भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) इस वक्त आईपीएल को सुरक्षित ढ़ंग से आयोजित कराने में लगे हुए हैं। इस बीच उन्होंने एक ऑनलाउन ट्यूटोरियल ऐप पर बात करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार खिलाड़ियों की तारीफ की है। गांगुली ने विराट, रोहित, पंत जैसे खिलाड़ियों का जिक्र किया।
Sourav Ganguly ने भारतीय खिलाड़ियों की तारीफ की
भारतीय टीम हमेशा से ही प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से सजी रही है। मौजूदा भारतीय टीम में कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें खेलते देखना किसी भी खेल प्रेमी के लिए रोमांचक होता है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ऑनलाइन 'ट्यूटोरियल ऐप क्लासप्लस' द्वारा आयोजित एक सेशन के दौरान कहा,
"(देश में) कुछ शानदार खिलाड़ी हैं और बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मुझे लगता है कि यह नहीं बताना चाहिए कि मेरा पसंदीदा खिलाड़ी कौन है। मेरे लिए सभी पसंदीदा हैं लेकिन मैं कोहली के खेल का लुत्फ उठाता हूं, मैं रोहित शर्मा के खेल का आनंद लेता हूं।"
"मैं ऋषभ पंत से प्रभावित हूं क्योंकि मुझे लगता है कि वह एक कम्प्लीट मैच विजेता हैं। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी शानदार हैं। मुझे शार्दुल ठाकुर बहुत पसंद हैं क्योंकि उसमें हिम्मत और जुझारूपन है।"
भारतीय क्रिकेट के पास है अपार प्रतिभा
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का कहना है कि भारतीय क्रिकेट में जब कोई दिग्गज खिलाड़ी संन्यास लेता है, तो उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी तैयार रहता है। उन्होंने आगे कहा,
"भारत में क्रिकेट में अपार प्रतिभा है। जब (सुनील) गावस्कर थे, तो लोग सोचते थे कि उनके बाद क्या होगा, तब सचिन (तेंदुलकर), (राहुल) द्रविड़, अनिल कुंबले आए थे। जब तेंदुलकर, द्रविड़ खेल को अलविदा कहा तो विराट कोहली, रोहित शर्मा और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों ने टीम को संभाला।"
"मैं खुद के लिए 1992 की सीरीज को असफल मानता हूं। सच कहूं तो मुझे खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले और मैं ऑस्ट्रेलिया के दौरे से वापस आया, लेकिन मैं युवा था। उस (सीरीज) ने वास्तव में मुझे एक बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की।"
खुद को किया था शारीरिक-मानसिक रूप से तैयार
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने अपने क्रिकेट करियर के दिनों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने खुद को मानसिक-शारीरिक रुप से तैयार किया था। गांगुली ने कहा,
"मैं मानसिक रूप से मजबूत होकर वापस आया। मैं उस समय उतना फिट नहीं था, मैं समझ गया था कि इंटरनेशनल क्रिकेट क्या है। मैंने न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी दबाव को संभालने के लिए तीन-चार साल के लिए खुद को ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया।"
इस पूर्व दिग्गज ने कहा,
"ऑस्ट्रेलिया दौरे की 1992 की सीरीज ने वास्तव में मुझे एक बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद की। जब मैं 1996 में इंग्लैंड गया, तो मैं बहुत मजबूत था। मुझे पता था कि इंटरनेशनल स्तर पर रन बनाने के लिए क्या करना होता है।"