रविवार को भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच खेले गए Under-19 World cup 2022 के फाइनल मैच के साथ ही इस टूर्नामेंट का समापन हो गया. भारत ने इंग्लैंड को हराकर रिकॉर्ड 5वीं बार इस टूर्नामेंट को जीता है. इससे पहले टीम इंडिया (Team India) ने 2000, 2008, 2012 और 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था. इस सफ़र के दौरान इस टीम को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लेकिन इस युवा टीम ने कभी भी हार नहीं मानी और चैम्पियन बनकर लौटे.
राहुल द्रविड़ ने तैयार किया था प्लेटफार्म
Under-19 World cup 2022 में टीम इंडिया के सफलता के पीछे सीनियर टीम के मौजूदा हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का काफी बड़ा हाथ था. भारतीय टीम के कोच का पद संभालने से पहले द्रविड़ एनसीए हेड की भूमिका निभा रहे थे. और अंडर-19 टीम के कोच भी थे. इस बीच राहुल द्रविड़ ने बैठक करके टीम सिलेक्शन के लिए पूरा प्लान तैयार किया. बीसीसीआई (BCCI) के जूनियर सिलेक्शन कमेटी के चैयरमेम एस शरत (S. Sharath) ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस बारे में बताया. उन्होंने कहा,
जब राहुल एनसीए में कोच थे तब हमने उनके साथ बैठक की और एक रोडमैप तैयार किया. हमने तय किया कि हम पहले खिलाड़ियों का पूल तैयार करेंगे. वीनू माकंड ट्रॉफी के बाद हमने 90 खिलाड़ियों का चयन किया. इन खिलाड़ियों को छह टीमों में बांटा और फिर चैलेंजर्स सीरीज कराई. उनकी ख़ास नजर ऑलराउंडर्स पर थी
काफी मुश्किलों का सामना कर जीता टूर्नामेंट
कोरोना के कारण पिछले 2 सालों में क्रिकेट जगत को काफी मुश्किलों का सामना करना पडा है. Under-19 World cup 2022 कोरोना का प्रकोप भारतीय टीम के ऊपर आकर गिरा था. जब कप्तान यश ढुल (Yash Dhull) और उपकप्तान शेख रशीद (Sheikh Rasheed) सहित टीम के कई खिलाड़ी Under-19 World cup 2022 के पहले मैच के ही बाद कोरोना संक्रमित हो गए थे. इसके बारे में एस शरत ने बताया,
जब टीम के खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे तो राहुल द्रविड़ काफी परेशान हो गए थे. वह उम्मीद कर रहे थे कि आयरलैंड के खिलाफ मैच से पहले कोई और खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव न पाया जाए ताकि वह मैदान पर 11 खिलाड़ियों की टीम उतार सके