युवराज के पिता योगराज सिंह का सिडनी टेस्ट में हार के बाद फूटा गुस्सा, विराट कोहली को गुनहगार बताते हुए दे डाला ऐसा बयान
Published - 06 Jan 2025, 04:41 AM

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Yograj Singh: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 हारने के बाद भारतीय टीम को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कंगारू टीम ने सिडनी टेस्ट छह विकेट से जीतकर सीरीज पर 3-1 से कब्जा कर लिया। दस सालों के बाद उसके हाथों टेस्ट सीरीज में जीत लगी है। जहां एक तरफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की खूब तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) का सीनियर खिलाड़ियों पर गुस्सा फूटा है।
योगराज सिंह का फूटा सीनियर खिलाड़ियों पर गुस्सा
सिडनी टेस्ट मैच में भारत की हार के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर योगराज सिंह (Yograj Singh) ने विराट कोहली और रोहित शर्मा समेत कई बल्लेबाजों द्वारा खेले गए गलत शॉट के लिए कोच और प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि,
“गेम से बड़ा कोई खिलाड़ी नही है. विराट कोहली को बताना चाहिए था कि इस शॉट्स को ना खेलें. सचिन जब ऑस्ट्रेलिया में रन नहीं बना पा रहे थे तो उन्होंने कवरड्राइव खेलना छोड़ दिया था. 235 रन नॉटआउट की पारी में एक भी बार यह शॉट नहीं खेला.”
इन्हें बताया गुनहगार
योगराज सिंह (Yograj Singh) का मानना है कि कोच और मैनेजमेंट को खिलाड़ियों को बताना चाहिए था कि उन्हें कौन से शॉट्स नहीं खेलने चाहिए। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर रहा लेकिन उनकी गैरमौजूदगी टीम की हार का सबसे बड़ा कारण बनी। उन्होंने बताया,
“कोचिंग का मतलब है कि बताना चाहिए कि यह शॉट ना खेलें. सवाल यह रहता है विराट और रोहित को कौन बताए? वो भी चाहते है हमें बताया जाए, मैनेजमेंट की जरूरत है.”
टीम मैनेजमेंट को दी सलाह
पूर्व क्रिकेटर (Yograj Singh) ने भारतीय बीसीसीआई को सलाह देते हुए कि वो ऐसी मैनेजमेंट बनाए जिसमें खिलाड़ियों को मां, बाप और भाई की झलक दिखाई दे। साथ ही उन्होंने कोच और प्रबंधन को जादू की छड़ी योगराज सिंह ने कहा,
“मैनेजमेंट और बीसीसीआई से गुजारिश है कि एक ऐसी मैनेजमेंट बनाए जिसमे मां, बाप और भाई की झलक दिखाई दे. कोच गौतम गंभीर अच्छे क्रिकेटर हैं. जहां गलत होता है वो कहते भी हैं लेकिन मैनेजमेंट को चाहिए जो बता सके. जब मैं ऑस्ट्रेलिया में खेला तो कपिल देव कप्तान के तौर पर बताते थे. इसी तरह बड़े खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेकर बताना चाहिए. कोच और मैनेजमेंट वो जादू की छड़ी है कि जब बच्चे परफॉर्मेंस ना कर रहे हो तो उन्हें उभारकर ऊपर ला सकते हैं.”
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