ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने किया संन्यास का ऐलान, ब्रिस्बेन टेस्ट में बने थे इतिहास के साक्षी

Published - 28 Jan 2021, 01:12 PM

खिलाड़ी

आईसीसी के एलीट पेनल के सदस्य रहे ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। 15 सालों तक अंपायर ने अपनी सेवा दी। ऑक्सेनफोर्ड ने अपने करियर में 60 से ज्यादा टेस्ट मैचों में अंपायरिंग की थी और वह 2012 से अब तक आईसीसी अंपायरों की एलीट पैनल के नियमित सदस्य हैं जो किसी भी अंपायर के लिए बड़े सम्मान की बात होती है।

ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड का पुराना रहा है भारत से रिश्ता

ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड

ऑक्सेनफोर्ड ने जनवरी 2006 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 मैच के जरिए कैरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने पिछले 3 मेन्स विश्व कप और 3 टी20 वर्ल्ड कप में अंपायरिंग की। वो महिला टी20 वर्ल्ड कप 2012 और 2014 में भी अंपायर रहे थे।

ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड ने अपने करियर में 60 से अधिक टेस्ट मैचों में अंपायरिंग की। इस दौरान उन्होंने भारत के भी कई मैचों में अंपायरिंग की। 2008 में जब भारतीय क्रिकेट टीम, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। तब विवाद से घिरे सिडनी टेस्ट मैच में ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड थर्ड अंपायर थे, जिसमें उन्होंने कई खराब फैसले लिए थे।

सिडनी टेस्ट रहा आखिरी

भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले गए फाइनल व आखिरी टेस्ट मैच में ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड के करियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ, क्योंकि अब वह संन्यास ले चुके हैं।

इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में ब्रुस ने इतिहास को अपने सामने बनते देखा। जब विराट कोहली व अनुभवी खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद भी भारत के युवा खिलाड़ियों वाली टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 33 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 3 विकेट से हार का स्वाद चखाया। भारत ने चौथी पारी में 328 रन के लक्ष्य का पीछा करके स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया।

ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड ने अदा किया शुक्रिया

ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड

ब्रुस ऑक्सेनफोर्ड ने अपने एक सफल अंतरराष्ट्रीय अंपायरिंग करियर को अलविदा कह दिया है। हालांकि वह घरेलू मैचों में बतौर अंपायर हिस्सा हो सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद कहा कि मुझे अपने अंपायरिंग करियर पर गर्व है। उन्होंने आईसीसी को दिए एक बयान में कहा,

"मैं बतौर अंपायर अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर को गर्व से देखता हूं। यह विश्वास ही नहीं होता कि मैने 200 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की। मैने इतने लंबे कैरियर की कभी कल्पना नहीं की थी। मैं आईसीसी, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, आईसीसी एलीट और अंतरराष्ट्रीय पैनल के अपने साथियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इतने साल मेरी हौसलाअफजाई की।"

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