भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को लेकर अब तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. जिसके कारण उन्हें ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, अब टी20 की शुरूआत भी उन्होंने कुछ इसी तरह से की है. जिसमें किसी भी तरह का कुछ सुधार नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि, वाकई वो पूरी तरह से फिट हैं? यदि वो भारतीय टीम में फिट हैं तो बतौर फिनिशर की भूमिका निभाने से क्यों बार-बार चूक रहे हैं? आखिर क्यों अब उनके बल्ले से बड़े शॉट नहीं लग रहे हैं? इन तमाम सवालों के जवाब आज हम अपनी इस रिपोर्ट के जरिए तलाशने की कोशिश करेंगे.
बतौर फिनिशर की भूमिका निभाने से क्यों चूक रहे हैं ऑलराउंडर?
दरअसल श्रीलंका के खिलाफ खेली जा रही लिमिटेड ओवर की सीरीज टी20 वर्ल्ड कप 2021 (T20 World Cup 2021) से पहले भारत की आखिरी श्रृंखला है. जिसके जरिए खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का मौका दिया गया है. जहां कुछ क्रिकेटर्स अपने प्रदर्शन से मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को खुश करने में कामयाब रहे हैं तो वहीं जिनसे उम्मीद की आशा थी वो सिर्फ निराशा ही देते हुए दिखाई दे रहे हैं. साल 2018 में बैक इंजरी के बाद से हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) गेंदबाजी की समस्या से जूझ रहे हैं.
आखिरी बार उन्हें 2018 में ही सही तरीके से गेंदबाजी करते हुए देखा गया था. इसके बाद अब श्रीलंका के खिलाफ उनसे गेंदबाजी कराई जा रही है. लेकिन, वो अपनी लाइन-लेंथ से बिल्कुल भटके हुए नजर आ रहे हैं. यहां तक कि बल्लेबाजी में भी उनका हाल बेहद बुरा है. अब तो उनके बल्ले से लंबे शॉट की उम्मीद भी खत्म होती जा रही है. इसका उदाहरण खेली जा रही ODI और अब टी20 सीरीज में भी देखा जा रहा है.
श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज आखिरी मौका
ऐसे में सवाल ये है कि, यदि हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) पूरी तरह से भारतीय टीम में बतौर फिनिशर फिट हैं तो उन्हें कौन सी परेशानी है जिसके चलते वो टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करने से चूक रहे हैं और सही मौकों को भुनाने में गलती कर रहे हैं. यदि ऐसा हाल रहा तो वो दिन भी दूर नहीं है जब टेस्ट के बाद वो लिमिटेड ओवर के फॉर्मेट से भी अपनी जगह गंवा बैठेंगे. टी20 वर्ल्ड में जगह बनाने के लिए ये सीरीज उनका आखिरी मौका है. जिसमें उन्हें अपने बल्ले से लोगों को प्रभावित करना होगा.
हालांकि इसकी उम्मीद बेहद कम है. लेकिन, सवाल बार-बार यही उठता है कि, फिटनेस होने के बाद भी क्यों वो अपनी फॉर्म में वापसी नहीं कर पा रहे हैं. क्या अभी भी वो चोट की समस्या से उबर नहीं सके हैं? या फिर उनसे अब उम्मीद जताने पर सिर्फ निराशा ही हाथ लगेगी? क्यों बल्लेबाजी के दौरान अपना हाथ खोलने से वो लगातार कतरा रहे हैं? इससे एक बात साबित होती है कि, अब वो बतौर फिनिशर भारतीय टीम में फिट नजर नहीं आ रहे हैं. क्योंकि अब हर मौके पर वो सिर्फ संघर्ष कर रहे हैं.
फ्लॉप प्रदर्शन से लोग हो रहे हैं निराश
अब भारतीय टीम के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. क्योंकि हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के लगातार निराशाजनक प्रदर्शन से चयनकर्ताओं पर भी सवाल उठने लगे हैं. अब लोग बतौर फिनिशर उन्हें टीम में सिर्फ शानदार परफॉर्मेंस करते हुए देखना चाहते हैं. जैसे वो पहले भारत की ओर से गेम फिनिश करते हुए टीम को जीत दिलाते थे.
काफी वक्त से हर कोई उनके फॉर्म में आने की आशा जता रहा है. लेकिन, बार-बार उन्हें फ्लॉप होते देख लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है. इसलिए या तो उन्हें अपना आक्रामक अंदाज दिखाना होगा. या फिर टीम में उनकी जगह किसी और विकल्प को जगह देनी होगी. क्योंकि अभी तक के प्रदर्शन को देखते हुए तो यही लग रहा है कि बतौर फिनिशर वो टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में फिट नहीं बैठ रहे हैं.
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