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BCCI: न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से सीरीज गंवाने के बाद बीसीसीआई एक्शन मोड में आ गई है। हाल ही में बीसीसीआई (BCCI) ने खिलाड़ियों को लेकर 10 गाइडलाइंस को जारी किया था और नहीं मानने पर खिलाड़ियों को इसका खामियाजा भुगतने की बात कही। लेकिन बीसीसीआई के बनाएं 10 नियमों में से 3 नियम ऐसे हैं, जिससे टीम इंडिया में फूट पड़ना पूरी तरह से तय हैं।
इन नियमों के चलते खिलाड़ियों और हेड कोच गौतम गंभीर के बीच अनबन की स्थिति पैदा हो सकती है। न्यूजीलैंड से घरेलू सीरीज में 0-3 की हार और ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में 1-3 से मिली शिकस्त के बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। बीसीसीआई (BCCI) का यह फरमान सीनियर और जुनियर दोनों खिलाड़ियों के लिए मानना अनिवार्य होगा।
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ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फ्लॉप बल्लेबाजी और गेंदबाजी के कारण भारत को सीरीज 1-3 से गंवानी पड़ी थी। सीरीज हारने के बाद खुद गंभीर ने इस बात पर जोर दिया था कि सभी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट को महत्व देना जरूरी है। अगर कोई खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं है तो उसे घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी होगा।
यह नियम सभी खिलाड़ियों के लिए मानना जरूरी है। चाहें खिलाड़ी रोहित शर्मा हों या फिर विराट कोहली, सभी को घरेलू क्रिकेट में खेलना जरूरी होगा। खास बात यह है कि घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन के बाद ही खिलाड़ियों का सेलेक्शन टीम इंडिया में होगा। लेकिन अगर कोई खिलाड़ी फिट होने के बावजूद घरेलू क्रिकेट नहीं खेलता है तो उसे राष्ट्रीय दल में स्थान नहीं मिलेगा।
पर्सनल काम पर लगाई रोक
बीसीसीआई (BCCI) की जारी गाइडलाइंस में खिलाड़ियों के पर्सनल काम को लेकर भी नियम लागू किया गया है। इसके तहत खिलाड़ी आधिकारिक तौर पर किसी भी फोटो शूट, प्रमोशन और अन्य किसी तरह के प्रोग्राम में शामिल नहीं हो सकते हैं। बीसीसीआई ने यह फैसला खिलाड़ियों के हित और को देखते हुए लिया है। इस नियम से पहले खिलाड़ी विदेशी दौरे के दौरान ही अपना पर्सनल कार्य कर लिया करते थे, लेकिन अब ऐसा करने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस फैसले के बाद कोच और खिलाड़ियों के बीच थोड़ी अनबन का माहौल उत्पन्न हो सकता है।
खिलाड़ियों की निजी जिंदगी पर पड़ेगा असर
एक के बाद एक सीरीज गंवाने के बाद बीसीसीआई (BCCI) ने खिलाड़ियों को लेकर कई तरह के कड़े कदम उठाए हैं। खिलाड़ियों को विदेशी दौरे पर परिवार के साथ अब अधिक समय बिताने का मौका नहीं मिलेगा। अगर टूर 45 दिन ज्यादा का होता है तो ऐसे में खिलाड़ी परिवार के साथ सिर्फ 14 दिन ही बिता सकते हैं, जबकि 45 दिन से कम वाले दौरों में यह समय सीमा 7 दिन की रहेगी।
वहीं, सभी खिलाड़ियों को एक साथ टीम बस में सफर करना होगा, तो वहीं, टूर खत्म होने के तुरंत बाद खिलाड़ियों को घर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस तरह के कड़े नियम बनाने का मकसद खिलाड़ियों के बीच स्ट्रांग बॉन्डिंग को बनाना है। एक नियम यह भी है कि अभ्यास सत्र में सभी खिलाड़ियों को समय पर आना होगा और सभी को एक साथ जाना होगा। इससे खिलाड़ियों के बीच बेहतर रिश्ता बनने की उम्मीद है, लेकिन बीसीसीआई के इस फैसले के बाद खिलाड़ियों की निजी जिंदगी पूरी तरह से उथल-पुथल हो सकती है।