भारतीय टीम के नए साल की शुरुआत कुछ खास नहीं हुई। ड्रेसिंग रूम में तनाव की अफवाहों से लेकर गौतम गंभीर की मुख्य कोच की कुर्सी खतरे में पड़ने तक, ऐसी कई रिपोर्टों ने प्रशंसकों को चौंकाया है। इस बीच रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को सिडनी टेस्ट से बाहर किए जाने से नए विवाद को जन्म दे दिया है। शुक्रवार से शुरू हुए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पांचवें और आखिरी मुकाबले में टीम मैनेजमेंट ने उन्हें ड्रॉप कर जसप्रीत बुमराह को कप्तान की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, अब खबर आ रही है कि बीसीसीआई के कई बाद अनुरोध करने के बावजूद गौतम गंभीर ने रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया। आइए जनते हैं कि क्या है ये पूरा मामला…
गौतम गंभीर नहीं चाहते थे रोहित शर्मा को टीम में शामिल करना
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का पांचवां और अंतिम मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है, जिसमें टीम इंडिया की कप्तानी की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह को सौंपी गई है। खराब प्रदर्शन के चलते टीम प्रबंधन ने उन्हें ड्रॉप करने का फैसला किया है। वहीं, अब रोहित शर्मा के बाहर होने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बीसीसीआई के एक "बहुत प्रभावशाली प्रशासक" ने गौतम गंभीर से हिटमैन (Rohit Sharma) को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने का अनुरोध किया था।
BCCI ने किया था खास अनुरोध
सिडनी टेस्ट मैच के बीच रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को लेकर एक रिपोर्ट आई है, जिसमें दावा किया गया है कि बीसीसीआई ने गौतम गंभीर से रोहित को XI में बनाए रखने की संभावना पर खासी बात की थी। लेकिन उन्होंने सिडनी मैच की जीत को ध्यान में रखते हुए इस अनुरोध को खारिज कर दिया। सूत्र ने बताया,
“BCCI में बहुत ही ज्यादा सम्मानित और प्रभाव रखने वाले प्रशासक ने हेड कोच गौतम गंभीर से रोहित को XI में बनाए रखने की संभावना पर खास बात की थी, लेकिन WTC फाइनल के टिकट के लिए सिडनी की अनिवार्य जीत को ध्यान में रखते हुए गंभीर ने इस अनुरोध को नहीं माना. टीम के भीतर हालात कुछ इस स्तर पर पहुंच गए कि इस तमाम विषय पर रोहित ने गंभीर के बजाय चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर और उप-कप्तान बुमराह के साथ ज्यादा सहजता से बात की.”
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में रहे हैं फ्लॉप
गौरतलब है कि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। बल्लेबाजी और कप्तानी में वह बुरी तरह फ्लॉप हुए हैं। तीन मुकाबलों की पांच पारियों में उन्होंने 31 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 10 रन रहा है। अपनी खराब फॉर्म की वजह से वह टीम के लिए बोझ साबित हुए। इसकी वजह से उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।