5 पारियां जब भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने 150+ स्कोर किया, इन पारियों ने बदला इतिहास

Published - 08 Jul 2020, 11:03 AM

खिलाड़ी

वनडे क्रिकेट में किसी भी खिलाड़ी के लिए 150 रन बनाना आम बात नहीं हैं. जब भी कोई बल्लेबाज ऐसा स्कोर खड़ा करता है तो उसे शानदार पारियों में गिना जाता है. अभी तक विश्व भर में 4 हजार से भी अधिक बार अंतर्राष्ट्रीय वनडे खेले गए हैं. जिनमे सिर्फ 117 बार खिलाड़ियों ने 150+ का स्कोर बनाया है. आमतौर पर जब भी कोई खिलाड़ी 150 या उससे अधिक का स्कोर बनाता है. तो बाकी के सभी खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम मे बेफिक्र होकर बैठते हैं.

हालांकि ऐसे भी कई मैच हैं जिनमें टीम के किसी खिलाड़ी ने ऐसी शानदार पारी खेली हैं. लेकिन इसके बावजूद भी वो अपनी टीम को मैच जिताने में नाकाम रहे हैं. 117 बार खिलाड़ियों ने 150+ से ज्यादा रनों की पारी खेली है जिनमें से 15 ऐसे मैच हैं जिनमें उन टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है. लेकिन हार के बावजूद भी उस पारी को दुनिया याद रखती है.

अगर हम भारत की बात करें तो सुद्रण बल्लेबाजी हमेशा से ही भारतीय टीम की पहचान रही है. इसी कारण आज की इस खास पेशकश में आज हम आपको ऐसी ही 5 शानदार परियों के बारे में बताएँगे जिसमें भारतीय बल्लेबाजों ने 150 या उससे अधिक का स्कोर बनाया हो.

5. विराट कोहली

भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली विश्व क्रिकेट का वह हीरा है. जिन्होंने पिछले कुछ समय में क्रिकेट को अपनी बल्लेबाजी से बहुत कुछ दिया है. विराट कोहली वर्तमान के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं इसमें कोई दो राय नहीं है.

उन्हें सर्वश्रेष्ठ कहना भी कुछ गलत नहीं होगा. विराट को बल्लेबाजी करते देखना किसी अद्भुत नजारे से कम नहीं है. विराट ने ऐसे तो कई लाजवाब परियां खेली हैं. लेकिन न्यूज़ीलैंड के भारत दौरे के दौरान खेली गई इस पारी को कोई इतनी आसानी से नहीं बुला सकता. दरअसल 23 अक्टूबर 2016 को मोहाली में खेले गए वनडे मैच के दौरान न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 286 रन का लक्ष्य रखा.

इस मैच में भारतीय बल्लेबाजी की शुरुआत बेहद खराब रही. पारी की शुरुआत में अजिंक्य रहाणे जल्दी ही पवेलियन लौट गए, उनके बाद रोहित शर्मा भी कुछ खास नहीं कर सके. लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली मानों ड्रेसिंग रूम से ही सेट होकर आये थे. विराट ने आते ही न्यूजीलैंड के सभी गेंदबाजों की जमकर धुलाई करते हुए महज 134 गेंदों में 154 रन बनाए.

इस पारी की बदौलत भारत ने यह मैच 10 गेंदे शेष रहते ही जीत लिया. अपनी इस पारी के दौरान कोहली ने 16 चौके और एक छक्का लगाया. विराट कोहली ने 114 रन की स्ट्राइक से यह पारी खेली. जो कि रनों का पीछा करते हुए कभी आसान नहीं होता. इस पारी में विराट ने दिखा दिया कि यूं ही उन्हें चेस मास्टर नहीं कहा जाता. कोहली की 154 रनों की इस पारी का हमारी इस सूचीं में 5वें स्थान पर है.

4. रोहित शर्मा

यह शानदार पारी थी. रोहित ने क्लासिकल अंदाज में शुरुआत की. अपनी हाफ सेंचुरी उन्होंने 72 गेंदों पर पूरी की. लेकिन यह तो मानों तूफ़ान के पहले की शांति थी क्योंकि इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की धज्जियां उड़ाना शुरू किया. 114 गेंदों पर अपना शतक पूरा करने वाले रोहित ने अगले 109 रन केवल 44 गेंदों पर बना डाले.

रोहित शर्मा ने विश्व कीर्तिमान बनाते हुए इस पारी में 16 छक्के लगाए. इसी के साथ वह सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग के बाद वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज बन गए. इस पारी के दम पर भारत ने 383 रनों का स्कोर खड़ा किया और भारत ने सात मैचों की सीरीज अपने नाम की.

इस भारतीय सलामी बल्लेबाज ने अभी तक खेले 224 एकदिवसीय मुकाबलों में 29 शतकों की मदद से करीब 50 की औसत से 9115 रन बनाए हैं. वनडे अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 3 दोहरे शतक लगाने वाले रोहित इकलौते बल्लेबाज हैं. इस दौरान उनके बल्ले से सर्वाधिक 264 रनों की रिकॉर्ड पारी भी निकली.

