वो 10 खिलाड़ी जिन्होंने परिवार से पहले क्रिकेट को दी प्राथमिकता, मुश्किल परिस्थिति में खेला मैच

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CA New Jr. Staff
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saurav tendulkar

कहते हैं अगर मेहनत करो तो दुनिया तुम्हारी कदम चूमती है। एक बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए दिनों की नहीं बल्कि सालों की मेहनत लगती है। आप दुनिया भर के उन क्रिकेटरो की लिस्ट उठा कर देख लें जिन्होंने अपनी जिंदगी में मैदान पर बहुत मेहनत की है। शायद यही वजह है कि वो आज उन बुलंदियों को छू रहे हैं जिसकी कल्पना हर शख्स करता है।

एक सफल खिलाड़ी बनने के लिए आपको बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है, कुछ खिलाड़ियों ने क्रिकेट के लिए अपना घर परिवार सब कुछ छोड़कर अपनी पूरी जिंदगी क्रिकेट पर न्योछावर कर दी और यही वजह से वो परिवार के सुख या दुख में शामिल नहीं हो सके। इन खिलाड़ियों के इसी त्याग की वजह से पूरे क्रिकेट जगत में उन्हें काफी सम्मान के साथ देखा जाता है।

वो 10 खिलाड़ी जिन्होंने परिवार से ज्यादा क्रिकेट को प्राथमिकता दी

हम अपने इस लेख में उन 10 खिलाड़ियों के बारे बाताएंगे जिन्होंने परिवार से पहले क्रिकेट को प्राथमिकता दी।

सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर

भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम क्रिकेट जगत के सबसे महान बल्लेबाजो में सबसे ऊपर लिया जाता है। इसकी वजह है क्रिकेट में उनका कड़ा परिश्रम और त्याग, सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए 24 साल तक लगातार इंटरनेशनल क्रिकेट में सेवाएं दी।

जिसकी वजह से उन्हें काफी लंबा समय परिवार के बिना गुजारना पड़ा। साल 1999 के विश्व कप के दौरान सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर का निधन हो गया था, उस समय सचिन इंग्लैंड में विश्व कप खेल रहे थे। पिता के देहांत होने के बाद भी वो केन्या के खिलाफ मैच में उतरे और बहुत ही भावुक पल में शतक लगाया।

विराट कोहली

विराट कोहली

आज के मौजूदा दौर में पूरी दुनिया के क्रिकेटरों में भारतीय टीम के कप्तान विराट का कोई भी सानी नहीं है। लेकिन विराट कोहली को यह कामयाबी इतनी आसानी नहीं मिली है, उन्होंने इस उपलब्धी को हासिल करने के लिए बहुत सारे त्याग दिए हैं।

जब विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय में पदार्पण नहीं किया था उससे पहले कोहली 2008 में दिल्ली के लिए रणजी मैच खेल रहे थे, उसी दौरान उनके पिता के निधन की खबर आयी। कोहली इस खबर से आहत जरुर हुए लेकिन उन्होंने लगातार खेलने फैसला किया और भावुक पल के बीच 90 रनों की दमदार पारी खेल के दिल्ली  को हार से बचाया और दिन के खेल के खत्म होने के बाद पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

महेन्द्र सिंह धोनी

महेन्द्र सिंह धोनी

भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह ने बेहद ही कड़ा संघर्ष कर इंटरनेशल क्रिकेट जगह बनाई। धोनी ने भारत के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया, उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम तीनों फॉर्मेट में पहली बार नंबर वन होने का खिताब अपने नाम कर पाई थी।

धोनी को यह उपलब्धी काफी कड़े संघर्ष से हाथ लगी थी, एमएस धोनी ने साल 2016 में अपनी बेटी जीवा के जन्म होने के समय पत्नी के पास मौजूद नहीं थे। 6 फरवरी 2016 को जीवा का जिस समय जन्म हुआ, उस समय धोनी टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर मौजूद टीम की कमान सभाल रहे थे। उन्होंने इतने बड़े खुशी के मौके पर, परिवार से ज्यादा क्रिकेट को प्राथमिकता दी।

ब्रेडन टेलर

ब्रेडन टेलर

जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने इंटरनेशनल लेवर पर वैसे तो खास कामयाबी हासिल नहीं की है, लेकिन फिर भी जिम्बाब्वे टीम के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेडन टेलर इस टीम के एक जबरदस्त बल्लेबाज रहे हैं। जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई, और कामयाबी भी हासिल की। ब्रेडन टेलर ने आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में चुने जाने के बाद अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर जाने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया था।

