भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) अपने आक्रामक रवैये के लिए काफी मशहूर हैं। यदि वह मैदान पर हैं, तो वह खुद को अभिव्यक्त करना पसंद करते हैं। कभी आपने उन्हें मुंह पर उंगली रखते देखा होगा, तो कभी विकेट ना मिलने पर झल्लाते और मिलने पर जश्न मनाते देखा होगा। कोहली मैदान पर कुछ ऐसी प्रतिक्रिया भी देते हैं, जिसके लिए दीप दास गुप्ता का कहना है कि उन्हें उसके लिए सावधान रहना चाहिए, क्योंकि वह बच्चों के भी आदर्श हैं।
Virat Kohli को रहना चाहिए थोड़ा सावधाव
Virat Kohli बेहद आक्रामक कप्तान हैं। कई बार मैदान पर वह अपनी प्रतिक्रिया अभिव्यक्त करने के लिए वह शब्दों व गलत एक्शन भी इस्तेमाल करते हैं, जिसको लेकर उनकी आलोचना भी होती है। अब इस बीच दीप दास गुप्ता का कहना है कि लाखों बच्चे उन्हें अपना आदर्श मानते हैं, इसलिए उन्हें थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। दीपदास गुप्ता अपने यूट्यूब चैनल पर सवाल-जवाब के एक सेशन में विराट से साउथेम्पटन को लेकर सवाल पूछा गया। उसपर उन्होंने कहा,
"आप उनके वहां बतौर कप्तान होने की बात कर रहे हैं। हां वह देश के एम्बेसडर हैं, खासतौर से तब जब आप भारत के बाहर खेल रहे हैं… जैसा मैंने कहा, मैं साउथम्पटन में नहीं था तो मैं नहीं जानता कि उन्होंने वहां क्या व्यहवार किया…. लेकिन मैं इस बात पर सहमत हूं (उन्हें अपने शब्दों और इशारों को सही दिशा में रखने की जरूरत है)।"
"कुछ चीजें हैं, जो विराट (Virat Kohli) करते हैं. जैसा आपने कहा कि उन्हें बच्चे भी देखते हैं, जो उन्हें देखते हैं, व दुनिया भर में लाखों बच्चों के आदर्श हैं. तो उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।"
मैदान से बाहर एकदम अलग हैं कोहली
दीप दास गुप्ता ने Virat Kohli का समर्थन भी किया और उनका कहना है कि वह मैदान पर मैदान से बाहर बिलकुल अलग व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया,
"विराट मैदान पर अलग और मैदान के बाहर अलग व्यक्ति हैं। अगर आप मैदान से अलग उनसे मिलते हैं तो आप उन्हें काफी शांत, मृदुभाषी और बहुत अच्छा बोलने वाला व्यक्ति कहेंगे। लेकिन जैसे ही मैदान पर वह कदम रखते हैं तो उनका नजरिया बदल जाता है।"
ये उनका खुद को प्रेरित करने का तरीका
Virat Kohli मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से हैं। उनके भीतर रनों की भूख है, जो उन्हें और भी खास बनाती है। ऐसे में दीप दास गुप्ता का मानना है कि यदि उनके इस व्यवहार से टीम की भलाई है, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा,
"मुझे लगता है कि यह उनका एक तरीका है, जिससे वह खुद को प्रेरित करते हैं। अगर इससे टीम की भलाई हो रही है, तो इसमें मुझे कोई दिक्कत नजर नहीं आती। आखिरकर, हमें तो उनसे रनों की जरूरत है। वे कैसे रन बनाते हैं, कैसे वे भारत के लिए मैच जीतते हैं, यह हमें उन पर छोड़ देना चाहिए।"