इन 5 दिग्गज खिलाड़ियों की किस्मत में नहीं था World Cup, नंबर 2 है सभी का फेवरेट

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Mohit Kumar
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दुनिया के किसी भी कोने में क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ी का एक सपना जरुर होता है कि वो अपने देश के लिए वर्ल्ड कप (World Cup) जीते। लेकिन कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों को ही अपने जीवन में ये मौका मिलता है। विश्वभर के क्रिकेट इतिहास में अबत क सैंकड़ों खिलाड़ी आए, लेकिन वर्ल्ड कप (World Cup) की ट्रॉफी को हाथ में लेने का मौका सिर्फ चुनिंदा खिलाड़ियों को ही मिल पाता है।

इनमें से कुछ प्लेयर ऐसे हैं। जिन्होंने विश्वभर में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से लोगों का दिल जीता और रिकार्ड अपने नाम किए लेकिन वर्ल्डकप (World Cup) जीतने में नाकाम रहें। 4 साल में एक बार आईसीसी (ICC) यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल द्वारा वर्ल्डकप (World Cup) टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है।

दुनियाभर की तमाम बेहतरीन टीम इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेती हैं। लिहाजा इसको जीतने वाले प्लेयर्स का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में लिखा जाता है, लेकिन आज हम आपको 5 ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में बेइंतहा नाम और शोहरत कमाई लेकिन उनकी किस्मत में वर्ल्ड कप जीतना नहीं था.

1. सौरव गांगुली

Saurav Ganguly

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को विश्वभर में उनकी दमदार कप्तानी के लिए जाना जाता है. फिक्सिंग के काले दौर से जब भारतीय क्रिकेट का उदय हुआ तो उसमें सौरव गांगुली का बेहद अहम योगदान था.

कप्तान बनने के बाद गांगुली ने भारतीय क्रिकेट की रूप रेखा बदल कर रख दी थी। गांगुली ने अपने करियर में साल 1999, 2003 और 2007 का वर्ल्डकप (World Cup) खेला. इसमें साल 2003 में उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को वर्ल्डकप फाइनल तक पहुंचाया।

लेकिन उस दौर की दमदार ऑस्ट्रेलिया टीम से भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। गांगुली का ODI रिकॉर्ड शानदार है, उन्होंने 311 वनडे मैचों में 41.02 की शानदार औसत के साथ 11,363 रन बनाए हैं. मौजूदा समय में गांगुली बीसीसीआई प्रेसिडेंट हैं.

2. एबी डीविलियर्स

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दक्षिण अफ्रीका टीम के कप्तान रहे चुके एबी डीविलियर्स को क्रिकेट जगत का सुपरमैन कहा जाता है. लाजवाब फिटनेस और मैदान के किसी भी कोने में शॉट खेलने की क्षमता रखने वाला ये बल्लेबाज विश्व क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में से एक है. डीविलियर्स के नाम क्रिकेट की दुनिया के वो रिकॉर्ड हैं जिनके बारे में कोई आम बल्लेबाज सोच भी नहीं सकता.

लेकिन बल्लेबाजी और फील्डिंग में माहिर इस खिलाड़ी के नाम एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं है. डीविलियर्स ने साल 2015 में दक्षिण अफ्रीका टीम के कप्तानी की थी और टीम को सेमीफाइनल तक ले गए थे. लेकिन सेमीफाइनल में हार के बाद डीविलियर्स की आंखों में आंसू आ गए थे. अब डीविलियर्स क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह चुके हैं. लिहाजा इस महान बल्लेबाज की किस्मत में वर्ल्डकप (World Cup) ट्रॉफी नहीं है।

3. वकार यूनिस

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वकार यूनिस पाकिस्तानी तेज गेंदबाजी का को हीरा है, जिसकी चमक से आज भी पाकिस्तान समेत दुनिया के कई गेंदबाजों की आंखें चौंधिया जाए. स्विंग के बादशाह कहे जाने वाले वकार ने अपने करियर में कई महान बल्लेबाजों की नींद हराम की और उनको पवेलियन का रास्ता दिखाया।

लेकिन इस महान गेंदबाज की झोली में वर्ल्डकप कभी नहीं आया। दरअसल, साल 1992 में पाकिस्तान की ऐतिहासिक जीत में वकार टीम का हिस्सा होते होते रह गए.

वर्ल्डकप शुरू होने से ठीक पहले वकार चोटिल हो गए और उन्हें टीम से बाहर जाना पड़ा. वकार के खिलाफ अंतिम ओवर्स में रन बनाना बेहद कठिन था। लेकिन इतनी सफलता के बावजूद वकार की किस्मत में वर्ल्डकप ट्रॉफी नहीं आई।

4. शाहिद अफरीदी

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पाकिस्तानी टीम के बैटिंग ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं, जो जब चाहें गेंद को स्टेडियम से बाहर पहुंचा सकता है. उनकी इसी काबिलियत के चलते शाहदी अफरीदी को Boom-Boom अफरीदी कहा जाता था. साल 1996 में अफरीदी ने सिर्फ 37 बॉल में शतक ठोक कर धमाल कर दिया था।

शाहिद ने अपने ODI करियर में 398 मैच खेले। जिसमें उन्होंने 8,064 रन और 395 विकेट झटके। साल 1996 में अफरीदी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और साल 2018 में उन्होंने संन्यास लिया. इतनी कमायाबी और 22 साल के लंबे करियर के बावजूद पाकिस्तान टीम के इस महान खिलाड़ी ने कोई वर्ल्डकप नहीं जीता है।

5. ब्रायन लारा

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वेस्ट इंडीज टीम के लेजेंड ब्रायन लारा अपने बैटिंग स्टाइल के चलते आज भी जाने जाते हैं। लारा के नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक निजी स्कोर 400 रन बनाने का रिकॉर्ड है। बाएं हाथ के बल्लेबाज लारा क्रीज पर लंबे समय तक टिक कर गेंदबाजों को खूब परेशान किया करते थे।

शुरआती दो वर्ल्डकप में वेस्ट इंडीज टीम का एक तरफा दबदबा था। लेकिन 1983 में भारत ने वर्ल्डकप जीता और धीरे धीरे वेस्ट इंडीज का खौफ कम होने लगा। तब से वेस्ट इंडीज टीम ने एक भी वर्ल्डकप नहीं जीता है।

इसका सीधा असर ब्रायन लारा जैसे बल्लेबाज के करियर पर भी पड़ा। लारा ने 299 ODI मैचों में 10,405 रन बनाएं। लेकिन इसके बावजूद लारा के खाते में वर्ल्ड कप नहीं आया।

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