Team India: क्रिकेट ने कई खिलाड़ियों को नेम और फेम दोनों दिया है। इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने इस नेम और फेम को संभाल लिया और आज क्रिकेट की दुनिया में बड़ा नाम बन चुके हैं। वहीं, जो इसको संभाल नहीं पाए वह आज गुमनामी में अपना जीवन व्ययतीत कर रहे हैं। आज हम आपको उन दो होनहार बल्लेबाजों के बारे में बताने वाले हैं, जिनका करियर चंद मैचों के बाद ही पूरी तरह से तबाह हो गया। वहीं, एक खिलाड़ी तो अब रोड पर अपना जिंदगी बिताने पर मजबूर हो गया है।
सचिन के दोस्त का करियर तबाह
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली (Vinod Kambli) के गुरु एक ही थे। दोनों ने टीम इंडिया (Team India) के लिए क्रिकेट खेलना भी लगभग एक ही साथ शुरू किया था। मगर जहां एक तरफ सचिन ने अपने नेम और फेम को समय रहते संभाल लिया और क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई तो वहीं दूसरी तरफ उनके करीबी दोस्त विनोद कांबली भारत के लिए 107 वनडे और 17 टेस्ट मैच खेलने के बावजूद आज बीसीसीआई की पेंशन पर पूरी तरह से निर्भर हैं।
हालांकि उन्हें अपने शुरुआती करियर में काफी नाम और शोहरत मिली, लेकिन वह इसको सही से नहीं संभाल पाए और आज अपना जीवन गुमनामी के अंधेरे में बिता रहे हैं। विनोद कांबली ने भारत के लिए 17 टेस्ट में 54.20 की शानदार औसत के साथ 1084 रन बनाए थे, जिसमें 4 शतक और तीन अर्धशतकीय पारियां शामिल थीं। वहीं, 104 वनडे में 2 शतक और 14 अर्धशतक की मदद से उन्होंने 2477 रन बनाए थे। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि वो अब सड़क पर आ चुके हैं अपने इलाज तक के लिए उन्हें दूसरों से सहारा मांगना पड़ रहा है।
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कांबली के नक्शे कदम पर पृथ्वी शॉ
18 साल की उम्र में भारत (Team India) के लिए डेब्यू करने वाले पृथ्वी शॉ का (Prithvi Shaw) करियर भी कुछ खास नहीं रहा है। 25 साल के हो चुके पृथ्वी शॉ भी विनोद कांबली के नक्शे कदमों पर चलते दिखाई दे रहे हैं। एक समय उन्हें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग की तरह ही अगला भारतीय सितारा माना जा रहा था, लेकिन भारत के लिए 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20आई खेलने के बाद ही वह भारतीय टीम से बाहर हो गए हैं। हालात यह तक पहुंच गए हैं कि उन्हें अब मुंबई की घरेलू टीम में भी स्थान नहीं मिल रहा है।
उनके टीम इंडिया (Team India) से बाहर होने का सबसे बड़ा कारण उनकी फिटनेस और देर रात तक पार्टी करने को माना जा रहा है। हालांकि, अभी इस युवा खिलाड़ी के पास बहुत समय बाकी है। अगर यह सलामी बल्लेबाज अपनी फिटनेस और फॉर्म को पास लेता है तो जल्द ही टीम इंडिया में वापसी कर सकता है। बता दें कि, कि शॉ ने भारत के लिए 5 टेस्ट मैचों में एक शतक और दो अर्धशतक की मदद से 339 रन बनाए हैं। वहीं, 6 वनडे मैचों में उनके नाम 189 रन और 1 टी20आई में वह खाता खोले बिना ही आउट हो गए थे।
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