क्रिकेट मैदान के उस 22 गज के घेरे के भीतर खिलाड़ियों को आपने हमेशा रिकॉर्ड्स बनाते, तोड़ते देखा होगा। लेकिन कई बार यहीं खिलाड़ियों को मैदान पर गंभीर चोट भी लग जाती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको भारत के उस कप्तान की कहानी बताने वाले हैं, जिसका करियर मैदान पर लगी उस चोट ने खत्म कर दिया, जिसके चलते उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था।
करियर की अच्छी हुई थी शुरुआत
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नरी कॉन्ट्रेक्टर (Nari Contractor) के नाम से आपमें से कई फैंस वाकिफ होंगे और कईयों ने शायद उनका जिक्र भी ना सुना हो। ये भारत का वह बदकिस्मत कप्तान हैं, जिनका करियर एक गंभीर चोट ने खत्म कर दिया।
नरी कॉन्ट्रेक्टर का जन्म 7 मार्च 1934 में हुआ था। वह शुरुआत से ही क्रिकेट के दीवाने थे और उन्होंने भारत के लिए 1955 में पहला टेस्ट मैच खेला, जो न्यूजीलैंड के साथ खेला गया। लेकिन 1958-59 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 92 की पारी से वे सुर्खियों में आए. इसके बाद 1959 में इंग्लैंड दौरे से भी कॉन्ट्रेक्टर ने छाप छोड़ी।
इस दौरे पर लॉर्ड्स में नरी कॉन्ट्रैक्टर ने टूटी पसली के साथ उन्होंने बैटिंग की और 81 रन की पारी खेली। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया सीरीज में उन्होंने 438 रन बनाए। इसमें एक शतक भी लगाया। ये शतक उनके करियर का पहला और इकलौता शतक बनकर रह गया।
फ्रेक्चर के चलते सिर से बहने लगा था खून
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए नरी कॉन्ट्रेक्टर (Nari Contractor) को बोर्ड ने टीम इंडिया की कप्तानी सौंप दी थी। कप्तान बनने के बाद वह 1962 में वेस्टइंडीज दौरे पर गए। ये दौरा शायद नरी कॉन्ट्रेक्टर कभी याद करना चाहें, क्योंकि ये उनके करियर का आखिरी दौरा साबित हुआ।
इस मैच में वेस्टइंडीज के चार्ली ग्रिफिन की गेंद कॉन्ट्रैक्टर के सिर पर लगी, जिसके चलते उनके सिर पर फ्रेक्चर हो गया और खून बहने लगा। मैदान से तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान उनका काफी खून बह गया और अस्पताल में उन्हें खून चढ़ाया गया। जरुरत पड़ने पर उन्हें विंडीज टीम के कप्तान फ्रेंच वॉरेल ने भी खून दिया। नरी को कई सर्जरी से गुजरना पड़ा। इस दौरान बीसीसीआई ने उनकी पत्नी को भी वेस्टइंडीज भेजा गया, 6 दिन के लंबे ट्रीटमेंट के बाद भारतीय कप्तान को होश आया। जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी से सबसे पहले ये कहा कि गेंदबाज की इसमें कोई गलती नहीं है।
तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं कर सके Nari Contractor
इस बड़े हादसे ने भले ही शारीरिक तौर पर नरी कॉन्ट्रेक्टर (Nari Contractor) को ज़ख्म दिए, लेकिन वह मानसिक तौर पर क्रिकेट के मैदान पर लौटने को बेचैन थे। दो साल बाद जब वह मैच फिट हुए, तो उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरु किया। लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद उन्हें टीम इंडिया में दोबारा मौका नहीं मिल सका।
अपने टेस्ट करियर में भारत के इस पूर्व कप्तान ने 31 टेस्ट में 1611 रन के साथ उनका करियर खत्म हो गया। हालांकि फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने काफी रन बनाए। मगर बदकिस्मती रही कि उनका अंतरराष्ट्रीय करियर उस चोट ने खत्म करके रख दिया।