भारतीय क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल मुकाबला साउथेम्पटन के मैदान पर खेला जा रहा है। इस मैच में कीवी टीम के गेंदबाजों ने भारत को 217 के स्कोर पर ही समेट दिया था। जबकि भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए मैदान पर तरसते नजर आए।
हालांकि तीसरे दिन के अंत तक भारत ने 2 विकेट चटकाए और न्यूजीलैंड ने 101 रन बनाए। भारत और न्यूजीलैंड में से ये कहना गलत नहीं होगा की न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
वहीं इस दौरान भारतीय टीम को कुछ खिलाड़ियों की कमी जरुर खल रही है। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 3 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिनकी कमी टीम इंडिया को WTC फाइनल में खल रही है।
WTC फाइनल में 3 खिलाड़ियों की खल रही कमी
1- भुवनेश्वर कुमार
इस बात में कोई शक नहीं है कि टेस्ट चैंपियनशिप WTC के फाइनल में अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की कमी साफतौर पर देखने को मिली है। भुवी को स्विंग का सुल्तान कहा जाता है और इंग्लैंड की मौजूदा परिस्तिथियों में वह कारगर सिद्ध हो सकते थे।
2014 के इंग्लैंड दौरे पर वो भुवनेश्वर ही थे जिन्होंने अपनी स्विंग से अंग्रेजों की नाम में दम करके रख दिया था। उस सीरीज में कुमार ने 5 टेस्ट मैचों में 26.63 की शानदार औसत के साथ गेंदबाजी करते हुए 19 विकेट चटकाए थे। खास बात तो यह थी कि वह दो बार एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लेने में कामयाब हुए थे।
गेंद से चमकने के साथ-साथ भुवी ने बल्ले से भी दस पारियों में 247 रन जोड़े थे। अगर भुवनेश्वर कुमार फाइनल का हिस्सा होते तो जरुर कीवी बल्लेबाजों को अपनी सटिक लाइन लेंग्थ से परेशानी में डाल सकते थे।
2- हार्दिक पांड्या
इस लिस्ट में अगला नाम 27 वर्षीय अनुभवी ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या का आता है। कहने को भले ही हार्दिक ने साल 2016 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया हो लेकिन मौजूदा समय में वह टीम इंडिया की जान बन चुके हैं।
टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में निश्चित रूप से हार्दिक पांड्या की कमी भारतीय टीम को खल रही है। अगर आज पांड्या फाइनल का हिस्सा होते तो टीम इंडिया को प्लेइंग इलेवन में एक बेहतर संतुलन देखने को मिलता। हार्दिक बल्ले के साथ निचले क्रम को संभालने से लेकर एक अतिरिक्त गेंदबाज की भूमिका भी निभा सकते थे।
याद कीजिए साल 2018 का इंग्लैंड दौरा जहां हार्दिक इसी रोल में खेलते नजर आए थे। उस समय पूरी सीरीज में हार्दिक ने चार मैचों में 24.70 की औसत के साथ गेंदबाजी करते हुए कुल 10 विकेट अपनी झोली में डालें थे, जबकि बल्ले से भी 164 रन बनाने में सफल रहे थे।
3- हनुमा विहारी
WTC फाइनल में तीसरे खिलाड़ी के रुप में टीम इंडिया को हनुमा विहारी की कमी साफ तौर पर खल रही है। हनुमा विहारी फाइनल का हिस्सा तो जरुर है लेकिन सिर्फ बंच पर... जी हां, उनको अंतिम ग्यारह का टिकट नहीं मिला, लेकिन अभी तक खेल के बाद ये कहा जा सकता है कि विराट एंड कंपनी ने उनको मिस किया है।
दरअसल, हनुमा विहारी टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी माने जाते हैं और पिछले दो महीनों से इंग्लैंड में भी है। इंग्लैंड में होने की एकमात्र वजह उनका काउंटी क्रिकेट में खेलना रहा। काउंटी क्रिकेट में खेलना का अनुभव और स्विंग को खेलने की समझ रखने के बाद भी उनको प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बनाया गया।
अगर विहारी फाइनल का हिस्सा होते तो जो मध्यक्रम ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गया उसका संभाल सकते थे। हनुमा पारी को बनाना जानते हैं और यह हमने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी देखा था। वह अपने साथ निचले क्रम को भी लेकर चलते हैं। मगर फाइनल में उनके नाम होने से टीम को उनकी जरुर खल रही है।