चार साल से क्रिकेट प्रेमी जिस मुकाबले का इंतज़ार करते है वो मुकाबला इंग्लैंड और वेल्स मे हो रहा है. 45 दिन के इस टूर्नामेंट का फाइनल 14 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जाएगा. अभी टूर्नामेंट के लीग मैच चल रहे है इसमें कई टीमें बाहर का रास्ता भी देख चुकी है.
मेजबान इंग्लैंड को इस बार विश्व कप जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अब उसकी हालत ऐसी हो गई है कि उसको भारत के खिलाफ अपना मुकाबला किसी भी हाल मे जीतना है टूर्नामेंट मे बने रहने के लिए.
कैसे जीत की दावेदार मानी जाने वाली इंग्लैंड हार के कगार पर आ गई
टूर्नामेंट का पहला मैच 30 मई को इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गे, जिसमे मेजबान ने दक्षिण अफ्रीका को पटकनी दी, टूर्नामेंट ए शुरुआत से ही इंग्लैंड को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत करते हुए पहले पांच में से चार मैच अपने नाम किए, अपना पहला मैच इंग्लैंड पाकिस्तान के विरुद्ध हार गई. इसके बाद श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो मैच हारने के बाद इंग्लैंड की टीम के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई क्योंकि उसने इस टूर्नामेंट मे 3 मैच गवा दिए है.
भारत से जीतने के लिए क्या फार्मूला अपनाएगी इंग्लैंड
इंग्लैंड का एक काबिल खिलाड़ी जैसन रॉय पिछले कुछ दिन से चोटिल था, जिसकी जगह जेम्स विन्स को टीम मे रखा गया पर उनका प्रदर्शन टीम के लिए अच्छा नही था. अपने 3 मैच हारने के बाद मेजबान ने यह ऐलान किया था की वह भारतीय टीम को पक्का पराजित कार देगी, उस भारतीय टीम को जिसको इस टूर्नामेंट मे हराने का साहस कोई टीम नहीं दिखा पाई है.
पहले तो इंग्लैंड बोल रहा था की उनकी टीम को नहीं पता की जैसन रॉय कब पूरी तरह से सही होंगे, पर अब भारत के खिलाफ मैच से पहले इंग्लैंड ने अपनी टीम मे दो बदलाव किये है, एक तो जैसन रॉय की एंट्री और दूसरा जोफ्रा आर्चर की छुट्टी.
आज के मैच मे टॉस का बहुत है महत्त्व क्योंकि पिच इनका देगी साथ
बर्मिंघम के मैदान पर मैच होने जा रहा है उस पिच पर इससे पहले इस टूर्नामेंट के 3 मैच खेले जा चुके है. यह पिच और पिचों से थोड़ी अलग है.
आज के मैच मे मौसम और पिच को देखे तो यह तेज़ गेंदबाजों का साथ देगी, जो टीम भी टॉस जीत कर गेंदबाजी चुनती है उसके लिए दिक्कतें थोड़ी कम होंगी.