क्रिकेट में पदार्पण करने वाले हर खिलाड़ी की एक ही चाहत होती है, कि वो जब भी क्रिकेट को अलविदा कहे तो उसके नाम कुछ ऐसे रिकॉर्ड हो जिसे हर क्रिकेट प्रेमी याद रखें, और उनके नाम को क्रिकेट जगत में सम्मान साथ लिया जाए। बहुत सारे क्रिकेटरों के बारे में यह बातें सच भी सबित हुई हैं।
हम अपने इस लेख में उन पांच खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया से जब संन्यास का फैसला लिया और जब अपना आखिरी विदाई मैच खेला तो पूरे स्टेडियम में लोगों के आंसू बहने लगे थे, और यही वजह है जिसके लिए इन क्रिकेटरों को आज भी याद किया जाता है, क्योंकि इनके रिकॉर्ड है ही कुछ इस लायक।
वो 5 खिलाड़ी जिनकी विदाई पर रो पड़े थे लोग:-
ब्रायन लारा
क्रिकेट के इतिहास को लिखने के लिए जब भी रिकॉर्ड चुनने की बारी आती है तो सबसे पहले वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के ही रिकॉर्ड सबसे सुनहरे नजर आते हैं। भले ही आज वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का सुनहरा सफर अब औझल सा लगता हो, लेकिन उनके खिलाड़ियों का जलवा आज भी बरकरार है।
ऐसे ही वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ियों में से एक ब्रायन लारा भी रहे हैं। क्रिकेट जगत में पूर्व बल्लेबाज ब्रायन लारा का क्रिकेट जगत में बहुत ही अभूतपूर्व योगदान रहा है, उनके रिकॉर्ड आज काफी मजबूत दिखाई देते हैं।
ब्रायन लारा ने वेस्टइंडीज टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में वनडे हो या टेस्ट दोनों में बहुत प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, उन्होंने 131 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 52.89 की उम्दा औसत के दम पर 11953 रन बनाएं, साथ ही 34 शतक, 9 दोहरे शतक और 48 अर्धशतक बनाएं।
ब्रायन लारा ने 299 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 40.17 की शानदार औसत के दम पर 10405 रन बनाएं, साथ ही 19 शतक और 63 अर्धशतक जमाएं। उनके इस योगदान से विंडीज को पता चला कि उनकी टीम में कितनी महत्वतता थी। ऐसे में जब ब्रायन लारा ने अपने क्रिकेट करियर को अलविदा कहा तो मैदान में बहुत ही भावुक पल आया। जब फैंस को उनके जाने का गम साफ तौर पर दिखायी दे रहा था।
मुथैया मुरलीधरन
अगर आपसे पूछा जाएं कि, क्रिकेट जगत में स्पिन गेंदबाजी को किसने धार दी, तो इसमें कई महान गेंदबाजों के नाम लिए जा सकते हैं। मगर स्पिन के जादूगर शेन वॉर्न के साथ श्रीलंका के महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन का नाम हमेशा सुर्खियों में लिखा जाता है। इसकी खास वजह है उनके रिकॉर्ड्स, आपको बता दें कि मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे हैं।
मुरलीधरन ने श्रीलंका के लिए 133 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 2.48 की लाजवाब इकोनॉमी के दम पर 800 विकेट झटके, साथ ही उन्होंने टेस्ट में 22 बार 10 विकेट और 67 बार 5 विकेट लेने का कारनामा भी अपने नाम किया।
मुरलीधरन ने 350 वनडे मैच खेलें, जिसमें उन्होंने 3.93 की बेहतरीन इकोनॉमी के दम पर 534 विकेट हासिल किए, साथ ही वनडे में 10 बार 5 विकेट लेने का कारनामा भी अपने नाम किया। उन्होंने जिस तरह से अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों में खौफ पैदा किया था, वैसे बहुत कम गेंदबाज ही कर सकते थे।
मुथैया मुरलीधरन ने अपना आखिरी मैच 2011 के विश्व कप फाइनल मैच में खेला लेकिन ये मैच हार के कारण यादगार नहीं रहा। फिर भी ये पल अपने महान गेंदबाज के आखिरी मैच के कारण श्रीलंका के लिए वाकई में भावुक रहा।
लसिथ मलिंगा
वैसे से तो बहुतेरे तेज गेंदबाज हैं, जिन्हें हम उनके प्रदर्शन के दम पर याद कर सकते हैं। लेकिन तेज गेंदबाजों में श्रीलंका के लसिथ मलिंगा का नाम बहुत ही खास सम्मान के साथ लिया जाता है। इसके पीछे की वजह है, उनका दमदार प्रदर्शन और एक खास अलग अंदाज जो उन्होंने क्रिकेट में श्रीलंका के साथ पूरे क्रिकेट जगत के दिया है, जिसे कभी भुलाया नही जा सकता है।
