भारत का सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें करियर बनाने के लिय हर खिलाड़ी को छोटी उम्र से ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और यह मेहनत कुछ दिनों के लिए नहीं, बल्कि सालों करनी पड़ती है, जिसकी व्यस्तता के कारण क्रिकेटरों को बहुत सारे त्याग करने पड़ते हैं, तब कहीं जाकर एक सफल क्रिकेटर उन बुलंदियों को छू पाता है, जिसकी कल्पना हर शख्स करता है।
एक सफल खिलाड़ी बनने के लिये आपको बहुत कुछ त्याग करना पड़ता, कुछ खिलाड़ियों को क्रिकेट में सफलता हासिल करने को लेकर इस कदर धुन सवार होती है कि वो अपने कॉलेज की पढ़ाई तक को त्याग देते हैं, और रात-दिन की लगातार मेहनत करने के बाद सफलता हासिल करते हैं।
वो खिलाड़ी जिन्होंने कॉलेज का मुंह नहीं देखा
हम इस आर्टिकल में आपको उन 5 भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जो क्रिकेट की अपनी धुन की वजह से कभी कॉलेज नहीं गए, लेकिन क्रिकेट में उन्होंने वो मुकाम हासिल किया, जिसको हर क्रिकेटर करना चाहता है।
#1 सचिन तेंदुलकर
भारतीय क्रिकेट के भगवान कहें जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम क्रिकेट जगत के सबसे महान बल्लेबाजों में सबसे ऊपर लिया जाता है। यह मुकाम सचिन को बहुत कड़ी मेहनत करने के बाद हासिल हुआ, यह सब हासिल करने के लिए सचिन ने कड़ा परिश्रण और काफी सारा त्याग किया। सचिन तेंदुलकर ने 11 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था, और कुल 16 साल की उम्र में ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना शुरू कर दिया था।
इतनी छोटी उम्र में क्रिकेट जगत में कदम रखने की वजह से सचिन को पढ़ाई करने का ज्यादा समय नहीं मिल पाया। भारत-पाक की एक सीरीज होने की वजह से सचिन अपनी 10वीं क्लास की परिक्षा नहीं दे पाए थे। हालांकि बाद में पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने 12वीं क्लास तक की पढ़ाई की।
#2 विराट कोहली
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज और मौजूदा समय में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को रन मशीन के नाम से जाना जाता है। विराट कोहली ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के विश्व भारती एंड कॉन्वेन्ट स्कूल से की है। कोहली बचपन से ही सचिन तेंदुलकर की तरह बेहतरीन क्रिकेटर बनना चाहते थे, इसके कारण उन्होंने बचपन से ही मैदान पर खूब पसीना बहाया। यही कारण रहा कि वह सिर्फ 12वीं क्लास तक की पढ़ाई कर पाए।
हालांकि विराट कोहली के पास अभी इतना वक्त मौजूद है कि वो चाहे तो ग्रेजुएशन कम से कम डिस्टेंस से तो कर ही सकते हैं, क्योंकि एम. एस. धोनी ने भी डिस्टेंस से पढ़ाई करके ही एक बार फेल हो जाने के बाद अपना बी कॉम पास किया था।
#3 जहीर खान
बाएं हाथ से रिवर्स-स्विंग गेंदबाजी में माहिर भारत पूर्व स्टार गेंदबाज जहीर खान की कला का हर क्रिकेट प्रेमी कायल था, हालांकि उन्होंने यह उपाधि इतनी आसानी से नहीं मिली थी। एक सफल गेंदबाज बनने के लिए उन्हें बहुत कुछ त्याग करना पड़ा था, कहा जाता है जहीर खान अपने स्कूल के समय में एक होनहार स्टूडेंट थे। 12वीं क्लास काफी अच्छे अंकों के साथ पास करने के बाद जहीर ने इंजीनियरिंग के लिए एडमीशन लिया था।
हालांकि क्रिकेट के मोह ने उन्हें ऐसा प्रभावित किया कि उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग शुरु होने से पहले छोड़ दी और क्रिकेट जगत में हाथ आजमाने में व्यस्त हो गए, क्रिकेट में सफल होने के बाद उन्होंने भारतीय टीम के लिये एक दशक से ज्यादा समय के लिए क्रिकेट खेला। अगर यादगार प्रदर्शन की बात करे तो उन्होंने साल 2011 के विश्व कप फाइनल में शुरुआती 3 ओवर मेडन फेंके थे, यहीं से टीम इंडिया ने मैच में पकड़ बनाकर जीत दर्ज की थी। हालांकि भारत को विश्व कप जिताने वाले जहीर खुद सिर्फ 12वीं क्लास तक ही पढ़ पाए।
#4 युवराज सिंह
भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह का क्रिकेट जगत में स्टारडम ऐसा था कि हर क्रिकेट प्रेमी उनका दिवाना था। आपको बता दें कि युवराज सिंह ने मात्र 21 साल की उम्र से भारतीय टीम के खेलना शुरु कर दिया था, और वो लगभग 18 साल भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेले।
बात दें कि युवराज के पिता योगराज सिंह भी भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेले थे, और वो हमेशा से युवराज को क्रिकेटर बनते देखना चाहते थे। पिता की ख्वाहिश और अपनी लगन के कारण युवराज ने बचपन से ही क्रिकेटर बनने के लिए जमकर मेहनत भी की। इसी वजह से वह पढ़ाई में मन नहीं लगा सके और सिर्फ 12वीं पास कर पाए।
#5 शिखर धवन
बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में 85 गेंदों पर सबसे तेज शतक लगाने का कारमाना अपने नाम किया था। 35 साल के शिखर मौजूदा भारतीय टीम के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं, और लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन यह कामयाबी उन्हें इतनी आसानी से हाथ नहीं लगी है, इसके लिए उन्होंने काफी त्याग दिए हैं।
दिल्ली के रहने वाले शिखर धवन सिर्फ 12वीं क्लास तक ही पढ़ पाए हैं, उन्होंने कभी कॉलेज का मुंह नहीं देखा। वैसे शिखर दिल्ली के जाने माने स्कूल St. Mark’s Senior Secondary Public School से पढ़े हुए हैं। शिखर टीम इंडिया में आने से पहले आईपीएल में खूब चमके थे, और यहीं से उन्होंने टीम इंडिया में आने का रास्ता अख्तियार कर लिया था। जाहिर है कि खेल के दबाव के कारण शिखर को भी कॉलेज जाने का कभी मौका नहीं मिल पाया।