भारत-इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला अमदाबाद में खेला जा रहा है, टीम इंडिया को टॉस जीतकर इंग्लिश टीम ने पहले गेंदबाजी करने का मौका दिया है. फिलहाल बात करें भारतीय टीम के प्लेइंग इलेवन की तो, आखिर के मुकाबले में सिर्फ 1 ही बदलाव के साथ विराट की टीम चौथे मुकाबले में उतरी है. हालांकि इस मैच का हिस्सा जसप्रीत बुमराह नहीं है, और उनकी जगह तेज गेंदबाज को मौका दिया गया है.
भारतीय टीम जिस प्लेइंग 11 के साथ चौथे मुकाबले में उतरी है, उसे देखकर ये कहा जा सकता है कि, 3 ऐसे फैसले भारतीय टीम मैनेजमेंट ने लिया है, जो समझ से भी परे हैं. कौन से हैं वो तीन खिलाड़ी,.. बात करते हैं इस खेस रिपोर्ट के जरिए.
उमेश यादव
जसप्रीत बुमराह चौथे टेस्ट मैच से खुद को अलग कर चुके थे, इस खबर की पुष्टि खुद बीसीसीआई कर चुकी है. अंतिम मैच से पहले ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने यह जानकारी दी थी कि, बुमराह ने खुद आग्रह किया था कि, वो किसी निजी कारण की वजह से आखिरी मुकाबले में नहीं खेलना चाहते हैं.
हालांकि बुमराह के बाहर होने के बाद इस तरह के कयास लगाए गए थे कि, यॉर्कर किंग की जगह टीम इंडिया में उमेश यादव की वापसी होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि उमेश की बजाय बुमराह की जगह टीम में मोहम्मद सिराज को जगह दी गई है.
ऐसे में मैनेजमेंट पर यह सवाल उठना जायज है कि, आखिर अनुभवी खिलाड़ी उमेश यादव की बजाय सिराज को किस वजह से जगह दी गई. खासकर तब जब उन्हें आखिरी के मुकाबले की 17 सदस्यीय टीम से जोड़ा गया था. ऐसे में उन्हें बिठाए रखना फैसला लोगों के बिल्कुल समझ से परे है.
हार्दिक पांड्या
दूसरे नंबर पर इस लिस्ट में शानदार ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या का नाम आता है, जिन्हें चारो टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया की 17 सदस्यीय टीम से जोड़ा गया था, लेकिन उन्हें एक भी मुकाबले में प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बनाया गया.
हालांकि पांड्या आखिरी मैच में उनकी टीम में वापसी की उम्मीदें की जा रही थी, लेकिन अंतिम टेस्ट मुकाबले में भी उन्हें जगह नहीं दी गई. लेकिन सवाल ये उठता है कि, यदि उन्हें भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में शामिल ही नहीं करना था तो आखिर उन्हें टीम से क्यों जोड़ा.
फिलहाल हार्दिक पांड्या का नाम टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स की लिस्ट में आता हैं, जिन्हें फिनिशर के तौर पर भी लोग जानते हैं. लेकिन चारो टेस्ट मैच में उन्हें बिठाए रखना टीम मैनेजमेंट का फैसला समझ से बिल्कुल परे है.
कुलदीप यादव
आखिर में बात करते हैं स्पिनर गेंदबाज कुलदीप यादव की, जिन्हें इस टेस्ट सीरीज में सिर्फ 1 ही मुकाबले में खेलने का मौका दिया गया था. हालांकि दूसरे मैच में वो टीम इंडिया के लिए काफी किफायती गेंदबाज भी साबित हुए थे, और 2 विकेट भी चटकाए थे. इस बीच आखिर मुकाबले में वाशिंगटन सुंदर को प्लेइंग 11 में दोबारा से रिटेन किया गया है.
हालांकि सुंदर की जगह कुलदीप की वापसी के कयास लगाए जा रहे थे, क्योंकि सुंदर को गेंदबाजी करने का ज्यादा मौका नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में स्पिनर के तौर पर टीम मैनेजमेंट कुलदीप यादव को जगह दे सकती थी. क्योंकि पिच पर जिस तरह से स्पिनरों को फायदा मिल रहा है, उसके मुताबिक कुलदीप भी टीम इंडिया की तरफ से अंग्रेजी टीम को जल्द ऑलआउट कर पवेलियन भेजने में मदद कर सकते थे.
ऐसी स्थिति में सुंदर की टीम में जरूरत भी नहीं होती, क्योंकि भारत को ज्यादा बल्लेबाजी करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती. इसलिए यह कहा जा सकता है कि, आखिरी मुकाबले में उन्हें बेंच पर बिठाए रखने का फैसला भारत का समझ से बिल्कुल परे थे.