टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले पहले मैच में मेजबान टीम के कप्तान जो रूट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। परिणामस्वरूप नॉर्टिंघम टेस्ट में विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी वाली टीम पहले फील्डिंग करने मैदान पर उतरेगी। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मैच में फुल रोमांच और एक्शन देखने को मिलने वाला है, क्योंकि ये सीरीज टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे सत्र की शुरुआत भी है।
हालांकि इस बीच, भारत की प्लेइंग इलेवन ने एक बार फिर सभी को हैरान कर दिया। जी हां, कप्तान कोहली ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे सभी दंग रह गए। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 3 फैसलों के बारे में बताते हैं, जिसे देखकर सभी रह गए हैरान।
Virat Kohli ने प्लेइंग-11 में लिए 3 चौकाने वाले फैसले
1- ईशांत शर्मा की जगह मोहम्मद सिराज का चुनाव
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान Virat Kohli ने इंग्लैंड सीरीज के पहले मुकाबले में मोहम्मद सिराज को ईशांत शर्मा से पहले चुना। उन्होंने सिराज को प्लेइंग इलेवन में शामिल करके सभी को हैरान कर दिया। दरअसल, पिछले इंग्लैंड दौरे पर इशांत भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे और हाल के दिनों में वह अच्छी लय में ही नजर आए हैं।
सिराज के पास भले ही अधिक अनुभव ना हो, लेकिन उन्होंने पिछले कुछ महीनों में खुद को साबित करके दिखाया है। हाल ही में जब इंग्लैंड की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज खेली गई थी, तब कोहली ने इशांत को अंतिम ग्यारह में शामिल किया था, जिसके बाद क्रिकेट पंडितों का ऐसा मानना था कि सिराज इन परिस्थितियों में ज्यादा कारगर साबित हो सकते थे। अब देखना दिलचस्प होगा की इंग्लैंड की कंडीशंस में सिराज कैसा प्रदर्शन करते हैं।
2- चौथे गेंदबाज के रूप में शार्दुल ठाकुर को खिलाना
भारत की प्लेइंग इलेवन सामने आने पर जिस फैसले ने सभी को सबसे ज्यादा चौकाया है, वह है शार्दुल ठाकुर का होना। असल में नॉर्टिंघम टेस्ट में Virat Kohli ने अंतिम ग्यारह में 4 तेज गेंदबाजों के साथ जाने का फैसला किया, लेकिन हैरानी की बात ये रही कि टीम में चौथे पेसर के रूप में उन्होंने उमेश यादव को नहीं बल्कि शार्दुल ठाकुर को शामिल किया।
लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा की जिस तरह की परिस्थितियां इस वक्त हैं, जैसे धूप निकली हुई है, तो टीम में उमेश ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे, मगर कप्तान ने शार्दुल को टीम में शामिल किया। शार्दुल के टीम में होने से बल्लेबाजी इकाई को गहराई मिलती है, जो इंग्लैंड में भारत के हित में काम कर सकती है।
3- अश्विन की जगह जडेजा को खिलाना
नॉर्टिंघम टेस्ट में Virat Kohli ने एक स्पिन गेंदबाज के साथ मैदान पर उतरने का फैसला किया। ऐसे में उन्होंने रविंद्र जडेजा को प्लेइंग इलेवन शामिल किया और रविचंद्रन अश्विन को बेंच पर बैठाने का फैसला किया।
इस बात में शक नहीं है कि जडेजा की मौजूदगी में भारत की बल्लेबाजी को गहराई मिलती है और उनकी गेंदबाजी भी प्रभावी रहती है। मगर अश्विन का होना भारत के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता था, क्योंकि उन्होंने काउंटी चैंपियनशिप में खेलते हुए भी अच्छी गेंदबाजी की थी और 6 विकेट चटकाए थे। रही बल्लेबाजी की बात, तो अश्विन के नाम 5 टेस्ट शतक हैं, जो उनकी बल्लेबाजी प्रतिभा को भी दर्शाते हैं।