महेंद्र सिंह धोनी शायद ही अब किसी भी तारुफ़ के मोहताज हैं. धोनी दुनिया के सबसे सफ़ल कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाजों में शामिल हैं. धोनी विश्व के एकलौते इसे कप्तान है, जिन्होंने अपनी टीम को आईसीसी की तीनो ट्रॉफी जिताई हैं. इसके आलावा वनडे क्रिकेट में 100 स्टंपिंग करने वाले भी धोनी अकेले विकेटकीपर हैं.
धोनी आज एक ऐसे मुकाम पर मौजूद हैं जहां जाना अन्य किसी खिलाड़ी के लिये आसान नहीं हैं. हालाँकि धोनी का भी यहाँ तक का सफ़र आसान नहीं रहा हैं. लेकिन जब से धोनी ने क्रिकेट में इंट्री की तब से लगातार नई उचाईयों को छूते रहे. धोनी के इसी शानदार प्रदर्शन के कारण 20 के दशक में कई शानदार खिलाड़ियों की प्रतिभा को तरजीह नही दी गयी.
वहीं कई खिलाड़ी ऐसे भी रहे जो ज्यादा दिनों तक भारत के लिए खेल सकते थे लेकिन एमएस धोनी के कारण उनका क्रिकेट करियर समय से पहले ही ख़त्म हो गया. धोनी के कारण कई खिलाड़ी ऐसे रहे है, जिनका करियर शुरू होते ही खत्म हो गया हैं. इस कारण आज के इस विशेष लेख में हम 5 ऐसे खिलाडियों के बारे में जानेगे, जिनका धोनी की वजह से क्रिकेट करियर खत्म हुआ या कम हुआ.
5. गौतम गंभीर
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. देश के कोने-कोने में उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. मालूम हो कि गौतम गंभीर एमएस धोनी के सीनियर खिलाड़ी रहे हैं. हालाँकि टीम के कप्तान होने के नाते धोनी को हमेशा ही गंभीर से ज्यादा अहमियत मिली. धोनी और गंभीर के बीच मतभेद वर्षो पुराने है, जोकि समय-समय पर सामने आते रहते हैं. गौतम गंभीर धोनी के विरुद्ध बयान देने से बिल्कुल नहीं कतराते हैं.
गंभीर ने धोनी से लगभग 2 वर्ष पहले डेब्यू किया था, लेकिन गंभीर अपने करियर में केवल 147 वनडे मैच ही खेल पाए, जबकि धोनी का आंकड़ा 300 के पार हैं. धोनी पर कई बार आरोप लगते रहे, कि धोनी के कप्तान होने के कारण धोनी टीम के सीनियर खिलाड़ियों की अनदेखी करते हुये अपने फ़ेवरेट खिलाड़ी को मौका देते हैं.
वर्ष 2013 में धोनी ने गौतम को टीम से बाहर करके रोहित शर्मा को पारी की शुरुआत की ज़िम्मेदारी सौंपी थी. जिसके बाद गंभीर का क्रिकेट करियर ज्यादा नहीं चल सका. इसी कारण गौतम गंभीर हमारी इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर मौजूद हैं.
4. दीप दास गुप्ता
बंगाल के विकेटकीपर बल्लेबाज दीपदास गुप्ता ने अपने क्रिकेट कैरियर में केवल पांच वनडे और आठ टेस्ट मैच खेले हैं. इनका जन्म 07 जून 1977 को बिहार के पूर्णिया में हुआ था. दीपदास का करियर महज एक साल का था. 2001 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका दौरे अपने करियर की शुरूआत की थी.
बता दें कि दीपदास गुप्ता की पहली कोच महिला थी,जिनका नाम सुनीता शर्मा है. सुनीता देश की पहली महिला कोच हैं. दीपदास के बाद अजय रात्रा की टीम में एंट्री हुई लेकिन दोनों का करियर तब प्लॉप हो गया. जब टीम में तूफानी बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की एंट्री हुई.
