Prithvi Shaw: भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के लिए इस समय कुछ भी सही नहीं चल रहा है। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) से उनका विवाद किसी से छुपा नहीं है। हाल ही में एमसीए ने विजय हजारे टूर्नामेंट के लिए मुंबई की टीम का ऐलान किया था। लेकिन इसमें हैरानी का बात यह थी कि स्क्वाड में पृथ्वी का नाम शामिल नहीं था, इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट से एमसीए को जवाब दिया और फिर एमसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी की शॉ को उनकी फिटनेस और अनुशासनहीनता के कारण टीम से बाहर किया गया है। पृथ्वी शॉ के फॉर्म और फिटनेस को देखने के बाद अब मुश्किल ही उनकी मुंबई टीम में वापसी नजर आ रही है, लेकिन वह एक ऐसा काम कर सकते हैं जो कि अर्जुल तेंदुलकर काफी समय पहले ही कर चुके हैं।
अर्जुन की तरह उठाना होगा शॉ को बड़ा कदम
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने पहला घरेलू क्रिकेट मैच मुंबई की ओर से ही खेला था। उन्होंने साल 2021 में टी20 प्रारूप से अपना पदार्पण किया था। हालांकि, इसके बाद उन्हें मुंबई की ओर से अधिक मौके नहीं दिए गए थे, जिसके बाद उन्होंने दूसरे राज्य से खेलने का फैसला किया। साल 2022 में अर्जुन तेंदुलकर ने मुंबई को छोड़ गोवा की ओर से अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में भी वह इसी टीम से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
अर्जुन एकमात्र खिलाड़ी नहीं हैं जिन्होंने बड़ी टीमों को छोड़ कमजोर टीमों की ओर से खेलने को चुना। उन्हें पहले भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव ऐसा कर चुके हैं। वह टीम इंडिया के लिए खेलने वाले विदर्भ की टीम से पहले खिलाड़ी बने थे। अगर अर्जुन तेंदुलकर और उमेश यादव की तरह ही पृथ्वी शॉ पर छोटी टीम की ओर से खेलते हैं तो यकीनन उन्हें इसका फायदा जरूर मिलेगा।
छोटी टीमों से खेल सकते हैं शॉ
25 वर्षीय पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की प्रतिभा की तारीफ हर दिग्गज खिलाड़ी करता दिखाई देता है, लेकिन उनकी फिटनेस को लेकर भी उन्हें सलाह देते रहते हैं। फिटनेस और अनुशासनहीनता के बाद मुंबई क्रिकेट संघ से उनकी लड़ाई भी जारी है, जिसके बाद अब उन्हें मुश्किल ही इस टीम से मौका मिलता दिखाई दे रहा है। शॉ (Prithvi Shaw) भी अर्जुन तेंदुलकर की तरह ही गोवा या फिर किसी अन्य छोटी टीम की तरफ से खेल सकते हैं। इससे उन्हें अधिक खेलने का मौका भी मिलेगा और वह अपने फॉर्म और फिटनेस से आलोचकों को करारा जवाब भी दे सकते हैं। साथ ही अगर वह इन टीमों के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वह आगे भारतीय टीम में वापसी कर सकते हैं।
फिटनेस पर करना होगा काम
शॉ (Prithvi Shaw) की फिटनेस उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है। लगातार उन्हें फिटनेस को लेकर सलाह मिलती रही है, लेकिन वह इसपर काम बिल्कुल नहीं करते दिखाई दे रहे हैं। एमसीए के अधिकारी ने भी शॉ को बाहर करने पर कहा था कि हमें अक्सर मैदान पर सिर्फ 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता था क्योंकि 11वें खिलाड़ी को मैदान पर छिपाना पड़ा था। साथ ही अधिकारी ने यह भी कहा कि वह अक्सर सुबह 6 बजे होटल लौटा करते थे और अधिकांश मौकों पर वह अभ्यास सत्रों से भी गायब रहते थे, जिसकी शिकायत कई सीनियर खिलाड़ी पहले ही कर चुके हैं। एक टीम में सबके लिए एक ही नियम लागू रहता है न कि हर खिलाड़ी के लिए अगल-अगल नियम बनाए जाएंगे।