिन तेंदुलकर ने उसके बाद 100वाँ शतक बनाने के लिए टेस्ट और वनडे मिलाकर 20 से ज्यादा पारियां खेली थी. उसके अलावा सचिन ने अपने टेस्ट करियर की अंतिम 40 पारियों में एक भी शतक नहीं बनाया था. मीडिया में बात चलने लगी थी कि “सचिन तुम कब जाओगे”.
इसके साथ ही फैंस के बीच भी सचिन के संन्यास की बात चलने लगी. इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2013 में अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. हालाँकि उन्होंने अपना संन्यास घरेलू मैदान वानखेड़े पर लिया था. जहाँ पर उनका पूरा परिवार मौजूद था. जबकि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज खेली गयी थी.