इंडियन टीम के दिल और धड़कन कहे जाने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) ने शनिवार की शाम को अचानक टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा देकर भारतीय क्रिकेट में हलचल पैदा कर दी है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली सीरीज हार के तुरंत बाद आए इस फैसले से विराट (Virat Kohli) के फैंस और भारतीय क्रिकेट के समर्थक सख्ते में हैं। इस बीच खबर आ रही है कि विराट ने जब BCCI को अपना फैसला सुनाया तो बोर्ड द्वारा विराट को फैसले पर विचार करने को नहीं कहा गया।
BCCI ने नहीं की मनाने की कोशिश
जानकारी के अनुसार विराट कोहली (Virat Kohli) ने शनिवार दोपहर 1 बजे बीसीसीआई (BCCI) चीफ सौरव गांगुली(Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) को टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बारे में बताया। गांगुली और जय शाह को कोहली की बात सुनकर हैरानी हुई, लेकिन इस बार उन्होंने इस फैसले पर दोबारा विचार करने को नहीं कहा।
BCCI ने लिया टी-20 कप्तानी विवाद से सबक
गौरतलब है कि बीसीसीआई (BCCI) के कुछ अधिकारियों का कहना है कि जब उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला ले ही लिया तो उन्हें मनाने का कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने ऐसा टी-20 कप्तानी विवाद से सबक लेकर ऐसा किया। ऐसे में कहा जा रहा है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले ही कप्तानी छोड़ने का मन बना लिया था।
Virat Kohli ने नहीं की खिलाड़ियों से बात
टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने से पहले उन्होंने किसी भी टीम मेट से बात नहीं की, विराट ने सीधा बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और बोर्ड सेक्रेटरी जय शाह को अपना फैसला सुनाया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि विराट के टेस्ट से कप्तानी छोड़ने के पीछे उनके और बीसीसीआई के बीच हुआ विवाद मुख्य कारण है, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में विराट का रिकॉर्ड शानदार है।
विराट ने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी करते हुए 40 टेस्ट मैच में इंडियन टीम को जिताया है। इस लिहाज से विराट भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान है। ऐसे में सभी को लगता था कि विराट क्रिकेट से सन्यास लेने तक टेस्ट क्रिकेट में भारत की कप्तानी करेंगे।
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