टीम इंडिया के इन 3 कोचों ने भारतीय क्रिकेट को इस मुकाम तक पहुंचाने में निभाई अहम भूमिका

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Sonam Gupta
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भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) आज दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में गिनी जाती है। आईसीसी रैंकिंग में टीम का जलवा देख सकते हैं। सीमित ओवर क्रिकेट के अलावा टेस्ट में टीम इंडिया लाजवाब प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रही है। इसके लिए खिलाड़ियों को तो श्रेय जाता ही है, लेकिन उसके अलावा कुछ ऐसे दिग्गज भी रहे हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को इस मुकाम तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।

भारत के कुछ कोच ऐसे रहे हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। तो आइस इस आर्टिकल में आपको उन 3 भारतीय कोचों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेटको इस मुकाम तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है।

       3 कोचों ने Team India को इस मुकाम पर पहुंचाया

1- रवि शास्त्री

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रवि शास्त्री को साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार के बाद अनिल कुंबले के स्थान पर Team India का कोच बनाया गया था। हालांकि इससे पहले भी शास्त्री एक लंबे तक टीम इंडिया के साथ बतौर डायरेक्टर के रूप में जुड़े रहे। जानकारी के लिए बता दें कि 2015 के वनडे वर्ल्ड कप में जब भारत ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, उस समय रवि ही टीम के डायरेक्टर थे।

रवि शास्त्री की कोचिंग में ही भारतीय टीम ने साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक भी सफ़र तय किया था और उनकी कोचिंग में टीम टेस्ट में भी नंबर-1 बनी रही। शास्त्री के कार्यकाल में ही टीम इंडिया ने लगातार दो बार इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में हराकर एक नायब इतिहास रचा।

उनका कार्यकाल वैसे 2019 में पूरा हो गया था, लेकिन उसके बाद उनको फिर से हेड कोच के पद पर बरकरार रखा गया और टीम इंडिया का तीनों फॉर्मेट में शानदार खेल जारी रहा। रवि शास्त्री टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के भी काफी खास माने जाते हैं।

2- गैरी कर्स्टन

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गैरी कर्स्टन को Team India के सबसे सफलतम कोचों में गिना जाता है। वह गैरी ही थे जिनकी कोचिंग में भारतीय क्रिकेट टीम ने पूरे 28 सालों के एक लंबे अंतराल के बाद एकदिवसीय विश्व कप जीतकर इतिहास रचा था। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज गैरी कर्स्टन को 2008 में टीम इंडिया के हेड कोच के पद पर नियुक्त किया था।

साल 2008 में कर्स्टन के टीम इंडिया से जुड़ने के बाद टीम के मानों तस्वीर ही बदल गई। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन की जोड़ी ने हर एक फॉर्मेट में भारतीय टीम को नंबर-1 पर पहुंचाने का काम किया। 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने के साथ-साथ टीम ने 2009 में टेस्ट में भी बेस्ट बनकर दिखाया।

ऑस्ट्रेलिया को टीम इंडिया ने अपनी सरजमीं पर 2008 और 2010 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बुरी तरह हराकर वापस भेजा। गैरी कर्स्टन 2008 से लेकर 2011 तक भारत के हेड कोच रहे। उनकी ही कोचिंग में एमएस धोनी ने भी बतौर कप्तान एक से बढ़कर एक कीर्तिमान स्थापित किए।

3- जॉन राइट

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इस लिस्ट में तीसरा नाम न्यूजीलैंड के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक रहे जॉन राइट का आता है। राइट को साल 2000 में कपिल देव के बाद टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था और सबसे खास बात तो ये रही कि जब जॉन राइट को Team India का कोच नियुक्त किया गया, उस समय क्रिकेट की दुनिया और भारतीय क्रिकेट पर फिक्सिंग का बहुत बुरा साया चल रहा था।

मगर फिक्सिंग के साये के बीच ना सिर्फ जॉन ने बेहतरीन काम किया बल्कि Team India को अलग मुकाम पर भी पहुंचाया। राइट को उस समय के टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली का पूरा साथ मिला। इतना ही नहीं गांगुली और राइट की जोड़ी विपक्षी टीमों के लिए एक बड़ा सिर दर्द तक बन गई थी।

राइट के कार्यकाल में ही भारत ने 2002 में इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर हराकर नेटवेस्ट ट्रॉफी पर अपना कब्ज़ा जमाया था और 2003 के विश्व कप में भी टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था। 2001 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्ट मैच में मिली जीत के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा था, तब भी जॉन ही भारत के कोच थे। उनका कोचिंग कार्यकाल 2000 से 2005 तक के बीच का रहा।

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