हालांकि लसिथ मलिंगा ने अभी जरूर अपने टी-20 करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन उन्होंने पिछले साल अपने वनडे और टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया। लसिथ मलिंगा ने कुल 30 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 3.86 की बेहतरीन इकोनॉमी के दम पर 101 झटके, साथ ही उन्होंने 226 वनडे मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने 5.35 की शानदार इकोनॉमी के दम पर 338 विकेट हासिल किए।
बांग्लादेश के खिलाफ खेले अपने अखिरी वनडे मैच में मलिंग को बहुत ही यादगार विदाई दी गई इस मौके पर मलिंगा के योगदान को याद करते हुए उनके फैंस और उनका परिवार बहुत ही भावुक हो गया था।
सौरव गांगुली
मौजूदा वक्त हो या फिर भारतीय क्रिकेट का इतिहास इसमें हर समय एक से एक महान और बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। ऐसे में भारतीय क्रिकेट में जब भी महान बल्लेबाज की बात होती है, तो इसमें सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के समकालीन रहे सौरभ गांगुली का नाम भी शामिल होता है। भारत के पूर्व महान कप्तान सौरव गांगुली का भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बहुत ही जबरदस्त योगदान रहा है।
सौरभ गांगुली ने अपने पूरे करियर में 113 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 42.18 की बेहतरीन औसत के दम पर 7212 रन बनाएं, इसमें इन्होंने 1 दोहरा शतक, 16 शतक और 35 अर्धशतक जमाएं। गांगुली ने पूरे करियर में 311 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 40.73 की शानदार औसत के साथ 11363 रन बनाए, और 22 शतक के साथ 72 अर्धशतक भी ठोकें।
सौरव गांगुली ने ना केवल अपनी बल्लेबाजी बल्कि कप्तानी से भी हर किसी के चहेते रहे। सौरव गांगुली ने भारतीय टीम के लिए जो भूमिका अदा की उसके बाद उन्होंने अपने करियर को साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खत्म किया तब उनकी विदाई देखते ही बनती है। गांगुली के विदाई टेस्ट मैच के दिन नागपुर में धोनी की जगह कुछ ओवर उन्होंने कप्तानी भी की, उन्हें कप्तानी सम्मानपूर्वक सौंपी गई थी। मैच के खत्म होने के बाद गांगुली को भावुक विदाई दी गई।
सचिन तेंदुलकर
भारतीय क्रिकेट के भागवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम पूरे क्रिकेट जगत में बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। इसकी खास वजह यह है कि दुनिया के महान और सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में सबसे ऊपर भारत के मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का नाम लिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 24 साल लगातार क्रिकेट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर क्रिकेट जगत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज रहे।
सचिन तेंदुलकर ने अपने पूरे करियर में कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, जिन्हें आज भी कोई हिला नहीं पाया है। सचिन तेंदुलकर को इसी करण से क्रिकेट के खेल का सबसे बड़ा रिकॉर्ड पुरुष कहा जाता है।
सचिन ने पूरे करियर में 200 टेस्ट मैच खेलें, जिसमें उन्होंने 53.79 लाजवाब औसत के दमपर 15921 रन बनाए, इसमें 6 दोहरे शतक, 51 शतक और 68 अर्धशतक लगाएं। साथी ही उन्होंने 463 वनडे मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने 44.83 की बेहतरीन औसत के साथ 1 दोहरा शतक, 49 शतक, और 96 अर्धशतक जमाएं।
क्रिकेट इतिहास में सचिन के नाम इतने रिकॉर्ड स्थापित है कि पूरी किताब लिखी जा सकती है। इसीलिए सचिन ने जब साल 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर अपने घरेलू मैदान वानखेड़े स्टेडियम में विदाई ली तो हर किसी की आंखे भर आयी थी। ये वो पल था जब क्रिकेट जगत ने इससे पहले कभी नहीं देखा था।