भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) तीनों फॉर्मेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। उन्होंने पिछले एक दशक में अपने करियर को उस आयाम पर पहुंचाया है, जो ना जाने कितनों का ख्वाब होगा। उनकी कंसिस्टेंटी के लिए विश्व क्रिकेट में उन्हें रन मशीन कोहली के नाम से जाना जाता है।
वहीं दूसरी ओर हैं, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज व कप्तान बाबर आजम। इस युवा खिलाड़ी ने जब से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना जलवा दिखाना शुरु किया है, तभी से उनकी तुलना Virat Kohli के साथ की जाती है। दोनों ही खिलाड़ी आज की तारीख में इस खेल की शान हैं।
मगर विराट कोहली के साथ बाबर आजम की तुलना करना सही नहीं होगा और इसके एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 3 कारणों के बारे में बताते हैं, जिसके चलते कभी भी विराट और बाबर की नहीं होनी चाहिए तुलना।
Virat Kohli के साथ नहीं होनी चाहिए बाबर आजम की तुलना
1- आजम ने 2015 में विराट 2008 से खेल रहा है
Virat Kohli और बाबर आजम की तुलना की बात की जाए तो यह जायज ही नहीं है, क्योंकि विराट ने साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था जबकि बाबर 2015 से इंटरनेशनल क्रिकेट में आए हैं। बाबर आजम के पाकिस्तान के लिए डेब्यू करने से पहले कोहली आईसीसी के पांच इवेंट्स खेल चुके थे।
हां, अगर बाबर अजाम ने भी 2008, 2009 या 2010 के आसपास डेब्यू किया होता या कोहली 2014 या 2015 में खेलना शुरू करते तो तुलना करना लाज़मी था। मगर सात सालों के करियर गैप और अनुभव के बाद दोनों की तुलना की जाए तो यह बिल्कुल भी सही नहीं होगा।
वैसे भी कोहली 2010 से निरंतर हर एक फॉर्मेट में लगातार रनों की बारिश कर रहे हैं, जबकि बाबर आजम ने 2018 से अपनी पहचान बनानी शुरू की है। ऐसे में यह आंकड़े भी तुलना के नजरिए से सही नहीं बैठते।
2- कैप्टेंसी-बैटिंग दोनों में विराट हैं बाबर से काफी आगे
विराट कोहली और बाबर आजम की बीच तुलना दोनों के कप्तानी और बल्लेबाजी आंकड़ों के लिहाज से भी ठीक नहीं है। विराट को साल 2015 में टेस्ट और 2017 में लिमिटेड ओवर की कप्तानी सौंपी गई थी, जबकि बाबर 2019 में टी20 आई और 2020 में पाकिस्तान का टेस्ट और वनडे कप्तान नियुक्त किया गया था।
कोहली की अगुवाई में भारत आईसीसी तीन इवेंट खेल चुका है, जबकि बाबर के लिए यह जिम्मेदारी एकदम नई है। विराट अपनी कप्तानी में आक्रामक और कभी न हार मानने वाले चैलेंज के साथ खेलते हैं। वहीं, बाबर टीम में लगातार बदलाव के लिए जाने जाते हैं।
एक बड़ा कारण यह भी है कि, Virat Kohli बतौर कप्तान बल्ले से भी विपक्षी टीम पर हमला बोलना जानते हैं जबकि बाबर आजम अभी तक बतौर कप्तान अपने प्रदर्शन से कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ सके हैं। वनडे में विराट ने बतौर कप्तान जहां 31 शतक लगाए हैं तो बाबर के बल्ले से मात्र चार शतकीय पारियां देखने को मिली।
लाल गेंद के खिलाफ भी कोहली ने एक कप्तान के रूप में अभी तक कुल 20 शतक लगाए हैं, जबकि बाबर आजम का अभी तक खाता भी नहीं खुला।
3- इम्पैक्टफुल इनिंग नहीं खेल पाते हैं बाबर
इम्पैक्टफुल इनिंग्स... जी हां, यह कारण भी Virat Kohli और बाबर की एक-दूसरे के साथ तुलना नहीं करनी चाहिए, इस बात की गवाही देता है। भारतीय कप्तान विराट कोहली को रन मशीन के नाम से जाना जाता है और उनका हर एक टीम के खिलाफ दमदार प्रदर्शन और उम्दा ट्रैक रिकॉर्ड भी है। वहीं, बात अगर पाकिस्तानी कप्तान की करें तो उन्होंने अभी तक कहने को एकदिवसीय फॉर्मेट में कुल 13 शतक लगाए है लेकिन इसमें 9 शतक उनके श्रीलंका, वेस्टइंडीज और ज़िम्बाब्वे के खिलाफ देखने को मिले।
विराट न सिर्फ बड़े स्कोर (डैडी हंड्रेड) बनाते हैं, बल्कि अपनी टीम को जीत दिलाते है। बाबर बड़ी अभी दबाव वाली स्थिति में खुद को संभाल नहीं पाते हैं और अक्सर जब टीम को उनकी बड़ी पारी की सबसे ज्यादा जरुरत होती है, तभी वह अपना विकेट भी गंवा देते हैं। इतना ही नहीं बाबर ने अपने 20 इंटरनेशनल शतको में से 11 एशिया के मैदानों पर ही बनाए है, जबकि विराट सेना देशों के शतक बनाने के लिए जाने जाते हैं।
एशिया के बाहर बाबर आजम को अभी खुद को साबित करना बाकी है और इसके लिए उन्हें निरंतर बढ़िया खेल दिखाना होगा। वहीं, विराट कोहली विदेशों में भी गेंदबाजों पर हल्ला बोलते हैं और उनका आक्रामक अंदाज ही गेंदबाजों पर दबाव बनाने के लिए काफी होता है।