आईपीएल 2021 (IPL 2021) के खेले गए दूसरे मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करते हुए युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने चेन्नई को 7 विकेट से करारी शिकस्त दी है. इस लीग में बतौर कप्तान पंत पहला सीजन खेल रहे हैं. दिलचस्प बात तो यह रही कि, पहले मैच में चेला गुरू पर हरी तरीके से भारी पड़ा. पहले पंत ने टॉस जीता और फिर मैच पर भी धवन और शॉ की बदौलत शानदार जीत हासिल की.
संघर्ष के बाद चमका पंत का सितारा
विकेटकीपर, बल्लेबाज के तौर पर तो खुद साबित कर ही चुके हैं. इसके साथ ही अब वो कप्तानी जैसी बड़ी जिम्मेदारी में भी अपने आपको पूरी तरह से ढालने की कोशिश कर रहे हैं. इसका बड़ा उदाहरण वो सीएसके के खिलाफ पेश भी कर चुके हैं. जो उनके करियर करियर की नई शुरुआत भी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पंत के बल्ले से निकले रन ने उनके करियर में नई उम्मीदों को जगाया है. अब लगातार वो कामयाबी की तरफ बढ़ रहे हैं.
सालभर पहले की ही बात है, जब अपनी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग तकनीक को लेकर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) कई तरह के संघर्ष का सामना कर रहे थे. हर कोई उनके प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रहा था. यहां तक कि टीम इंडिया में भी उनकी जगह नहीं बनते हुए दिखाई दे रही थी. लेकिन, अब अचानक से ही वो भारतीय क्रिकेट टीम के एक अहम खिलाड़ी बन गए हैं. देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी दिग्गज खिलाड़ी उनकी इस फॉर्म की जमकर तारीफ कर रहे हैं.
ऑस्ट्रेलियाई दौरा साबित हुआ पंत के करियर का टर्निंग प्वाइंट
पंत की इस धुंआधार फॉर्म की शुरुआत ऑस्ट्रेलियाई दौरे से हुई थी. पहले टेस्ट में ऋद्धिमान साहा तो फ्लॉप हुए ही थे. इसके साथ ही टीम इंडिया के लिए भी यह एक खराब शुरूआत थी. पूरी टीम 36 रन पर दूसरी पारी में ऑलआउट हो गई थी. तो वहीं साहा के बल्ले से सिर्फ 13 रन निकले थे. ऐसे में 4 टेस्ट मैच की इस सीरीज के बाकी तीनों मैच में मैनेजमेंट ने पंत को प्लेइंग 11 में शामिल किया था.
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को ऑस्ट्रेलियाई दौर पर मिले मौके को उन्होंने अपने हाथ से नहीं जाने दिया, और हर बार खुद को साबित कर दिखाया. यह टेस्ट सीरीज उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. मेलबर्न में उन्हेंने 29 रन का पारी खेली. इस मुकाबले को जीतने के बाद टीम इंडिया ने 1-1 से सीरीज बराबर की. इसके बाद सिडनी और ब्रिसबेन में खेले गए मैच में पंत बल्ले ने कंगारू खिलाड़ियों के नाक में दम कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया में जमकर छाए थे पंत
हर गेंदबाज को उन्होंने अपने बल्ले से सबक सिखाया. हालांकि सिडनी मुकाबले को भारत जीत नहीं सका. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया को भी नहीं जीतने दिया और इस मैच को ड्रॉ करवा दिया. 407 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 102 रन पक 3 विकेट खो चुकी थी. 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 265 गेंद में 148 रन जोड़े थे.
मैच में पंत की पारी की बदौलत टीम के जीत के आसार नजर आने लगे थे. लेकिन, उनके विकेट का पतन होने के बाद अश्विन और हनुमा विहारी ने ड्रॉ के लिए खेलना शुरू किया था.चौथे इस मैच में पंत के बल्ले से निकले 97 रन ने फैंस का दिल जीत लिया था. इस पारी के दौरान उन्होंने 12 चौके और 3 छक्के लगाए थे. उनकी जबरदस्त फॉर्म में अब लोगों को एक नया 'कैप्टन कूल' नजर आने लगा है.
