भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अगले महीने इंग्लैंड के लिए रवाना होना है। इससे पहले मदन लाल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति ने डब्ल्यू वी रमन (WV Raman) को महिला टीम के कोच पद पर बरकरार नहीं रखा था और उनकी जगह रमेश पवार को टीम का नया कोच बनाया था। लेकिन इसके बाद से इसपपर विवाद सा छिड़ चुका है। अब इसी क्रम में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी सीए के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।
WV Raman को हटाने से गांगुली नाखुश
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली इस बात से नाखुश हैं कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच पद से वी रमन को हटा दिया गया है। हालांकि उन्होंने रमेश पवार के चयन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मगर वह इस बात से हैरान हैं कि कोच के नेतृत्व में टीम ने बड़े-बड़े टूर्नामेंट्स के फाइनल तक का सफर तय किया है। उनका मानना है कि भारत के पूर्व ओपनर रमन के साथ बने रहना चाहिए था।
हालांकि कोरोना वायरस के बाद जब महिला साउथ अफ्रीका टीम मैदान पर उतरी, तो साउथ अफ्रीका के सामने उन्होंने टी20आई व वनडे सीरीज में हार का सामना किया। इसके इतर ये बात भी सामने आई है कि टीम के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने कथित तौर पर रमन के खिलाफ शिकायत की।
गांगुली को करना चाहिए फैसले का सम्मान
वी रमन को 2018 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था। वहीं महिला क्रिकेट से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि सौरव गांगुली को मदन लाल, आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक वाली क्रिकेट सलाहकार समिति के फैसले का सम्मान करना चाहिए। महिला क्रिकेट से परिचित बीसीसीआई के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि,
"गांगुली को यह खुद पता होना चाहिए कि क्रिकेट सलाहकार समिति एक स्वतंत्र निकाय है।"
WV Raman ने लिखा था पत्र
जब डब्ल्यू वी रमन (WV Raman) को कोच पद से हटाया गया था, तब उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बदलने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख राहुल द्रविड़ और गांगुली को भेजे पत्र में रमन ने लिखा कि बतौर कोच उनके नाकाबिल होने के अलावा किसी और कारणों से उन्हें दावेदार नहीं माना गया है तो यह काफी चिंताजनक है। रमन ने पत्र में लिखा है कि
"मेरा मानना है कि मेरे काम करने के तौर तरीकों को लेकर आपको अलग-अलग राय दी गई होगी। उनका मेरी दावेदारी पर कितना असर पड़ा , यह बात करना अब बेईमानी है।"