भारतीय बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) को टीम इंडिया से दूर हुए लंबा समय हो गया है। भारत के लिए उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला पिछले साल दिसंबर में खेला था। इसके बाद घरेलू क्रिकेट से दूरी बनाने की वजह से भारतीय चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया। वहीं, अब वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच ईशान किशन ने अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। गेंदबाजों की कुटाई कर उन्होंने (Ishan Kishan) छक्के-चौकों की झड़ी लगा दी।
ईशान किशन के बल्ले ने मचाई तबाही
भारतीय बल्लेबाज ईशान किशन का घरेलू क्रिकेट शानदार रहा है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में उन्होंने कई शानदार पारियां खेली है। इस बीच रणजी ट्रॉफी 2016 में दिल्ली के खिलाफ खेले गए मैच में युवा बल्लेबाज ऐतिहासिक पारी खेल सभी को काफी प्रभावित किया। 2016 में थुंबा में झारखंड और दिल्ली के दरमियान रणजी ट्रॉफी का मैच खेला गया। टॉस जीतकर दिल्ली के कप्तान उन्मुक्त चंद ने पहले बल्लेबाजी के लिए झारखंड को न्योता दिया। इसके बाद टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। लेकिन ईशान किशन (Ishan Kishan) ने विस्फोटक बल्लेबाजी कर झारखंड को मजबूत स्थिति तक पहुंचाया।
गेंदबाजों की खड़ी की खटिया
पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे ईशान किशन (Ishan Kishan) ने गेंदबाजों की क्लास लगाते हुए दोहरी शतकीय पारी खेली। अपनी इस पारी में उन्होंने 21 चौके और 14 छक्के जमाए। वह 336 गेंदों पर 273 रन बनाने में कामयाब रहे। उन्होंने लगभग डेढ़ दिन तक क्रीज़ पर टिककर बल्लेबाजी की। ईशान किशन की पारी की बूते झारखंड टीम पहली पारी में 493 रन बनाने में सफल रही। इसके जवाब में दिल्ली की पहली पारी 334 रनों पर सिमट गई। इस दौरान कप्तान उन्मुक्त चंद ने 109 रन और ऋषभ पंत ने 117 रन का योगदान दिया।
टीम की बचाई लाज
झारखंड द्वारा फॉलोऑन मिलने के बाद दिल्ली की टीम ने चार दिन पूरे होने तक छह विकेट के नुकसान पर 480 रन बना दिए थे। हालांकि, इस मैच का कोई नतीजा नहीं निकला और दोनों टीमों के बीच भिड़ंत ड्रॉ पर खत्म हुई। वहीं, दूसरी ओर ईशान किशन को प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब सौंपा गया। अगर बात की जाए उनके (Ishan Kishan) फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर की तो उन्होंने 56 मैच की 95 पारियों में 3409 रन बनाए हैं। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में ईशान किशन को अपनी काबिलियत साबित करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। दो मैच की तीन पारियों में उन्होंने 78 की औसत से 78 रन जड़े।
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