आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप (ICC Test Championship) का फाइनल मुकाबला जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, फैंस की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है। इस बीच भारतीय टीम इंग्लैंड पहुंचकर नियमित क्वारेंटीन में है, तो वहीं कीवी टीम मेजबान इंग्लैंड टीम के साथ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है। लॉर्ड्स के मैदान पर खेले जा रहे मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ, जो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अच्छी खबर साबित हो रहा है।
पहले टेस्ट में फ्लॉप हुआ न्यूजीलैंड का मध्य क्रम
इंग्लैंड के साथ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड की टीम ने पहली पारी में 376 रन बनाए। जो एक सम्मानजनक स्कोर है। लेकिन इस मैच में किवी टीम की मध्य क्रम बुरी तरह एक्सपोज हो गया है। दरअसल, टॉस जीतकर केन विलियमसन ने बल्लेबाजी करने का फैसला किया। जिसमें यदि डेवन कॉन्वे व हैनरी निकोल्स की पारी को छोड़ दिया जाए, तो किसी बल्लेबाज के बल्ले से रन नहीं निकले।
पहली पारी में मध्य क्रम ने बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया। केन विलियमसन 13, रॉस टेलर 14, बीजे वॉटलिंग 1, कॉलिन डी 0, मिचेल सैंटनर 0, काइल जैमिसन 9, टिम साउदी 8 रन पर आउट हुए। इस तरह किवी टीम का मध्य क्रम उसकी कमजोरी बनकर सामने आया है।
डेवन कॉन्वे से रहना होगा सतर्क
न्यूजीलैंड के लिए टेस्ट डेब्यू मैच खेल रहे डेवन कॉन्वे ने बहुत शानदार बल्लेबाजी की और लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर शतक लगाकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 347 गेंदों पर 22 चौकों व 1 छक्के की मदद से 200 रनों की लाजबाव पारी खेली। डेवन कॉन्वे ने अपनी बल्लेबाजी से यकीनन भारतीय टीम की चिंता बढ़ा दी होगी, क्योंकि इस बड़ी पारी ने खिलाड़ी को आत्मविश्वास दिया होगा और वह आगामी चैंपियनशिप फाइनल में इस खिलाड़ी से सतर्क रहना चाहेंगे। हालांकि किवी टीम में हैनरी के 61 रन पर आउट होने के बाद एक छोर पर कॉन्वे डटे रहे, लेकिन दूसरी छोर पर बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए।
न्यूजीलैंड का पलड़ा होगा भारी?
पिछले काफी वक्त से क्रिकेट के गलियारों में इस बात पर चर्चा जारी है कि आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप ( Test Championship) फाइनल में न्यूजीलांड क्रिकेट टीम का पलड़ा भारी रहेगा। इसका कारण ये है कि फाइनल मैच से पहले किवी टीम 2 टेस्ट मैचों की सीरीज इंग्लैंड के साथ खेलेगी, जिसका पहला मैच लॉर्ड्स में शुरु हो चुका है। भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि न्यूजीलैंड को इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेलने का फायदा मिलेगा, मगर भारतीय टीम फाइनल में पूरी मजबूती के साथ उतरेगी और अपने खेल का आनंद लेगी।