इसी कारण बंगाल के विकेटकीपर दीप दास गुप्ता भी उन खिलाडियों में शामिल है. जिसका धोनी के कारण करियर बर्बाद हुआ है. दीप दास गुप्ता ने बतौर बल्लेबाज़ अच्छा प्रदर्शन किया था, हालाँकि उनकी कीपिंग स्किल धोनी से कमजोर थी. इसी कारण धोनी के डेब्यू के बाद कीपिंग और बल्लेबाज़ी में सुधार के बावजूद उनकी लिये टीम इंडिया के दरवाजे बंद हो गए.
3. पार्थिव पटेल
हमारी इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर बाएं हाथ के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल को रखा गया है. दरअसल पार्थिव को 2003 के विश्व कप में एक स्पेशलिस्ट विकेटकीपर के तौर पर टीम इंडिया में शामिल किया गया था. लेकिन खास बात तो यह है कि इनको एक भी मैच में खेलने को मौका नहीं मिला था.
पार्थिव पटेल ने महज 16 वर्षो की उम्र में धोनी से पहले इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू किया था. पार्थिव अब भी क्रिकेट खेल रहे हैं. 16 वर्षो के अपने करियर के दौरान उन्होंने अभी सिर्फ 25 टेस्ट खेले है. अगर धोनी इंडिया टीम का हिस्सा न होते तो यह निश्चित है, कि पार्थिव और अधिक मौका दिया जाता.
धोनी डेब्यू के दौरान वह कई बार टीम से अंदर-बाहर रहे लेकिन नियमित रूप से टीम का हिस्सा नहीं बन पाए. पटेल जिन्होंने भारत के लिए अब तक 25 टेस्ट 38 वनडे और दो टी-20 मैच खेले हैं.
2. नमन ओझा
नमन ओझा का जन्म 20 जुलाई 1983 को मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में हुआ. अगर यह कहें कि नमन ओझा भारत के सबसे अनलकी विकेटकीपर बल्लेबाज़ रहे हैं, तो यह गलत नहीं होगा. दरअसल घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद टीम में धोनी के होने के कारण वह एक मौके को तरसते रहे.
वर्ष 2010 में उन्हें श्रीलंका के विरुद्ध वनडे क्रिकेट से डेब्यू का मौका मिला, लेकिन एक मैच के बाद दोबारा धोनी की टीम में वापसी हुई और उनका भारत के लिये खेलने का सपना समाप्त हो गया. धोनी अब भी वनडे टीम के हिस्सा है.
हालाँकि ओझा ने अभी क्रिकेट से सन्यास नहीं लिया हैं लेकिन अब उनका टीम में वापसी करना लगभग न के सामान हैं. इसी कारण ओझा इस लिस्ट में चौथे नंबर पर मौजूद हैं.
1. दिनेश कार्तिक के छोटे करियर के पीछे एमएस धोनी हैं सबसे बड़े कारण
हमारी इस लिस्ट में सबसे शीर्ष पर दिनेश कार्तिक को रखा गया है. दाएं हाथ के शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक जिनको 2007 के एकदिवसीय विश्व कप में टीम इंडिया में शामिल किया गया था. लेकिन सम्भवतः महेंद्र सिंह धोनी की उपस्थिति के कारण एक भी मैच में खेलने का मौक़ा नहीं नहीं मिला.
एमएस धोनी और तमिलनाडु के इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने लगभग एक ही दौर में डेब्यू किया. धोनी और कार्तिक हाल ही में समाप्त हुए विश्व कप में टीम इंडिया की टीम का थे. वहां भी कार्तिक को ज्यादा मैचों में खेलने का मौक़ा नहीं मिया था. धोनी के कारण यदि किसी खिलाडी के क्रिकेट करियर में सबसे ज्यादा फर्क पड़ा है तो निश्चित तौर पर वह दिनेश कार्तिक ही हैं.
आप इस बात का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अब तक टीम के लिए धोनी 300 से अधिक वनडे मैच खेल चुके है. जबकि कार्तिक ने अभी सिर्फ 94 मैच खेले हैं. अगर धोनी न होते तो कार्तिक टीम के कीपर हो सकते थे और वह भी 300 के करीब वनडे खेल चुके होते. दिनेश कार्तिक को इस सूची में पहला स्थान देने का सबसे बड़ा कारण यही है.