टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के एक बड़े दल ने हिस्सा लिया था, जिसमें एक गोल्ड सहित 7 मेडल भारतीय खिलाड़ियों ने जीते। भारत लौटे एथलीट्स के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने 15 अगस्त को मुलाकात की और काफी सारी बातचीत की। साथ ही उन्होंने स्टार खिलाड़ियों से अपील की, कि वह स्कूलों में जाकर बच्चों को इसके लिए प्रोत्साहित करें। पीएम का खेल प्रति रुझान देखकर विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव देश के प्रधानमंत्री के फैन हो गए हैं।
PM MODI के कायल हुए कपिल देव
पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लेने वाले एथलीटों को अपना पूरा समर्थन दिया। साथ ही उन्होंने खेल के प्रति पेरेंट्स को जागरुक करने की भी बातें कही हैं। कपिल देव PM MODI के इस रवैये से काफी प्रभावित हुए। द स्टेट्समैन में लिखे अपने कॉलम में कहा,
”यह स्पष्ट नहीं है कि भारत के किसी प्रधानमंत्री ने कभी कहा है कि वह हमारे देश में खेल की संस्कृति बनाना चाहते हैं या नहीं और माता-पिता से उन बच्चों को प्रोत्साहित करने की अपील की, जो खेल खेलना चाहते हैं। मोदी जी ऐसा करने वाले पहले हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने न केवल माता-पिता से अपने बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा है, बल्कि उन्होंने यह भी प्रदर्शित किया है कि खेलों और हमारे एथलीटों में सक्रिय रुचि लेकर ऐसा कैसे किया जाता है।"
पीएम के भाषण में नहीं थी औपचारिकता
कपिल देव ने PM MODI ने सभी खिलाड़ियों से बात हुई। चोट के बावजूद खिलाड़ियों ने जिस तरह से ओलंपिक में देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने आगे कहा,
”ओलंपिक के दौरान भी प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के साथ बात की थी, लेकिन उसमें भाषण या औपचारिकता नहीं थी। चोट के बावजूद प्रतिस्पर्धा करने के बजरंग पुनिया के दृढ़ संकल्प के बारे में से सवाल करना मुश्किल होता या रवि दहिया के साथ विरोधी के काटने के बारे में पूछना भी मुश्किल होता। यह सवाल भी मुश्किल था कि नीरज चोपड़ा के बारे में कि उन्हें कैसे पता चला कि उन्होंने भाला फेंकते ही जीत हासिल कर ली थी। मोदी जी ने कई एथलीटों के लिए माइक्रोफ़ोन भी रखा जो यह नहीं बता सके कि यह चालू है या बंद है। प्रधानमंत्री ने जोर इस बात पर जोर दिया कि ध्यान खेल पर बना रहे और यह उन एथलीटों पर, जिन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए प्रतिस्पर्धा की, न कि किसी अधिकारी या नौकरशाह के लिए।”
मेडल ना जीतने पर भी नहीं जताई नाराजगी
देश के प्रधानमंत्री PM MODI ने अपने खिलाड़ियों को मेडल ना जीतने पर भी उत्साहित किया। वह नाराज नहीं हुए। साथ ही उन्होंने पीवी सिंधु से किए वादे को निभाते हुए उनके साथ आईस्क्रीम खाई और गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को चूरमा परोसा। इसपर कपिल देव ने कहा,
”मोदी जी ने जिस तरह बात की, उदाहरण के लिए विनेश फोगाट से। मेडल नहीं जीतने के लिए खुद पर गुस्सा नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा कि सफलता को कभी अपने सिर पर मत जाने दो और असफलता को कभी अपने दिल पर मत जाने दो। मोदी जी की नीरज चोपड़ा को चूरमा और पीवी सिंधु को आइसक्रीम परोसते हुए उनकी तस्वीरें वायरल हो सकती हैं। जबकि वे सुखद यादें हैं, मुख्य सबक यह है कि भारत के लोकतंत्र के प्रभारी व्यक्ति मानते हैं कि खेल और खेल संस्कृति महत्वपूर्ण हैं।"
"यही खेल संस्कृति के विकास को बढ़ावा देता है, जो मोदी जी की सबसे बड़ी विरासतों में से एक होगी। एक खिलाड़ी के रूप में, मैं खेल समुदाय को प्रधानमंत्री से प्यार और सपोर्ट प्राप्त करते हुए देखकर बहुत खुश हूं। मैं यह जोड़ना चाहता हूं कि अगर हमें भविष्य में और पदक जीतने हैं तो हमें खेल के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना चाहिए और खेल के उपकरण पर कोई शुल्क नहीं होना चाहिए जो कि एथलीटों की आवश्यकता होती है।"