ब्रेट ली

ब्रेट ली

ऑस्ट्रेलिया टीम के महान तेज गेंदबाज ब्रेट ली अपने समय के सबसे सफल और घातक तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। ब्रेट ली गेंदबाजी में एक अलग ही तरह का खौफ था, वो लगातार इतनी तेज गेंदबाज करते थे कि बल्लेबाज खौफ खाते थे, इसकी वजह से क्रिकेट की दुनिया में उन्होंने एक अलग ही तरह का प्रभाव छोड़ा। लेकिन ली ने यह मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और  परिश्रम किया था।

ब्रेट ली ने इस कामयाबी के लिए अपने करियर में एक खुशी के  पल को छोड़ा था। साल 2006 में एशेज सीरीज के दौरान उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया लेकिन ब्रेट ली उस समय टीम से जुड़े रहे थे।

पार्थिव पटेल

पार्थिव पटेल

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने तीनों ही फॉर्मेट में टीम का प्रतिनिधित्व किया है। पार्थिव पटेल भारत के लिए आखिरी बार 2018 में खेले थे। पार्थिव के साथ भी एक घटना इसी तरह की हुई थी। जब उन्होंने टीम को अहमियत दी, 2019 के आईपीएल के दौरान पार्थिव पटेल अपने पिता की बीमारी के बाद भी पूरे टूर्नामेंट में खेलते रहे।

जेसन रॉय

जैसन रॉय

इग्लिश क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय ने पिछले कुछ सालों में टीम के लिए बेहतरीन खेल दिखाया है, और इस वजह से वो टीम के लिए प्रमुख खिलाड़ी बन चुके हैं। इतना ही रॉय लगातार टीम के लिए जिताऊ पारिया खेल रहे हैं, और टीम को लगातार कामयाबी दिला रहे हैं। लेकिन इसके लिए उन्होंने बड़ा त्याग भी किया है।

साल 2008 में इंग्लैंड की टीम पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रही थी। चौथे वनडे से पहले उनकी बेटी को बिमारी के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रातभर वो बेटी के साथ रहे और अगले दिन बेटी को अस्पताल में छोड़कर रॉय टीम के लिए खेलने पहुंचे।

मोहम्मद शमी

मोहम्मद शमी

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पिछले कुछ समय से बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। मोहम्मद शमी टीम के एक बहुत ही उपयोगी गेंदबाज बन चुके हैं। लेकिन इसके अलावा शमी ने टीम के लिए अपनी बीमार बेटी को छोड़ा। साल 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में उनकी बेटी की हालात गंभीर हो गई और उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। उस समय शमी टीम में शामिल होने के कारण, बेटी के पास मौजूद नहीं रह पाए थे।

आर  अश्विन

आर  अश्विन

भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिन गेंदबाज आर अश्विन टेस्ट टीम के प्रमुख खिलाड़ी हैं। आर अश्विन पिछले करीब 10 साल से भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में बहुत ही बड़ा योगदान दे रहे हैं। आर अश्विन ने एक बार अपनी टीम के प्रति जिम्मेदारी को निभाकर हर किसी को अपना कायल बना दिया।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक सीरीज के दौरान चेन्नई में भयानक बाढ़ आयी थी जिसमें माना गया कि उनके माता-पिता बाढ़ में फंसे हैं। अश्विन 24 घंटों तक उनसे संपर्क नहीं कर पाए। ऐसे में उन्होंने टीम के लिए खेलना उचित समझा।

मोहम्मद सिराज

मोहम्मद सिराज

इसी साल भारतीय टेस्ट टीम में पदार्पण करने वाले 26 साल के मोहम्मद सिराज का करियर तो हालांकि अभी शुरु ही हुआ है, लेकिन इस छोटे से करियर में ही वो टीम के लिए एक अहम योगदान दे चुके हैं। 2021 की शुरुआत में जिस वक्त भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में अपनी टेस्ट सीरीज खेल रही थी, भारतीय टीम यह सीरीज में अपने ज्यादातर प्रमुख खिलाड़ियों के बिना ही खेल रही थी।

उसी वक्त तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के पिता का देहांत हो गया था, इसी सीरीज में मोहम्मद सिराज ने टीम के लिए उस वक्त अहम योगदान दिया जिस वक्त वो एक बेहद भावुक पीड़ा से गुजर रहे थे।

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