सुरेश रैना ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी को लेकर की जमकर तारीफ, दादा की कप्तानी को लेकर कही ये बात

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Sonam Gupta
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टीम इंडिया की सफलता का श्रेय काफी तक भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को दिया जाता है। माना जाता है कि 2000 में हुए मैच फिक्सिंग विवाद के बाद गांगुली ने टीम की कमान संभाली और टीम को विदेशी सरजमीं पर जीत हासिल करने का आदत डलवाई। आज जिस भारतीय टीम ने विश्व क्रिकेट में अपना दबदबा बनाए रखा है, उसमें गांगुली की अहम भूमिका रही है। लेकिन सुरेश रैना का इस मामले पर कुछ और सोचना है, जिसका खुलासा उन्होंने अपनी किताब ‘Believe: What Life and Cricket Taught Me’ में किया है।

राहुल द्रविड़ जूनियर खिलाड़ियों के लिए लड़ते थे

Suresh Raina

भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ की कप्तानी को लेकर क्रिकेट जगत में ज्यादा चर्चा नहीं होती है। हालांकि उनका कद विश्व क्रिकेट में बहुत ऊंचा है और उनके आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं। अब Suresh Raina ने भारत के जेन्टलमेन राहुल द्रविड़ को लेकर अपनी आने वाली किताब ‘Believe: What Life and Cricket Taught Me’ में उनकी कप्तानी की जमकर सराहना की है। रैना ने कहा,

“राहुल भाई हमेशा से परिवार की तरह हैं। वह जूनियर खिलाड़ियों के लिए लड़ते रहते थे। यह अतिरिक्त प्रयास हमेशा असर छोड़ते थे। युवा खिलाड़ी उनके लिए काफी मायने रखते थे। आप देखिए उनके रहते हुए कितने खिलाड़ी परिपक्व हुए महेंद्र सिंह धोनी, इरफान पठान, युवराज सिंह, पीयूष चावला, दिनेश कार्तिक, मुनाफ पटेल, एस. श्रीसंत और मैं। राहुल भाई जानते थे कि सात-आठ लड़के आने वाले वर्षों में टीम का चेहरा होंगे और उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि हम अच्छे से निखरें।”

धोनी, गांगुली को क्रेडिट देने से Suresh Raina नहीं सहमत

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को बड़े-बड़े मैच विनर खिलाड़ी बनाकर दिए, जिन्होंने भारतीय टीम को ऊंचाईयों तक पहुंचाने में अहम योगदान रहा है। वहीं धोनी ने भारत को 3 आईसीसी ट्रॉफी जिताई और उन्होंने भी मैच विनर खिलाड़ी तैयार किए। Suresh Raina ने इसपर बात करते हुए लिखा,

“आमतौर पर, जब भी लोग उस भारतीय टीम की बात करते हैं तो जो 10-15 साल में निखर कर आई है तो इसका श्रेय धोनी और इससे पहले गांगुली को दिया जाता है, कि इन दोनों ने टीम बनाई और भारतीय टीम को आगे ले गए। मैं कभी इससे पूरी तरह से सहमत नहीं हूं. मैंने कभी नहीं कहा कि दादा ने यह टीम बनाई। उन्होंने और धोनी ने टीम की कप्तानी की और असर भी डाला, यह सच है, लेकिन तीन प्रारूपों में टीम को बनाने का श्रेय राहुल द्रविड़ को जाता है।”

रणजी खेलने की देते थे सलाह

Suresh Raina

Suresh Raina ने अपनी किताब में ये खुलासा भी किया है कि राहुल द्रविड़ खिलाड़ियों को हमेशा रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह देते थे। रैना ने द्रविड़ की कप्तानी में 2005 में डेब्यू किया था। अब उन्होंने आगे लिखा,

“राहुल भाई टीम में युवा खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए चयनकर्ताओं से लड़ जाते थे और एक सलाह वो हमेशा हमें देते थे कि जब भी संभव हो रणजी ट्रॉफी खेलो, अच्छा प्रदर्शन करो और खूब रन बनाओ और फिर वापस आकर भारत के लिए खेलो। वह खुद रणजी ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए कई सारे मैच खेला करते थे।”

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