3 मौके जब विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को सौरव गांगुली ने दिया उन्हीं के भाषा में जवाब

सौरव गांगुली विपक्षी टीमों और उनके खिलाड़ियों को जवाब देना जानते हैं. कई मौकों पर उन्होंने दिखाया भी था की यदि कोई उनसे उलझेगा तो उन्हें जवाब देना आता है.

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Aditya Tiwari
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3 मौके जब विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को सौरव गांगुली ने दिया उन्हीं के भाषा में जवाब

क्रिकेट के मैदान पर भारतीय टीम को बहुत आक्रामक कप्तान कम ही मिले हैं. आज के समय में विराट कोहली ऐसा करते हुए नजर आते हैं. लेकिन इसकी शुरुआत पूर्व भारतीय टीम के दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली ने किया  था. जो अपनी आक्रामकता के लिए पहचान बना चुके हैं.

सौरव गांगुली विपक्षी टीमों और उनके खिलाड़ियों को जवाब देना जानते हैं. कई मौकों पर उन्होंने दिखाया भी था की यदि कोई उनसे उलझेगा तो उन्हें जवाब देना आता है. जिसके कारण उनका छवि एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में बन गयी. जो विपक्षी खिलाड़ियों को उनके भाषा में जवाब देना जानता है.

आज हम आपको ऐसे ही 3 मौको के बारें में बताएँगे. जब सौरव गांगुली ने विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को जवाब दिया. ये सभी जिसके बाद से प्रसिद्ध घटना में शामिल हो गये. आज जब भी दादा का नाम लिया जाता है. इन घटनायों को भी जरुर याद किया जाता है.

1. नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत पर टीशर्ट लहराना

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इंग्लैंड की टीम भारत दौरे 2001 में आई थी. जहाँ पर वानखेड़े स्टेडियम में उन्होंने सीरीज को ड्रा करा लिया था. जिसके बाद इंग्लैंड के आलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने पूरे स्टेडियम में अपना टीशर्ट निकाल कर घूमते हुए नजर आ रहे थे. इस घटना से सौरव बिलकुल भी खुश नहीं थे.

नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 में खेलने के लिए भारतीय टीम इंग्लैंड गयी थी. जहाँ पर भारत और इंग्लैंड की टीम फाइनल लॉर्ड्स के मैदान पर खेल रही थी. भारतीय टीम उस मैच में 326 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. कैफ और युवराज सिंह ने भारत के लिए जिम्मेदारी संभाली थी.

मोहम्मद कैफ ने अंत में भारत को 2 विकेट से जीत दिला दिया. जिसके बाद लॉर्ड्स के बालकनी में ही सौरव गांगुली ने अपना टीशर्ट लहराना शुरू कर दिया था. जिसके कारण उन्हें कुछ जुर्माना देना पड़ा था. लेकिन उन्होंने फ्लिंटॉफ को जवाब भी दे दिया था.

2. स्टीव वॉ को टॉस पर करवाया इंतजार

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ऑस्ट्रेलिया की टीम 2000 के शुरुआत में बहुत मजबूत टीम नजर आती थी. स्टीव वॉ टीम के कप्तान थे. जो विपक्षी टीमों को बड़ी आसानी से पटकनी देते हुए नजर आते थे. जिसके कारण वो विपक्षी टीम के कप्तान पर टॉस से ही दबाव बनाना शुरू कर देते थे.

दादा ने उन्हें अच्छा जवाब देने का फैसला किया. 2001 में ऑस्ट्रेलिया की टीम एकदिवसीय और टेस्ट सीरीज खेलने के लिए भारत आई. दोनों मिलाकर 8 मैच खेले जाने थे. उस सीरीज के दौरान दादा ने स्टीव वॉ को 6 मैच में टॉस के लिए इंतजार करवाया था.

जिसके बारें में खुद स्टीव वॉ ने अपनी आत्मकथा पर खुलासा किया था. हालाँकि बाद में सौरव गांगुली ने कहा था की वो अक्सर लेट हो जाते थे. वो उन्होंने कभी जानबूझकर नहीं किया था. लेकिन स्टीव वॉ दादा के इस जवाब को देखकर खुश बिलकुल नहीं थे.

3. स्टुअर्ट ब्रॉड को भी दिया था करारा जवाब

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एक बार फिर से इंग्लैंड के खिलाड़ी से दादा भिड़े थे. 2006-07 में इंग्लैंड की भारत में आई थी. 6 एकदिवसीय मैच में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली अच्छी बल्लेबाजी करते हुए नजर आ रहे थे. स्टुअर्ट ब्रॉड गेंदबाजी के लिए आयें तो उनपर दादा ने शॉट खेलकर दवाब बनाने का प्रयास किया.

स्टुअर्ट ब्रॉड के गेंद पर दादा ने शॉट खेला तो वो फील्डर के पास गया. जहाँ पर दादा को रन नहीं मिले. जिसपर स्टुअर्ट ब्रॉड ने उन्हें स्लेज करने का प्रयास किया. मैदान पर सौरव और ब्रॉड भिड़ते हुए नजर आयें. जिसके बाद गांगुली ने स्टुअर्ट ब्रॉड के अगले ओवर का इंतजार किया.

ब्रॉड जैसे ही अगले ओवर में आयें तो दादा ने उनका स्वागत छक्के के साथ किया. जिसके बाद स्टुअर्ट ब्रॉड ने गांगुली को स्लेज नहीं किया. अपने करियर में इसी अंदाज से ही दादा जवाब देते हुए नजर आते थे. जिसके कारण ही आज वो इतने बड़े नाम है.

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