न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम की बैक टू बैक हार के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) सवालों के घेरे में आ गए हैं। कीवी टीम ने रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम को उसके घरेलू मैदान पर करारी शिकस्त दी। इस सीरीज में मेजबान टीम का बल्लेबाजी क्रम लय से भटका नजर आया है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, शुभमन गिल जैसे विस्फोटक बल्लेबाज भी टीम की लाज नहीं बचा सके। मेहमान टीम ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों की कमियों को परखा और इसका पूरा फायदा उठाया। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि अगर गौतम गंभीर ने बल्लेबाजों की इस कमजोरी को जल्द दूर नहीं किया तो टीम इंडिया के हालात जिम्बाब्वे से भी ज्यादा खराब हो जाएंगे।
टीम इंडिया की गलती नहीं सुधार पा रहे हैं गौतम गंभीर
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए दो टेस्ट मुकाबलों में भारतीय टीम का बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप हुआ। जहां कीवी खिलाड़ी अपने बल्ले से धमाल मचा रहे हैं, वहीं भारतीय बल्लेबाज घरेलू जमीन पर रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखाई दिए। विराट कोहली, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और रोहित शर्मा ने अब तक कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है।
हालांकि, किंग कोहली ने बेंगलुरु टेस्ट की दूसरी पारी में 77 रन जड़कर टीम को जीत दिलाने के कोशिश की थी, लेकिन वह इसको शतक में तब्दील नहीं कर पाए। IND vs NZ टेस्ट सीरीज में भारत की सबसे बड़ी कमजोरी स्पिनर्स साबित हुए।
रोहित-विराट का बल्ला भी रहा खामोश
बेंगलुरु और पुणे की स्पिन अनुकूल पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों को स्पिनरों को खेलने में संघर्ष करना पड़ा। न्यूजीलैंड के पार्ट टाइम स्पिनर पर भी रोहित शर्मा एंड कंपनी पर हावी होते दिखाई दिए। दूसरे मैच में लेफ्ट आर्म स्पिनर मिचेल सैन्टनर और राइट आर्म स्पिनर ग्लेन फिलिप्स ने कहर बरपाया।
इस जोड़ी ने पुणे टेस्ट मैच में टीम इंडिया की पारी समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब भारतीय बल्लेबाजों ने स्पिनर्स के सामने घुटने टेके हैं। इससे पहले भी टीम इंडिया की ऐसी हालत देखने को मिल चुकी है। इसके बावजूद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने टीम की इस कमी को दूर नहीं किया।
ऑस्ट्रेलिया उठाना चाहेगी फायदा
दरअसल, कुछ महीनों पहले भारत श्रीलंका दौरा पर गई थी, जहां दोनों टीमों के बीच वनडे और टी20 मुकाबले खेले गए। एकदिवसीय सीरीज में भारत के हाथों 2-0 से हार लगी। इस दौरान भी श्रीलंकाई स्पिनर्स भारतीय बल्लेबाजों के लिए काल साबित हुए थे। उन्होंने रोहित शर्मा एंड कंपनी की बखिया उधेड़ते हुए धमाकेदार जीत दर्ज की।
उस समय भी मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे थे। हालांकि, अब अगर टीम इंडिया अपनी इस कमजोरी को दूर नहीं करती है तो उसकी हालत जिम्बाब्वे से भी बुरी हो जाएगी। उनकी यह खामी अब जगजाहिर हो चुकी है, जिसका फायदा ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में उठाना चाहेगी। WTC फाइनल का टिकट हासिल करने के लिए भारत के लिए यह श्रृंखला काफी जरूरी है।
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