आईपीएल 2021 के स्थगित होने के बाद टीम इंडिया (Team India) जून में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल की तैयारी कर रही है. इसके लिए टीम की घोषणा की जा चुका है. यह मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 से 22 जून के बीच खेला साउथम्पटन शहर के द एजेस बाउल स्टेडियम में खेला जाएगा. लेकिन, इस स्टेडियम में अब तक भारतीय टीम का इतिहास कैसा रहा है, जानते हैं इस खबर के जरिए...
दरअसल जिस ग्राउंड पर न्यूजीलैंड के साथ भारत भिड़ने वाला है, उसका इतिहास भारतीय टीम के लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहा है. टीम इंडिया (Team India) ने अब तक इस मैदान पर दो मैच खेले हैं और इन दोनों ही मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही काउंटी सीजन में अभी तक जिस तरह के मैच खेले जा रहे हैं, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह भारत के लिए यह किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है.
काउंटी सीजन के पहले मैच में ऐसा रहा टीमों का हाल
काउंटी सीजन के मुकाबलों की बात करें तो एजेस बाउल में खेले गए पहले मैच (15 से 18 अप्रैल) में मिडिलसेक्स की टीम केवल 79 रन बनाकर ऑलराउट हो गई थी. पहले बल्लेबाजी करते हुए हैम्पशायर की टीम ने 319 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था. इस लक्ष्य को हासिल करने उतरी मिडिलसेक्स की पूरी टीम फ्लॉप साबित हुई.
हैम्पशायर की तरफ से पाकिस्तान के स्विंग गेंदबाज मोहम्मद अब्बास ने 6 विकेट चटकाए थे. इस बाद दूसरी पारी में खेलने उतरी हैम्पशायर ने 4 विकेट के नुकसान पर 290 रन बनाकार पारी घोषित कर दी. जिसके जवाब में उतरी मिडिलसेक्स की पूरी टीम 281 रन पर ही ऑलआउट हो गई और इस मैच को हैम्पशायर ने 249 रन से जीत लिया.
तीसरे मैच में हैम्पशायर सिर्फ 79 रन पर हो गई थी ऑलआउट
इस मैदान पर केवल विपक्षी टीम को ही संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि तीसरे मैच में समरसेट के खिलाफ खेलने उतरी हैम्पशायर टीम भी सिर्फ 79 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी. इस मुकाबले में मीडियम पेसर और स्विंग गेंदबाजों का जलवा जारी रहा.
समरसेट की तरफ से गेंदबाजी करने उतरे लेविस ग्रेगरी ने सिर्फ 26 रन देकर 4 विकेट चटकाए. जबकि क्रेग ओवर्टन और जॉश डेवी ने 2-2 विकेट अपने नाम किए.
न्यूजीलैंड के पास स्विंग गेंदबाजों की है लंबी लाइन-अप
काउंटी मैच के ऑंकड़ों के मुताबिक देखें तो न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पास तेज गेंदबाजों का लाइन-अप बेहद मजबूत है. इस टीम में ट्रेंट बोल्ट से लेकर टिम साउदी, काइल जेमिसन और नील वैगनर जैसे तेज बॉलर हैं, जो गेंद फेंकने के साथ-साथ उसे स्विंग कराने की भी काबिलियत रखते हैं. ऐसे में यदि पिच और विकेट पर उन्हें मदद मिली तो भारत के लिए खई तरह की चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं.
भारत के पास भी तेज गेंदबाजों की कमीं नहीं
हालांकि टीम इंडिया (Team India) में भी तेज गेंदबाजों का आक्रमण विरोधी टीम के मुकाबले कम नहीं है. क्योंकि भारतीय टीम के पास इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज जैसे शानदार बॉलर हैं. इनकी गिनती क्रिकेट जगत के शीर्ष गेंदबाजों में होती है. लेकिन, न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों की बात करें तो इन्हें सीमिंग और स्विंगिंग कंडीशन में खेलने की आदत है. पिछले न्यूजीलैंड दौरे पर भारत को टेस्ट मैचों की श्रृंखला में टीम को 2-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
पिच न्यूट्रल होगी, मौसम के हिसाब से गेंदबाजों को मिलेगा फायदा
टीम इंडिया (Team India) के लिए अच्छी बात ये है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच को आयोजन आईसीसी कर रही है. ऐसे में क्रिकेट काउंसिल किसी एक टीम के हिसाब से पिच तैयार नहीं करवाएगी. लेकिन, इस बीच यदि आसमान में बादल छाए तो स्विंग गेंदबाजों को पलड़ा भारी कहा जा सकता है. क्योंकि यह मुकाबला जून के आखिर में खेला जाएगा. इस दौरान इंग्लैंड में गर्मी काफी बढ़ चुकी होगी और स्विंग में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है. लेकिन, अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.