IND vs NZ: जीत के बावजूद जाहिर हुई Team India की ये 3 बड़ी कमजोरी, दूसरे नंबर की कमी पर ध्यान देना होगा जरूरी

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Shilpi Sharma
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3 big weaknesses of Team India were revealed

मुंबई के वानखेडे़ स्टेडियम में 372 रनों से मिली जीत के साथ Team India ने सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया है. घरेलू सरजमीं पर ये भारत की लगातार टेस्ट सीरीज की 14वीं जीत है. जो यकीनन भारतीय खिलाड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि फैंस के लिए भी खुशी का मौका है. इस जीत में कई खिलाड़ियों का खास योगदान रहा. वानखेड़े पर स्पिनर का बोलबाला रहा.

कीवी टीम ने भले ही सीरीज को गंवा दिया लेकिन, मुंबई में जन्मे भारतीय मूल के न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल ने कई बड़े कारनामे किए. पहली इनिंग में उन्होंने पूरे 10 विकेट लेकर दिग्गजों के क्लब में एंट्री मारी. इसके बाद दूसरी इनिंग में उन्होंने कुल 4 विकेट हासिल किए. वहीं भारतीय टीम की ओर से इस सीरीज में सबसे ज्यादा सफलता आर अश्विन के हाथ लगी.

इस टेस्ट सीरीज को भले ही टीम इंडिया (Team India) ने जीत लिया. लेकिन, इस दौरान कई ऐसी कमजोरियां देखने को मिली जिस पर खिलाड़ियों को ध्यान देना जरूरी है. हम अपने इस आर्टिकल में उन्हीं 3 कमियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो इस टेस्ट सीरीज में देखने को मिली.

पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में मुश्किल

Ajaz patel-rachin ravindra

इस टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला कानपुर के ग्रीन पार्क में खेला गया था. जिसमें भारतीय टीम जीत के काफी करीब थी. लेकिन, एक विकेट लेने के लिए टीम के अनुभवी गेंदबाज भी काफी संघर्ष करते हुए नजर आए थे. न्यूजीलैंड ने कानपुर टेस्ट मैच के 5वें दिन कुल 8 विकेट खो दिए थे. लेकिन, टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों में एक आत्मविश्वास दिखा.

दूसरे टेस्ट मैच को टीम इंडिया (Team India) ने आसानी से जीत लिया और पहले मुकाबले को भी जीत सकती थी. हालांकि ऐसा नहीं सका. निचले क्रम के बल्लेबाज एजाज पटेल और रचिन रवींद्र के बीच 52 गेंदों की साझेदारी हुई और दोनों आखिरी तक कानपुर टेस्ट को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था.

रचिन का ये डेब्यू टेस्ट था. ज्यादा अनुभव ना होने की बावजूद उनका ध्यान सिर्फ टेस्ट को ड्रॉ कराने पर था और हुआ भी कुछ ऐसा ही. इस दौरान भारतीय टीम के अनुभवी गेंदबाज इन गैरअनुभवी कीवी बल्लेबाजों के सामने  सिर्फ बेबस नजर आए.

बड़े खिलाड़ियों का खराब फॉर्म जारी

ajinkya rahane-cheteshwar pujara

भारतीय टीम के मध्यक्रम में फिर से वही कमजोरी देखने को मिली जो कुछ समय से लगातार चली आ रही है. पहले टेस्ट मैच में विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारत के नेतृत्व की जिम्मेदारी उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे के कंधों पर थी. जिसे लगभग उन्होंने बखूबी तरीके से निभाया. लेकिन, एक कप्तानी पारी खेलने में असफल रहे. इस पूरे मुकाबले में रहाणे बल्ले से फ्लॉप रहे.

यहां तक कि रन बनाने से भी सिर्फ जूझते हुए दिखाई दिए. शायद यही कारण था कि उन्हें दूसरे टेस्ट में मौका नहीं मिला. सिर्फ रहाणे ही नहीं बल्कि चेतेश्वर पुजारा का भी खराब प्रदर्शन इस सीरीज में जारी रहा. वो भी इस श्रृंखला में एक भी बेहतरीन पारी नहीं खेल सके. इन दोनों से फैंस और मैनेजमेंट को बेहतर की उम्मीद थी. लेकिन, उस पर पूरी तरह से पानी फिर गया.

इसके अलावा विराट Team India के कप्तान कोहली के बल्ले से शतक के सूखे के खत्म होने की पूरी उम्मीद थी. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में उनका रिकॉर्ड भी बेहद शानदार रहा था. लेकिन, इस टेस्ट मुकाबले की दोनों इनिंग मिलाकर भी कोहली अर्धशतक के बराबर भी रन नहीं बना सके.

तेज गेंदबाजी इकाई का प्रदर्शन

Team India Fast Bowler

भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेली गई इस टेस्ट सीरीज में तेज गेंदबाजों का दमखम फीका नजर आया. उमेश यादव को पहले कानपुर टेस्ट मैच में जरूर सफलता मिली थी. लेकिन, दूसरे मैच में उनके हाथ एक भी विकेट नहीं लगी. जबकि ईशांत शर्मा की बात करें तो वो भी विकेट के लिए कानपुर टेस्ट में सिर्फ संघर्ष करते हुए नजर आए थे.

हालांकि वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली इनिंग में मोहम्मद सिराज ने अपनी शानदार स्पेल से कीवी खिलाड़ियों को परेशान किया था और विकेट भी झटके थे. लेकिन, दूसरी पारी में उनके हाथ भी एक भी सफलता नहीं लगी. ऐसे में कहीं ना कहीं तेज गेंदबाजी ईकाई में टीम इंडिया (Team India) कमजोरी साफ दिखाई दी.

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