Gautam Gambhir: न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडीया को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम 12 साल बाद घर में टेस्ट सीरीज हारी है। कोच गौतम गंभीर की कोचिंग पर यह सबसे बड़ा दाग है, जिसे वह अपने जीवन में हमेशा याद रखेंगे। जब उन्होंने भारतीय कोचिंग टीम का पद संभाला था तब किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि टीम इंडिया को घर में ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। लेकिन ऐसा दिन देखना पड़ा। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या गलती थी कि भारत को 12 साल बाद घर में इस शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। तो चलिए आपको बताते हैं इसकी वजह...?
Gautam Gambhir के गुरु मंत्र की वजह से मुश्किल में टीम इंडिया!
मालूम हो टेस्ट क्रिकेट वह क्रिकेट है, जो खिलाड़ी की परीक्षा लेता है। यह खिलाड़ी के धैर्य और कौशल दोनों की परीक्षा लेता है। अपनी योजनाओं पर टिके रहना ही टेस्ट क्रिकेट कहलाता है। बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी, धैर्य और अनुशासन इस फॉर्मेट का मूल मंत्र है। लेकिन गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के कोचिंग संभालने के बाद से ही टीम इंडिया में धैर्य की कमी देखने को मिली। खास तौर पर बल्लेबाजी में।
मैच में भारत की बल्लेबाजी फ्लॉप दिखी
जानकारी के लिए बता दें कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की कोचिंग में भारत ने चार टेस्ट मैच खेले हैं। चारों टेस्ट मैचों की आठ पारियों में भारत की बल्लेबाजी काफी अलग दिखी। बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया आक्रामक खेल के कारण फ्लॉप रही और भारत की बल्लेबाजी फेल हो गई।
लेकिन अश्विन और जडेजा ने भारत के लिए धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की और रन बनाए और जीत हासिल करने में सफल रहे। फिर कानपुर टेस्ट में बारिश के कारण टीम इंडिया को स्वाभाविक रूप से आक्रामक होकर खेलना पड़ा।
आक्रामक खेल के कारण टीम इंडिया फ्लॉप रही
इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ भी भारत की बल्लेबाजी कुछ इसी तरह देखने को मिली। लेकिन दोनों ही मौकों पर टीम इंडिया बल्लेबाजी में पूरी तरह से फ्लॉप रही। यानी साफ है कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) बतौर कोच टीम इंडिया को तेज और आक्रामक होकर खेलने का मंत्र दे रहे हैं। लेकिन यह मंत्र भारत के काम नहीं आ रहा है, इसलिए 12 साल बाद भारत को घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज में इतनी फजीहत झेलनी पड़ी।