पहले मुकाबले में मात्र 31 रनों से हार झेल चुकी भारतीय टीम की बल्लेबाजी से सहवाग दुखी हुए हैं। कप्तान विराट कोहली को छोड़ पूरी टीम मौदान पर रन मारने के लिए संघर्ष करती दिखी। विराट ने पहली पारी में 149, तो वहीं दूसरी पारी में 51 रनों की पारी खेली थे।
इसके अलावा बाकी बल्लेबाजों की बात की जाए तो मुरली विजय (20 & 6), शिखर धवन ( 26 & 13), के एल राहुल (4 & 13) , रहाणे (15 & 2) ने दोनों इनिंग्स में इतने रन बनाए।
सहवाग ने कहा टीम रैंकिंग क्रिकेट में मायने नहीं रखती, क्रिकेट दिन का खेल हैं जो खेला वह जीता
इंडिया टीवी से बात करते हुए सहवाग ने कहा कि ” टीम रैंकिंग क्रिकेट में मायने नहीं रखती।अगर आप मुकाबले के दिन अच्छा खेलते हैं तो आप जीतते हैं। मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो यह हैं कि उन तीन दिनों में भारत ने बर्मिंघम के मैदान पर काफी बुरा खेला। गेंदबाजों ने अच्छा काम किया लेकिन बल्लेबाजी विराट को छोड़ पूरी फ्लॉप रही। अगर कोई एक भी बल्लेबाज पहली पारी में विराट कोहली को सपोर्ट करता तो टीम इंडिया 50 से 60 रनों की लीड ले चुकी होती। हार मात्र 32 रनों से हुई हैं। जैसा मैंने पहले भी कहा हैं कि विपक्षी टीम के पहली इनिंग स्कोर की बराबरी करना बहुत आवश्यक होता है।
आगे बात करते हुए सहवाग ने कहा कि “ भारत को पहला टेस्ट मुकाबला जीतना चाहिए था। बल्लेबाजो ने गेंदबाजो द्वारा की गई सारी मेहनत पानी मे मिला दी। सिर्फ तीन ही खिलाड़ी हैं जो अच्छे लय के साथ लॉर्ड्स मैदान पर भारत के लिए उतरेंगे विराट कोहली, अश्विन और इशांत शर्मा। लेकिन भारत सिर्फ तीन खिलाड़ियों से मुकाबला नहीं जीत सकती। भारत के 11 खिलाड़ियों को थोड़ा-थोड़ा मदद करना होगा। “
सहवाग ने यह भी कहा कि ” टीम मैनेजमेंट में चाहे जो भी हो रवि शास्त्री, संजय बांगर या फिर भरत अरुण सबको टीम के खिलाड़ियों से बात करते रहना चाहिए और उनसे यह कहना चाहिए कि बर्मिंघम में जो हुआ उसे भूल लॉर्ड्स के अगले मुकाबले पर ध्यान दे। क्योंकि बर्मिंघम में खेली गई खराब पारियां अगर बल्लेबाजों के दिमाग में रहेंगी तो लॉर्ड्स में भारत की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। टीम मैनजमेंट को खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते रहना होगा और खाली समय में खिलाड़ियों को कुछ मनोरंजन के खेल खिलाने होंगे।”