ऑस्ट्रेलिया के साथ इंग्लैंड के खिलाफ भी नहीं रूका पंत का बल्ला
सिडनी के बाद पंत ने ब्रिसबेन में ऐसा कारनामा किया, जो 32 साल में टीम इंडिया कभी नहीं कर पाई थी. इस मैच और सीरीज पर जीत हासिल करने के लिए भारत को 328 रन का लक्ष्य हासिल करना था. इस मुकाबले का आखिरी दिन खत्म होने को था. लेकिन, पंत की धुंआधार बल्लेबाजी के लिए यह स्कोर भी छोटा पड़ गया.
इस मैच में नाबाद 89 रन की पारी खेलते हुए ऋषभ पंत ने टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की धरती पर ऐतिहासिक सीरीज में जीत दिलाई. उनकी इस पारी ने हर किसी का दिल जीत लिया. इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें फिर से टेस्ट सीरीज में शामिल किया गया. इस दौरान भी उनका बल्ला किसी भी अंग्रेजी खिलाड़ी के आगे नहीं रूका. विकेटकीपर के साथ ही बल्लेबाजी तौर पर भी उन्होंने घरेलू सीरीज में खुद को साबित किया.
विकेटकीपिंग के तौर पर इंग्लैंड के खिलाफ किया ये बड़ा कारनामा
इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैच की सीरीज में पंत के बल्ले से 54 की शानदार औसत से कुल 270 रन निकले. रोहित शर्मा के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस सीरीज में पंत दूसरे बल्ले बल्लेबाज थे. यही नहीं टर्निंग ट्रैक होने के बाद भी विकेट के पीछे से उन्होंने कुल 13 खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया. इसके साथ ही उन्होंने सीरीज के दौरान यह भी साबित कर दिखाया कि, वो दबाव में खुद किस तरह निखारने की काबिलियत रखते हैं.
विकेटकीपर को टेस्ट मैच के बाद वनडे और टी20 सीरीज में भी जगह दी गई, और तीनों फॉर्मेट में उनका सितारा बुलंदियों पर रहा. वनडे में उनके बल्ले से 77 की औसत से 155 रन निकले. वहीं टी20 फॉर्मेट में 129 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 102 रन बनाए. इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में ही दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर बुरी तरह से चोटिल हुए और उन्हें पूरी आईपीएल 2021 सीजन से बाहर होना पड़ा.
कप्तानी फॉर्मेट में भी फिट हुए पंत, गुरू को पहले मैच में दी शिकस्त
अय्यर की इंजरी के बाद दिल्ली के सामने यह मुश्किल आई कि, अब कप्तानी का जिम्मा किसे सौंपा जाए. इसके बड़े दावेदारी की लिस्ट में स्टीव स्मिथ से लेकर अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी थे. लेकिन मैनेजमेंट ने ऋषभ पंत को ये जिम्मेदारी सौंपी. कप्ताने तौर पर पंत के लिए यह एक नई शुरूआत थी. लेकिन, उनका आत्मविश्वास नहीं डगमगाया.
आईपीएल में बतौर कप्तान पहले ही मैच में पंत ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी तरीके से निभाते हुए टीम को जीत दिलाई और यह साबित कर दिया कि, विकेटकीपर-बल्लेबाज और अब कप्तान के भी फॉर्मेट में वो पूरी तरह से फिट हैं. गुरू को शिकस्त देने के बाद पंत लगातार कामयाबियों की बुलंदियों को छू रहे हैं. उनकी पहली जीत के बाद यह अनुमान लगाया जा सकता है कि, वो इस साल एक नया इतिहास रच सकते हैं.