3. सचिन तेंदुलकर

सचिन

सचिन तेंदुलकर की यह पारी वनडे इतिहास की सबसे यादगार पारियों में दर्ज हो गई. वनडे इतिहास में पहला दोहरा शतक और वह भी विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण के सामने. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 3 विकेट खोकर 401 रनों का पहाड़ स्कोर खड़ा किया.

तेंदुलकर ने डेल स्टेन, वेन पार्नेल, जैक्स कैलिस जैसे गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए 147 गेंदों पर नाबाद 200 रन बनाए. सचिन ने दिनेश कार्तिक 79 के साथ दूसरे विकेट के 194, यूसुफ पठान 36 के साथ तीसरे विकेट के लिए 81, और कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी 68* के साथ चौथे विकेट के लिए नाबाद 101 रन जोड़े थे.

वे भारत की पूरी पारी के दौरान मैदान पर खड़े रहे. जवाब में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 42.5 ओवरों में 248 रनों पर ही रोक दिया था. अफ्रीका के लिए एबी डीविलियर्स ने नाबाद 114 रन बनाए थे. भारत ने सीरीज का यह दूसरा मुकाबला 153 रनों से जीतने के साथ तीन मैचों की सीरीज पर भी कब्जा जमाया.

2. महेंद्र सिंह धोनी

भारतीय क्रिकेट इतिहास में महेंद्र सिंह धोनी की एक अलग जगह है. वह दर्शकों के चहेते तो हैं ही, साथ ही साथ उन्‍होंने विश्‍व क्रिकेट में अपनी धुआंधार बल्‍लेबाजी से डंका बजाया है. यही वजह है कि एमएस धोनी को दुनिया के सर्वश्रेष्‍ठ मैच फिनिशर की उपाधि दी गई है. धोनी भारतीय क्रिकेट टीम इतिहास के सबसे दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार हैं.

वैसे तो धोनी ने कई यादगार पारियां खेलीं हैं लेकिन श्रीलंका के साथ खेली गई ये पारी हर किसी के लिए यादगार है. असल में ये मैच 31 अक्टूबर 2005 को जयपुर के सवाई मान सिंह क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था. इस मैच में एमएस ने नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए मात्र 145 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 183 रन बनाए थे. अपनी इस यादगार पारी में एमएस धोनी ने 15 चौके और 10 गगनचुंबी छक्के भी जड़े थे.

यह पारी खास इसलिए भी थी, क्योंकि माही ने यह शतकीय पारी 299 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए खेली थी. एमएस को उनकी इस मैच जिताऊ पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' का अवार्ड भी मिला था. इस पारी के बाद माही एकदिवसीय क्रिकेट में बतौर विकेटकीपर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले खिलाड़ी भी बन गए थे. महेंद्र सिंह धोनी के वनडे करियर का यह सिर्फ 22वां वनडे मैच था और इस फॉर्मेट में उनका उस समय यह दूसरा शतक था. टीम इंडिया ने यह मैच 6 विकेट से जीतकर अपने नाम किया था.

1. कपिल देव ने खेली थी वनडे क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ पारी

अगर आपसे पूछा जाए कि भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे बड़ा बदलाव का दिन आप कौन सा मानते हैं तो आपका जवाब क्या होगा? निश्चित तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 वर्ल्ड कप चैंपियन बनने के दिन को ही आप सबसे बड़ा मानेंगे. हम आपको बताते हैं कि वो दिन था 18 जून, 1983 का यानी आज से ठीक 27 साल पहले.

उस वक्त तक टेस्ट दर्जा भी हासिल नहीं कर पाए जिंबाब्वे के खिलाफ कपिल देव ने 175* रन की पारी खेली थी, जिसने टीम इंडिया के लिए सबकुछ बदल दिया था. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के 2 सलामी बल्लेबाज बिना खता खोले ही पवेलियन लौट गए. भारतीय टीम बहुते दबाव में थी ऐसे में कपिल देव ने कप्तान की तरह जिम्मेदारी से खेलते हुए दूसरे छोर पर मौजूद रोजर बिन्नी को भी समझाबुझा कर टिके रहने की प्रेरणा दी.

नतीजतन ये दोनों बल्लेबाज स्कोर को 77 रन तक ले गए. लेकिन यहां बिन्नी (22 रन) अपना विकेट गवां बैठे. फिर विकेट पर आए रवि शास्त्री ने 1 रन ही बनाया. लेकिन मदन लाल ने 17 रन बनाते हुए कप्तान का कुछ साथ दिया. इस दौरान कपिल एकतरफा अपने दम पर स्कोर बढ़ाते रहे. कपिल को 140 रन के स्कोर पर मदन लाल के वापस लौटने के बाद असली जोड़ीदार विकेटकीपर बल्लेबाज सैयद किरमानी के तौर पर मिला.

जो 24 रन बनाकर कपिल के साथ ही नॉटआउट पवेलियन वापस लौटे. आखिर में टीम का स्कोर रहा 60 ओवर में 8 विकेट पर 266 रन. बाद में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे को महज 57 ओवर में 235 रन पर रोककर अपनी टीम को मैच जिता दिया. इसी कारण कपिल देव की इस पारी को हमने अपनी सूची में शीर्ष स्थान दिया है.

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