WTC final 2025 Scenario: भारत ने पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में जीत हासिल कर ली है। टीम इंडिया ने यह मैच 295 रनों के अंतर से जीता। इस जीत के बाद WTC फाइनल की पॉइंट टेबल में बड़ा बदलाव देखने को मिला। जीत के बाद टीम इंडिया पॉइंट टेबल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहले स्थान पर आ गई है। पहले स्थान पर पहुंचने के बाद सभी फैंस के मन में सवाल है कि रोहित शर्मा की टीम तीसरी बार फाइनल में कैसे पहुंच सकती है। तो चलिए आपको बताते हैं भारत के फाइनल में पहुंचने के समीकरण के बारे में
टीम इंडिया का WTC final 2025 Scenario
आपको बता दें कि पर्थ में 295 रनों से जीत हासिल कर टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहला स्थान हासिल कर लिया है। उनका पॉइंट प्रतिशत भी 58.33 से सुधरकर 61.11 हो गया है। अब अगर भारत को WTC फाइनल (WTC final 2025 Scenario) खेलना है तो सबसे पहले उसे अपना बचा हुआ मैच जीतना होगा। आपको पता ही होगा कि भारत को 4 और मैच खेलने हैं, अगर टीम इंडिया इन चारों मैचों में जीत जाती है तो रोहित एंड कंपनी की किस्मत चमक जाएगी। तब भारत का प्रतिशत 69.30 हो जाएगा।
भारत को मैच जीतने होंगे
लेकिन अगर टीम इंडिया सिर्फ़ एक मैच भी हार जाती है तो भी उसे कोई नुकसान नहीं होगा। अगर सीरीज 4-1 से जीत जाती है तो टीम 64.04 प्रतिशत पर पहुंच पाएगी। इस लिहाज से यह लगभग तय है कि भारत WTC फाइनल (WTC final 2025 Scenario)खेलेगा। लेकिन अगर टीम इंडिया 2 मैच हार जाती है तो यह टेंशन शुरू हो जाएगी।
क्योंकि रोहित की टीम का क्वालिफाई करना मुश्किल है। उस स्थिति में भारत को दूसरी टीमों पर निर्भर रहना पड़ेगा। अगर भारत 3-2 के स्कोरलाइन पर जीतता है तो उसका जीत प्रतिशत 58.77 हो जाएगा। ऐसे में भारत के लिए अपनी मेहनत से क्वालिफाई करना मुश्किल है।
भारत को बस अपना जीत प्रतिशत 60 के करीब रखना है
गौरतलब है कि WTC फाइनल (WTC final 2025 Scenario)में सिर्फ़ शीर्ष दो टीमें ही पॉइंट टेबल के लिए क्वालिफाई करती हैं। फाइनल में प्रवेश करने के लिए टीमों का जीत प्रतिशत 60 से ऊपर होना चाहिए। सबसे सुरक्षित टीम वह है, जो 60 का जीत प्रतिशत बनाए रखती है तो वह बिना किसी जोड़-घटाव के फाइनल में प्रवेश कर जाएगी।
अगर टीम इंडिया की बात करें तो उसे अगर WTC फाइनल में पहुंचना है तो उसे बिना किसी पर निर्भर हुए बाकी बचे तीनों मैच जीतने होंगे। अगर वह यह समीकरण नहीं बना पाती है तो उसे अगर-मगर करके दूसरी टीमों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
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